अयोध्या: रामनगरी अयोध्या के मठ मंदिर में एक और उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है. यह उत्सव जगन्नाथ रथ यात्रा का है. 7 जुलाई को बड़ी भव्यता के साथ धूमधाम से भगवान की शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो मंदिरों से निकल कर सरयू के तट तक जाएगी. अयोध्या के राम मंदिर सहित लगभग एक दर्जन मंदिरों में इस उत्सव की परंपरा को निभाया जाता है. वहीं राम मंदिर के निकट स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर इस उत्सव में आकर्षण का केंद्र होता है. जहां पर 29 जून से भगवान जगन्नाथ का विशेष पूजन प्रारंभ होने के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन पर एक सप्ताह के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
मंदिर के महंत राघवाचार्य के मुताबिक, पौराणिक कथा है कि जगन्नाथपुरी में जब भगवान विष्णु तालाब में स्नान करने गए थे. उन्होंने इतना स्नान किया कि वह बीमार हो गए और जब वह घर में आए तो लक्ष्मी जी नहीं थी. वह भी रूठ कर अपने मायके चली गई थी. इससे ठाकुर जी अस्वस्थ हो गए थे. उन्होंने बताया, कि त्रियोदशी से भगवान को विभिन्न प्रकार के औषधि युक्त काढा दिया जाता है. इस दौरान भगवान को एक सप्ताह के लिए विश्राम करा दिया जाएगा. जहां आने वाली अमावस्या तक भगवान का पूजन अर्चन और काढा दिए जाने का कार्य पुजारी के द्वारा किया जाएगा.
इसे भी पढ़े-अयोध्या राम मंदिर में रात नौ बजे के बाद VIP दर्शन पर रोक, आरती के लिए पास अनिवार्य - Ayodhya News
प्रतिपदा को भगवान स्वस्थ होते हैं, तो उन्हें विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन के बाद खिचड़ी भोग लगाया जाएगा, लेकिन, पहले इस दिन भगवान फिर से स्नान करने के लिए बाहर आएंगे और विधि विधान पूर्वक औषधियों से उनका अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद भगवान का श्रृंगार होगा और फिर भोग लगाएं जाने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. 7 जुलाई को भव्य गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा निकल जाएगी. जो कि अयोध्या के प्रमुख मार्गो से होते हुए सरयू तट तक पहुंचेगी. जहां पर पूजन अर्चन के बाद पुनः वापस मंदिर लाया जाएगा. इस तकह इस उत्सव का समापन होगा.
पुजारी रामजी ने बताया, कि मंदिर में भगवान उत्सव शुरू हो गया 21 जून से श्रीमद् भागवत कथा के साथ प्रारंभ हो गया है. 6 तारीख को संतों की एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा और फिर 7 जुलाई को भगवान की शोभायात्रा निकाली जाएगी. जिसमें दुनिया भर से आने वाले भक्त और अयोध्या के साधु संत शामिल होंगें.