जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हिस्सा लेने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहुंचे. इस मौके पर रानी दुर्गावती के बलिदान स्थल नरई नाले पर मुख्यमंत्री ने पुष्प अर्पित किए. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि रानी दुर्गावती की कहानी को मध्य प्रदेश सरकार पाठ्यक्रम में शामिल करेगी.
CM मोहन यादव ने किया आदिवासी डांस
रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के मौके पर सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जबलपुर पहुंचे. जबलपुर में उन्होंने रानी के बलिदान स्थल नरई नाले के पास जाकर रानी दुर्गावती की समाधि पर पुष्प अर्पित किए. यहां मोहन यादव ने गोंडवाना संस्कृति के परिधान को पहनकर गोंडी नृत्य भी किया. इस मौके पर जबलपुर के वेटनरी कॉलेज में मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि रानी दुर्गावती के नाम पर जबलपुर के एयरपोर्ट का नाम किया जाना चाहिए. इसके साथ ही जबलपुर में बनने वाले मध्य प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाई ओवर का नाम भी रानी दुर्गावती के नाम पर रखा जाए.
पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी रानी दुर्गावती की कहानी
वहीं, मध्य प्रदेश के पंचायती एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि ''यह जरूरी है कि हम अपने महापुरुषों को याद करें, लेकिन हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि अत्याचारियों ने किस तरह हमारे महापुरुषों के साथ अत्याचार किया था.'' मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि ''अंग्रेजों के समय रचे गए इतिहास में गोंडवाना साम्राज्य के इतिहास को सही तरीके से नहीं लिखा गया और हमारे महान क्रांतिकारियों को इतिहास में जगह नहीं दी गई. हमारे वनांचल के महापुरुषों का इतिहास अब मध्य प्रदेश के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा और इसे सभी लोग जान सकेंगे.''
जबलपुर के वेटरनरी मैदान में हुआ कार्यक्रम
रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के मौके पर यह कार्यक्रम जबलपुर के वेटरनरी मैदान में हुआ. इस मौके पर जबलपुर के भारतीय जनता पार्टी के सभी विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर हर साल जबलपुर में यह आयोजन होता है और बीते कई सालों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी अपने भाषणों में इस बात का जिक्र करते थे कि इतिहास ने रानी दुर्गावती के साथ ठीक नहीं किया, उन्हें इतिहास में जगह नहीं मिली.