जबलपुर: जिले यूरिया और डीएपी खाद की कालाबाजारी का मामला सामने आया है. जिसमें किसानों के लिए लाई गई खाद को वितरित न करके ऊंचे दामों पर खुले बाजार में बेचने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब खाद्य विभाग के एसडीओ इंदिरा त्रिपाठी और विकासखंड वरिष्ठ कृषि अधिकारी व सहायक उर्वरक निरीक्षक मेघा अग्रवाल ने औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि खाद का बड़ा स्टॉक गायब था. जिसके बाद चरगवां थाने में एफआईआर दर्ज की गई. साथ ही पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
जबलपुर में यूरिया की कालाबाजारी
कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण में बरखेड़ा सहकारी समिति के दस्तावेजों और भौतिक सत्यापन के दौरान पाया गया कि पीओएस मशीन में 1.62 टन यूरिया प्रदर्शित हो रहा था, जबकि भंडार गृह में केवल 0.36 टन यूरिया उपलब्ध था. इसी प्रकार सिंगल सुपर फास्फेट (एस.एस.पी.) भी पीओएस मशीन में 11.05 टन दिखाया जा रहा था, लेकिन भंडार गृह में केवल 3.5 टन पाया गया. एस.एस.पी. की 7.55 टन की कमी दर्ज की गई. इसके अलावा, निरीक्षण में ऐसे परमिट भी मिले, जिन पर समिति प्रबंधक के हस्ताक्षर नहीं थे. जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई.
इतना यूरिया हुआ गायब
एफआईआर के अनुसार, 'नयानगर भारतपुर की दुकान के सेल्समैन नन्हेलाल झारिया पर 9 लाख 75 हजार रुपये की 970 बोरी यूरिया और 530 बोरी डीएपी गायब करने का आरोप है. वहीं, बड़खेरा दुकान के सेल्समैन अनीस मिश्रा ने 75 हजार रुपये की 28 बोरी यूरिया और 151 बोरी डीएपी गायब की. इस कालाबाजारी के कारण किसानों तक खाद नहीं पहुंच पा रही है. जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही है.'
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पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार, बाकी फरार
चरगवां थाना प्रभारी अभिषेक प्यासी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने नन्हेलाल झारिया को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दो अन्य आरोपी, समिति प्रबंधक राकेश नंदेसरिया और सेल्समैन अनीस मिश्रा फरार है. पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 37 EC एक्ट, 318 (4), और 316 (5) वीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है, ताकि फरार आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके.'