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गोंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को जान सकेंगे लोग, जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण

1857 की क्रांति के शहीद गोंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के संग्रहालय का पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया.

TRIBAL FREEDOM FIGHTERS MUSEUM
जबलपुर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

जबलपुर: 1857 की क्रांति के शहीद राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर जबलपुर में एक जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय बनाया गया है. जिसका शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया. इस संग्रहालय के निर्माण में लगभग 14 करोड़ रुपये की लागत आई है.

रानी दुर्गावती के वंशज थे गोंड राजा

केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय ने जबलपुर में एक संग्रहालय का निर्माण करवाया है. यह संग्रहालय 1857 की क्रांति के दो गुमनाम आदिवासी राजाओं के जीवन पर आधारित है. कुंवर शंकर शाह और रघुनाथ शाह 1857 के दौर में जबलपुर के राजा हुआ करते थे. यह गोंड राजा रानी दुर्गावती के वंशज थे.

गोंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान की कहानी (ETV Bharat)

शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने खाई थी कसम

शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कसम खाई थी कि वह मध्य प्रदेश के गोंडवाना इलाके में अंग्रेजों को अपना साम्राज्य स्थापित नहीं करने देंगे. इसके लिए उन्होंने लड़ाई की पूरी रणनीति बना ली थी, हालांकि 1857 तक आते-आते गोंड साम्राज्य कमजोर हो गया था. इसके बावजूद महाकौशल इलाके में बड़ी तादाद में गोंड वंश के राजा राज करते थे, इसलिए अंग्रेजों को डर था कि यदि जबलपुर के गोंड राजाओं ने उनका विरोध किया तो इस पूरे इलाके में वह कमजोर पड़ जाएंगे. इसी वजह से अंग्रेजों ने जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था.

Shankar Shah Raghunath Shah Museum
गोंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह संग्रहालय का लोकार्पण (ETV Bharat)

जहां बनाया था बंदी वहीं बना संग्रहालय

शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान की कहानी धीरे-धीरे लोग भूलते जा रहे थे. जबलपुर के कमिश्नर ऑफिस में इन महान राजाओं को अंतिम बार बंदी बनाया गया था वहां वन विभाग का ऑफिस खुल गया था. हालांकि वह इमारत अभी भी बनी हुई थी और लंबे समय से जबलपुर में इन दोनों शहीदों के नाम पर स्मारक बनाने की बात हो रही थी लेकिन यह अब जाकर साकार हो पाई और जबलपुर में इस ऑफिस को खाली करवा कर इस पूरी जगह पर एक संग्रहालय स्वीकृत किया गया जिसका शुक्रवार को लोकार्पण हुआ.

Jabalpur tribal kings Museum
जबलपुर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय (ETV Bharat)

पीएम मोदी ने किया वर्चुअली उद्घाटन

इस संग्रहालय में शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान से जुड़ी हुई सभी बातों को संजोकर रखने की कोशिश की गई है. केंद्र सरकार ने इसके निर्माण में लगभग 14 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस संग्रहालय का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस मौके पर जबलपुर सांसद आशीष दुबे, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों के साथ कई विधायक मौजूद थे.

जबलपुर: 1857 की क्रांति के शहीद राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर जबलपुर में एक जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय बनाया गया है. जिसका शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया. इस संग्रहालय के निर्माण में लगभग 14 करोड़ रुपये की लागत आई है.

रानी दुर्गावती के वंशज थे गोंड राजा

केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय ने जबलपुर में एक संग्रहालय का निर्माण करवाया है. यह संग्रहालय 1857 की क्रांति के दो गुमनाम आदिवासी राजाओं के जीवन पर आधारित है. कुंवर शंकर शाह और रघुनाथ शाह 1857 के दौर में जबलपुर के राजा हुआ करते थे. यह गोंड राजा रानी दुर्गावती के वंशज थे.

गोंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान की कहानी (ETV Bharat)

शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने खाई थी कसम

शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कसम खाई थी कि वह मध्य प्रदेश के गोंडवाना इलाके में अंग्रेजों को अपना साम्राज्य स्थापित नहीं करने देंगे. इसके लिए उन्होंने लड़ाई की पूरी रणनीति बना ली थी, हालांकि 1857 तक आते-आते गोंड साम्राज्य कमजोर हो गया था. इसके बावजूद महाकौशल इलाके में बड़ी तादाद में गोंड वंश के राजा राज करते थे, इसलिए अंग्रेजों को डर था कि यदि जबलपुर के गोंड राजाओं ने उनका विरोध किया तो इस पूरे इलाके में वह कमजोर पड़ जाएंगे. इसी वजह से अंग्रेजों ने जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था.

Shankar Shah Raghunath Shah Museum
गोंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह संग्रहालय का लोकार्पण (ETV Bharat)

जहां बनाया था बंदी वहीं बना संग्रहालय

शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान की कहानी धीरे-धीरे लोग भूलते जा रहे थे. जबलपुर के कमिश्नर ऑफिस में इन महान राजाओं को अंतिम बार बंदी बनाया गया था वहां वन विभाग का ऑफिस खुल गया था. हालांकि वह इमारत अभी भी बनी हुई थी और लंबे समय से जबलपुर में इन दोनों शहीदों के नाम पर स्मारक बनाने की बात हो रही थी लेकिन यह अब जाकर साकार हो पाई और जबलपुर में इस ऑफिस को खाली करवा कर इस पूरी जगह पर एक संग्रहालय स्वीकृत किया गया जिसका शुक्रवार को लोकार्पण हुआ.

Jabalpur tribal kings Museum
जबलपुर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय (ETV Bharat)

पीएम मोदी ने किया वर्चुअली उद्घाटन

इस संग्रहालय में शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान से जुड़ी हुई सभी बातों को संजोकर रखने की कोशिश की गई है. केंद्र सरकार ने इसके निर्माण में लगभग 14 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस संग्रहालय का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस मौके पर जबलपुर सांसद आशीष दुबे, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों के साथ कई विधायक मौजूद थे.

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