जबलपुर। शहर में बीते दिन नायाब तहसीलदार कार्यालय में राशनकार्ड बनवाने पहुंचे ग्रामीणों को भगाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब एक महिला को तहसीलदार द्वारा थप्पड़ मारने का मामला सामने आ गया. महिला ने तहसीलदार पर थप्पड़ मारने, बदसलूकी करने और उनका मोबाइल तोड़ने का आरोप लगाते हुए पुलिस में एक लिखित शिकायत दी है. जिसके बाद पुलिस ने मामले को वरिष्ठ अधिकारियों से अवगत कराते हुए पीड़ित पक्ष को कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
महिला को तहसीलदार ने मारा थप्पड़
बताया जा रहा है कि रमखिरिया निवासी युवक अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ तहसील कार्यालय राशन कार्ड बनवाने के संबंध में तहसीलदार के पास गया था. तहसीलदार ने महिला द्वारा वीडियो बनने पर उसे थप्पड़ मार दिया और पत्नी को धक्का देकर चैंबर से बाहर कर दिया. महिला का आरोप है कि ''वह अपने पति ओर दो बच्चों के साथ राशनकार्ड बनवाने के लिए पहुचीं थी जहां करीब 3 घंटे बैठने के बाद भी काम नहीं हुआ तो वह अपनी शिकायत लेकर तहसीलदार रविन्द्र पटेल के पास पहुंचीं. उसी दौरान वीडियो बनाने को लेकर वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई.''
पुलिस ने दिया कार्रवाई का आश्वसन
वहीं, क्षेत्रीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि ''तहसील कार्यालय दलालों का अड्डा बन चुका है. बिना पैसे दिए कोई भी काम नहीं होते. जिसके चलते लोगों को आए दिन अपने छोटे छोटे कामों के लिए भटकना पड़ता है."' वहीं, पीड़ित दंपत्ति की शिकायत को लेकर शाहपुरा प्रभारी सब इंस्पेक्टर दीपू कुशवाहा का कहना है कि ''तहसील कार्यालय में राशन कार्ड बनवाने गए पति पत्नी ने तहसीलदार पर मारपीट के आरोप लगा कर थाने में तहसीलदार के खिलाफ आवेदन दिया है. जिसको जांच में लेते हुए पीड़ित को कार्यवाही का आश्वासन दिया है.''
ग्रामीणों को भगाने का वीडियो वायरल
बीते दिन शहपुरा के नायाब तहसीलदार कल्याण सिंह का राशनकार्ड बनवाने पहुंचे ग्रामीणों को भगाने का वीडियो भी सोसल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें नायब तहसीलदार ग्रामीणों को भगाते हुए दिखाई दे रहे थे. साथ ही उन्होंने कार्ड बनाने से साफ इनकार कर दिया था. उस दौरान ग्रामीणों का आरोप था कि तहसील कार्यालय के कई चक्कर काटने के बावजूद भी उनका कोई भी काम नहीं किया जा रहा है, आए दिन भटकाया जा रहा है. छोटे-छोटे गांव और आदिवासी अंचलों से ग्रामीण अपने दिन भर का काम धाम छोड़कर, काम कराने के लिए तहसील कार्यालय पहुंचते हैं लेकिन वहां से भी उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता है. ग्रामीणों का आरोप है कि शहपुरा तहसील कार्यालय में अफसरशाही चल रही है जनता की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है.