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फिर जीवत हो उठी रानी दुर्गावती की विरासत, जबलपुर की ये बावड़ियां बनीं 'जल मंदिर', पीएम मोदी ने दिया था नाम

Redevelopment of ancient stepwells jabalpur : लगभग 6 माह पहले कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने इन बावड़ियों की सफाई शुरू करवा कर इनके जीर्णोद्धार का काम शुरू किया था.

Redevelopment of ancient stepwells jabalpur
जबलपुर की ये बावड़ियां बनीं जल मंदिर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 12, 2024, 7:08 AM IST

Updated : Mar 12, 2024, 8:15 AM IST

जबलपुर की ये बावड़ियां बनीं जल मंदिर

जबलपुर. मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह (Cabinet minsiter Rakesh Singh) ने आज जबलपुर में रानी दुर्गावती के समय की दो बावड़ियों का पुनर्विकास (Stepwells redevelopment) के बाद लोकार्पण किया. अब इन बावड़ियों को जल मंदिर के नाम से जाना जाएगा. खंडहर हो चुकी इन बावड़ियों को नए सिरे से संरक्षित किया गया है. इस मौके पर जल संरक्षण का काम करने वाले पद्मश्री महेश शर्मा भी जबलपुर पहुंचे.

52 ताल तलैया और बावड़ियों का शहर था जबलपुर

जबलपुर में गोंडवाना काल में 52 ताल तलैया और बावड़ियां थीं लेकिन कालांतर में इन बावड़ियों और तालाबों पर कब्जे हो गए और धीरे-धीरे इनका अस्तित्व खत्म हो गया. जबलपुर में अब केवल गिनती की बावड़ियां बची हैं, इनमें से दो बावड़ियों की हालत बहुत खराब थी. जहां बीजेपी ने स्वच्छता अभियान के तहत पहले सफाई अभियान चलाया और फिर इसका पुनर्विकास किया.

राकेश सिंह की पहल पर हुआ जीर्णोद्धार

इनमें से एक बावड़ी जबलपुर के रानीताल के पास थी और दूसरी गढ़ा में राधा कृष्ण मंदिर के पास. लगभग 6 माह पहले कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने इन बावड़ियों की सफाई शुरू करवा कर इनके जीर्णोद्धार का काम शुरू किया था. इसमें नगर निगम ने इन दोनों ही बावड़ियों को न केवल साफ किया बल्कि इन्हें नए सिरे से सुसज्जित करने के बाद सोमवार को इनका लोकार्पण हुआ.

जल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम

इस मौके पर जबलपुर के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ मध्य प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, झाबुआ से जबलपुर पहुंचे पद्मश्री महेश शर्मा भी आयोजन में शामिल हुए. महेश शर्मा झाबुआ के रहने वाले हैं और इन्हें जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. महेश शर्मा ने इस मौके पर कहा कि गिरता भूजल वैश्विक समस्या है और भूजल को बचाए रखने के लिए अब अच्छा काम हो रहा है.

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पीएम मोदी के निर्देश पर नाम दिया जल मंदिर

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि उन्होंने जबलपुर की बावड़ियों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चर्चा की थी और प्रधानमंत्री के कहने पर ही उन्होंने इन बावड़ियों का नाम जल मंदिर किया है. प्रशासन का यह प्रयास बेशक सराहनीय है लेकिन जबलपुर में अभी भी ऐसे दो दर्जन तालाब है जिन पर अतिक्रमण हो गया है और गोंडवाना काल के इन तालाबों का अस्तित्व खतरे में है जरूरत है कि सरकार इन तालाबों का भी इसी तर्ज पर पुनर्विकास करे.

जबलपुर की ये बावड़ियां बनीं जल मंदिर

जबलपुर. मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह (Cabinet minsiter Rakesh Singh) ने आज जबलपुर में रानी दुर्गावती के समय की दो बावड़ियों का पुनर्विकास (Stepwells redevelopment) के बाद लोकार्पण किया. अब इन बावड़ियों को जल मंदिर के नाम से जाना जाएगा. खंडहर हो चुकी इन बावड़ियों को नए सिरे से संरक्षित किया गया है. इस मौके पर जल संरक्षण का काम करने वाले पद्मश्री महेश शर्मा भी जबलपुर पहुंचे.

52 ताल तलैया और बावड़ियों का शहर था जबलपुर

जबलपुर में गोंडवाना काल में 52 ताल तलैया और बावड़ियां थीं लेकिन कालांतर में इन बावड़ियों और तालाबों पर कब्जे हो गए और धीरे-धीरे इनका अस्तित्व खत्म हो गया. जबलपुर में अब केवल गिनती की बावड़ियां बची हैं, इनमें से दो बावड़ियों की हालत बहुत खराब थी. जहां बीजेपी ने स्वच्छता अभियान के तहत पहले सफाई अभियान चलाया और फिर इसका पुनर्विकास किया.

राकेश सिंह की पहल पर हुआ जीर्णोद्धार

इनमें से एक बावड़ी जबलपुर के रानीताल के पास थी और दूसरी गढ़ा में राधा कृष्ण मंदिर के पास. लगभग 6 माह पहले कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने इन बावड़ियों की सफाई शुरू करवा कर इनके जीर्णोद्धार का काम शुरू किया था. इसमें नगर निगम ने इन दोनों ही बावड़ियों को न केवल साफ किया बल्कि इन्हें नए सिरे से सुसज्जित करने के बाद सोमवार को इनका लोकार्पण हुआ.

जल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम

इस मौके पर जबलपुर के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ मध्य प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, झाबुआ से जबलपुर पहुंचे पद्मश्री महेश शर्मा भी आयोजन में शामिल हुए. महेश शर्मा झाबुआ के रहने वाले हैं और इन्हें जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. महेश शर्मा ने इस मौके पर कहा कि गिरता भूजल वैश्विक समस्या है और भूजल को बचाए रखने के लिए अब अच्छा काम हो रहा है.

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पीएम मोदी के निर्देश पर नाम दिया जल मंदिर

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि उन्होंने जबलपुर की बावड़ियों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चर्चा की थी और प्रधानमंत्री के कहने पर ही उन्होंने इन बावड़ियों का नाम जल मंदिर किया है. प्रशासन का यह प्रयास बेशक सराहनीय है लेकिन जबलपुर में अभी भी ऐसे दो दर्जन तालाब है जिन पर अतिक्रमण हो गया है और गोंडवाना काल के इन तालाबों का अस्तित्व खतरे में है जरूरत है कि सरकार इन तालाबों का भी इसी तर्ज पर पुनर्विकास करे.

Last Updated : Mar 12, 2024, 8:15 AM IST
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