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सजी थी मेंहदी बज रही थी शहनाई फिर जबलपुर पुलिस ने शादी रुकवाई, सामने आई चौंकाने वाली कहानी - Jabalpur child marriage

जबलपुर के घमापुर थाना क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग ने एक बाल विवाह को रोका है, जिसमें 16 साल की लड़की की शादी हो रही थी. परिवार के लोगों का कहना है कि लड़का और लड़की आपस में प्रेम करते हैं और परिवार को इस बात का डर था कि कहीं वे भाग न जाएं इसलिए उनकी शादी करवाई जा रही थी. लेकिन प्रशासन ने इसके बाद भी शादी रोक दी.

JABALPUR CHILD MARRIAGE
जबलपुर पुलिस ने घमापुर में शादी रुकवाई (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 7:56 PM IST

जबलपुर : घमापुर इलाके में गुरुवार को प्रशासन को सूचना मिली थी कि यहां एक मराठा परिवार में 16 साल की लड़की की शादी हो रही है. जानकारी लगते ही महिला बाल विकास की टीम कार्यक्रम स्थल पहुंची, जहां गाना बजाना, खाना और शादी की पूरी तैयारी थी. इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने शादी वाले घर जाकर शादी को रोक दिया.

जबलपुर पुलिस ने घमापुर में शादी रुकवाई (Etv Bharat)

परिवार वालों की दलील नहीं चली

जिस घर में शादी हो रही थी उस परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि 16 साल की उम्र में लड़की की शादी नहीं की जा सकती. लड़की के भाई ने बताया कि उसकी बहन की शादी जिस लड़के से हो रही है वे दोनों आपस में प्रेम करते हैं और उन्हें इस बात का डर था की कहीं दोनों भाग कर शादी न कर लें. इससे समाज में उनकी बेइज्जती होती इसलिए उन्होंने दोनों की शादी करने का निर्णय लिया और शादी का आयोजन किया जा रहा था. हालांकि, प्रशासन ने उनकी एक ना सुनी.

बाल विवाह करना अपराध

भारत में बाल विवाह निरोधक कानून लागू है. इस कानून को तहत शादी के समय लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए. यदि ऐसी स्थिति में दोनों की शादी करवा दी जाती है तो यह दंडनीय अपराध है. बाल विवाह निरोधक कानून के तहत बाल विवाह करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसी के तहत महिला बाल विकास ने यह शादी रुकवाई है.

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गौरतलब है कि जबलपुर के घमापुर इलाके में अभी भी कई समुदाय ऐसे रहते हैं, जिनमें बाल विवाह प्रचलित है. गनीमत ये रही कि प्रशासन की समझाइश पर घर वाले शादी रोकने पर राजी हो गए, वरना कई मामलों में प्रशासन और पुलिस को परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ता है.

जबलपुर : घमापुर इलाके में गुरुवार को प्रशासन को सूचना मिली थी कि यहां एक मराठा परिवार में 16 साल की लड़की की शादी हो रही है. जानकारी लगते ही महिला बाल विकास की टीम कार्यक्रम स्थल पहुंची, जहां गाना बजाना, खाना और शादी की पूरी तैयारी थी. इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने शादी वाले घर जाकर शादी को रोक दिया.

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परिवार वालों की दलील नहीं चली

जिस घर में शादी हो रही थी उस परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि 16 साल की उम्र में लड़की की शादी नहीं की जा सकती. लड़की के भाई ने बताया कि उसकी बहन की शादी जिस लड़के से हो रही है वे दोनों आपस में प्रेम करते हैं और उन्हें इस बात का डर था की कहीं दोनों भाग कर शादी न कर लें. इससे समाज में उनकी बेइज्जती होती इसलिए उन्होंने दोनों की शादी करने का निर्णय लिया और शादी का आयोजन किया जा रहा था. हालांकि, प्रशासन ने उनकी एक ना सुनी.

बाल विवाह करना अपराध

भारत में बाल विवाह निरोधक कानून लागू है. इस कानून को तहत शादी के समय लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए. यदि ऐसी स्थिति में दोनों की शादी करवा दी जाती है तो यह दंडनीय अपराध है. बाल विवाह निरोधक कानून के तहत बाल विवाह करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसी के तहत महिला बाल विकास ने यह शादी रुकवाई है.

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गौरतलब है कि जबलपुर के घमापुर इलाके में अभी भी कई समुदाय ऐसे रहते हैं, जिनमें बाल विवाह प्रचलित है. गनीमत ये रही कि प्रशासन की समझाइश पर घर वाले शादी रोकने पर राजी हो गए, वरना कई मामलों में प्रशासन और पुलिस को परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ता है.

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