जबलपुर। जबलपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें जबलपुर के हजारों बच्चों को एक अमानक पैरासिटामोल सिरप पिलाया गया है. जबलपुर के सरकारी लेडी एल्गिन अस्पताल में पैरासिटामोल पेडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन की 20 हजार बोतलों की सप्लाई की गई थी और इसका सैंपल अमानक पाया गया है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस दवा की वजह से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ होगा, क्योंकि दवा में कोई टॉक्सीसिटी नहीं थी, केवल इसका असर कम हो रहा था.
सितंबर 2022 में मंगाई गई थी ये दवा
जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि सरकार ने दवाइयां खरीदने का एक सिस्टम बनाया है. इसमें जिस सरकारी अस्पताल को जिस दवा की जरूरत होती है, वह अपनी मांग ऑनलाइन तरीके से पोर्टल पर डाल देता है. इस पोर्टल की निगरानी भोपाल में की जाती है और फिर भोपाल से ही इसे सप्लाई कर दिया जाता है. जबलपुर के एल्गिन अस्पताल में बच्चों को दिए जाने वाले पैरासिटामोल सिरप की सितंबर 2022 में कमी हो गई थी. फिर जबलपुर स्वास्थ्य विभाग ने ऑनलाइन तरीके से सिरप की मांग की. इसके बाद 20 सितंबर 2022 को भोपाल से 20 हजार बोतल पैरासिटामोल जबलपुर को प्राप्त हो गई.
कई महीनों बाद आई रिपोर्ट
नियम के अनुसार जो माल प्राप्त हुआ था इसका एक सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है. फिर 13 जुलाई 2023 को रानी दुर्गावती अस्पताल से इस सिरप का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. जिसकी रिपोर्ट 22 मार्च 2024 को प्राप्त हुई. इस रिपोर्ट में पैरासिटामोल के इस सिरप को बीमार बच्चों को न देने की सलाह दी गई है. इसे अमानक पाया गया, लेकिन तब तक 19600 बोतल पैरासिटामोल सिरप बच्चों को दिया जा चुका था.
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डॉक्टर संजय मिश्रा ने कहा, '' इस दवा की सप्लाई क्वेस्ट लैबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने की थी, जो पीतमपुर धार में स्थित है. नियम के अनुसार इसकी पहली जांच इस समय हुई होगी और उसमें इस दवा को एनओसी मिली थी. जब यह हमारे पास आई तब इसमें एक समस्या आ रही थी कि बोतल को हिलाने के बाद भी पूरी दवा घुल नहीं रही थी. इसकी वजह से मरीज को दवा की जिस डोज की जरूरत होती उतनी दवा उसके शरीर में नहीं पहुंच पा रही थी. हालांकि, यह किसी किस्म की टॉक्सीसिटी पैदा नहीं करती थी. फिर भी इसे सामान्य नहीं कहा जा सकता. इसलिए इसकी जांच की गई थी. इसके किसी मरीज के ऊपर दुष्प्रभाव नहीं पड़े होंगे. फिलहाल इस दवा का वितरण बंद कर दिया गया है.''