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करीना, किताब और कंट्रोवर्सी! 'प्रेग्नेंसी बाइबल' पर बवाल, एक्ट्रेस ने एमपी हाईकोर्ट में दिया यह जवाब - Pregnancy Bible Book Controversy

बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान की किताब 'प्रेग्नेंसी बाइबिल' को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. मंगलवार को इसी याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट की नोटिस का अब करीना ने जवाब दिया है. करीना कपूर ने इस मामले में कोर्ट में क्या कुछ कहा है इस रिपोर्ट में जानिए...

PREGNANCY BIBLE BOOK CONTROVERSY
करीना कपूर खान के इस मामले की हाईकोर्ट में हुई सुनवाई (ANI And ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 9:08 AM IST

Updated : Aug 28, 2024, 11:00 AM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 27 अगस्त को फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर की पुस्तक प्रेग्नेंसी बाइबल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में करीना कपूर की ओर से उनके एडवोकेट ने पक्ष रखा और उन्होंने बताया कि करीना कपूर की पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों. जबलपुर के एक एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने करीना कपूर की पुस्तक के ऊपर आरोप लगाया है कि किसी भी पुस्तक के लिए बाइबल शब्द का इस्तेमाल करना गलत है. प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने करीना कपूर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था.

करीना कपूर खान के इस मामले की हाईकोर्ट में हुई सुनवाई (ETV Bharat)

करीना कपूर ने लिखी थी पुस्तक
फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर ने प्रेग्नेंसी बाइबल नाम की एक किताब 2021 में लिखी थी. इस पुस्तक को एक निजी पब्लिकेशन के माध्यम से प्रकाशित किया गया था. जबलपुर के एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने इस पुस्तक के नाम में बाइबल शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी. क्रिस्टोफर एंथोनी एक एडवोकेट हैं और पहले इन्होंने इस मामले में जबलपुर के एक थाने में एफआईआर कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया.

कार्रवाई की मांग की गई थी
इसके बाद इस मामले को लेकर क्रिस्टोफर ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की. क्रिस्टोफर एंथोनी का कहना है कि, "'बाइबल उनका धर्म ग्रंथ है और इसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए करना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. इसलिए करीना कपूर ने उनकी धार्मिक भावनाएं आहत की हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.'' मंगलवार को इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट में सुनवाई हुई. करीना कपूर की ओर से उनके वकील ने नोटिस का जवाब दिया.

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किताब में हैं करीना के गर्भावस्था के अनुभव
करीना कपूर के एडवोकेट दिव्या कृष्णा बिलैया का कहना है कि ''भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है और उसके तहत इस पुस्तक में जो भी कुछ लिखा गया है, वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है. पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों. बाइबल शब्द के अपने कुछ मायने हैं और उसका इस्तेमाल इस संदर्भ में किया गया है. करीना कपूर ने यह पुस्तक अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान हुए अनुभवों को लेकर लिखी है. यह पुस्तक एक महिला की प्रेग्नेंसी की अवस्था और उसके अनुभव की कहानी है. 'डोंट जज बुक बाय इट्स कवर' यदि इस पुस्तक को याचिकाकर्ता ने पढ़ा होता तो वह इस याचिका नहीं लगाते.''

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 27 अगस्त को फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर की पुस्तक प्रेग्नेंसी बाइबल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में करीना कपूर की ओर से उनके एडवोकेट ने पक्ष रखा और उन्होंने बताया कि करीना कपूर की पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों. जबलपुर के एक एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने करीना कपूर की पुस्तक के ऊपर आरोप लगाया है कि किसी भी पुस्तक के लिए बाइबल शब्द का इस्तेमाल करना गलत है. प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने करीना कपूर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था.

करीना कपूर खान के इस मामले की हाईकोर्ट में हुई सुनवाई (ETV Bharat)

करीना कपूर ने लिखी थी पुस्तक
फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर ने प्रेग्नेंसी बाइबल नाम की एक किताब 2021 में लिखी थी. इस पुस्तक को एक निजी पब्लिकेशन के माध्यम से प्रकाशित किया गया था. जबलपुर के एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने इस पुस्तक के नाम में बाइबल शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी. क्रिस्टोफर एंथोनी एक एडवोकेट हैं और पहले इन्होंने इस मामले में जबलपुर के एक थाने में एफआईआर कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया.

कार्रवाई की मांग की गई थी
इसके बाद इस मामले को लेकर क्रिस्टोफर ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की. क्रिस्टोफर एंथोनी का कहना है कि, "'बाइबल उनका धर्म ग्रंथ है और इसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए करना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. इसलिए करीना कपूर ने उनकी धार्मिक भावनाएं आहत की हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.'' मंगलवार को इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट में सुनवाई हुई. करीना कपूर की ओर से उनके वकील ने नोटिस का जवाब दिया.

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किताब में हैं करीना के गर्भावस्था के अनुभव
करीना कपूर के एडवोकेट दिव्या कृष्णा बिलैया का कहना है कि ''भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है और उसके तहत इस पुस्तक में जो भी कुछ लिखा गया है, वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है. पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों. बाइबल शब्द के अपने कुछ मायने हैं और उसका इस्तेमाल इस संदर्भ में किया गया है. करीना कपूर ने यह पुस्तक अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान हुए अनुभवों को लेकर लिखी है. यह पुस्तक एक महिला की प्रेग्नेंसी की अवस्था और उसके अनुभव की कहानी है. 'डोंट जज बुक बाय इट्स कवर' यदि इस पुस्तक को याचिकाकर्ता ने पढ़ा होता तो वह इस याचिका नहीं लगाते.''

Last Updated : Aug 28, 2024, 11:00 AM IST
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