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कैसे मलेशिया में फंस गया था जबलपुर का ये युवक, विदेश में नौकरी चाहने वाले हो जाएं सतर्क - Jabalpur Human Trafficking

जबलपुर में मलेशिया में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी करने का मामला सामने आया है. बकायदा इसके लिए पैसे लेकर लोगों को मलेशिया पहुंचाया जाता है. इसके बाद फोन बंद कर उसे असहाय छोड़ देते हैं. जिसके बाद व्यक्ति को भारत लौटने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. इस घटना से पीड़ित इमरान ने ईटीवी को अपनी आपबीती बताई है.

JABALPUR FOREIGN JOB SCAMS
नौकरी का झांसा देकर भेजा विदेश और की ठगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 5:31 PM IST

जबलपुर: गोहलपुर क्षेत्र में मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है, जिसमें मलेशिया में नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगा गया है. ताजा मामले में इमरान नाम के युवक को मलेशिया में नौकरी देने का झांसा दिया गया था. इस झांसे में आकर इमरान मलेशिया में बुरी तरह फंस गया था. वापस भारत लौटने के बाद इमरान ने ईटीवी के साथ अपनी पीड़ा शेयर कर अन्य लोगों को सतर्क रहने की अपील की है. पढ़िए इमरान की विदेश में फंसने की पूरी दास्तान...

मलेशिया में नौकरी में नौकरी के नाम पर ठगी (ETV Bharat)

मलेशिया भेजने के 90 हजार लिए

मोहम्मद इमरान जबलपुर के गोहलपुर में रहते हैं. इनकी उम्र लगभग 18 साल है. मोहम्मद इमरान जबलपुर में प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे. इसी दौरान इमरान का संपर्क गोहलपुर में ही रहने वाले इश्तियाक उर्फ गांधी से हुआ. इश्तियाक अपने घर में एक दफ्तर चलता है, जिसमें वह लोगों को मलेशिया में नौकरी दिलवाने का झांसा देता है. मोहम्मद इमरान अपनी जबलपुर की नौकरी से बहुत खुश नहीं था, इसलिए उसने तय किया कि वह मलेशिया जाएगा.

इसके लिए उसने कर्ज लेकर इश्तियाक को लगभग 90 हजार रुपए दिए. इश्तियाक ने इमरान को बताया कि जब वह मलेशिया जाएगा तो वहां उसे एक होटल का कमरा मिलेगा और कार्गो कंपनी में उसे नौकरी मिल जाएगी. जहां वह अच्छी खासी तनख्वाह कमा सकेगा. इमरान को झांसा देने में इश्तियाक के साथ सलीम नाम का एक शख्स भी शामिल था. इन दोनों ने ही इमरान को बड़े-बड़े सपने दिखाए.

मलेशिया पहुंच टूटा इमरान का सपना

इमरान जब मलेशिया पहुंचा तो उसके सारे सपने टूट गए. इमरान को न तो होटल मिला और न ही कोई काम मिला. जब उसने फोन पर सलीम और इश्तियाक से बात करने की कोशिश की तो इन लोगों ने फोन उठाना भी बंद कर दिया. इमरान ने बताया कि वह बुरी तरह से मलेशिया में फंस गया था और उसके पास पैसे नहीं थे. सलीम और इश्तियाक ने उन्हें बताया था मलेशिया में इमरान को एक एजेंट मिलेगा जो उसका पूरा काम व्यवस्थित करवा देगा, लेकिन इमरान को वहां कोई नहीं मिला. इमरान ने बताया कि एक पाकिस्तानी एजेंट से उसकी बात भी हुई, लेकिन उसने भी पैसे लेने के बाद भी कोई मदद नहीं की.

इन घटनाओं के बाद इमरान समझ गया कि उसे ठगा गया है. अब वह चाह रहा था कि वह वापस भारत लौटे. लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. इमरान का वीजा और पासपोर्ट भी एक पाकिस्तानी एजेंट ने जब्त कर लिया था. इमरान को फंसा हुआ देख हरियाणा के एक शख्स ने इमरान की मदद की और इमरान को मलेशिया में भारतीय एंबेसी तक पहुंचाया. जिसके बाद एंबेसी ने 3 दिनों में इमरान का भारत लौटने का बंदोबस्त करवाया. इमरान के पिता अनु अंसारी का कहना है कि "उन्होंने दोबारा पैसे का इंतजाम किया और मुश्किल से इमरान वापस हिंदुस्तान आ पाया है." उनका कहना है कि उनका बेटा मलेशिया में बहुत अधिक डर गया था और बड़ी मुश्किल से वह अब अपनी मानसिक स्थिति को ठीक कर पाया है.

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मामले की हो रही है जांच

ऐसा नहीं है कि इश्तियाक और सलीम ने केवल इमरान को ठगा हो बल्कि इनके ठगी के शिकार दूसरे लोग भी हुए हैं. इमरान के मामले के बाद सिराज नाम के एक शख्स ने भी अपनी कहानी सुनाई, जिसमें उसने बताया कि वह जबलपुर में कपड़े सिलने का काम करता था. उसे भी मलेशिया में बड़ी नौकरी का झांसा देकर मलेशिया भेजा गया था और इसी तरह अपने हालात पर छोड़ दिया था बड़ी परेशानी में वह जैसे तैसे भारत पहुंचा था.

इस मामले को लेकर जबलपुर के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि इमरान की शिकायत पर इश्तियाक और सलीम के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. इन दोनों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया गया है. यदि इस मामले में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो इन दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर: गोहलपुर क्षेत्र में मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है, जिसमें मलेशिया में नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगा गया है. ताजा मामले में इमरान नाम के युवक को मलेशिया में नौकरी देने का झांसा दिया गया था. इस झांसे में आकर इमरान मलेशिया में बुरी तरह फंस गया था. वापस भारत लौटने के बाद इमरान ने ईटीवी के साथ अपनी पीड़ा शेयर कर अन्य लोगों को सतर्क रहने की अपील की है. पढ़िए इमरान की विदेश में फंसने की पूरी दास्तान...

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मलेशिया भेजने के 90 हजार लिए

मोहम्मद इमरान जबलपुर के गोहलपुर में रहते हैं. इनकी उम्र लगभग 18 साल है. मोहम्मद इमरान जबलपुर में प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे. इसी दौरान इमरान का संपर्क गोहलपुर में ही रहने वाले इश्तियाक उर्फ गांधी से हुआ. इश्तियाक अपने घर में एक दफ्तर चलता है, जिसमें वह लोगों को मलेशिया में नौकरी दिलवाने का झांसा देता है. मोहम्मद इमरान अपनी जबलपुर की नौकरी से बहुत खुश नहीं था, इसलिए उसने तय किया कि वह मलेशिया जाएगा.

इसके लिए उसने कर्ज लेकर इश्तियाक को लगभग 90 हजार रुपए दिए. इश्तियाक ने इमरान को बताया कि जब वह मलेशिया जाएगा तो वहां उसे एक होटल का कमरा मिलेगा और कार्गो कंपनी में उसे नौकरी मिल जाएगी. जहां वह अच्छी खासी तनख्वाह कमा सकेगा. इमरान को झांसा देने में इश्तियाक के साथ सलीम नाम का एक शख्स भी शामिल था. इन दोनों ने ही इमरान को बड़े-बड़े सपने दिखाए.

मलेशिया पहुंच टूटा इमरान का सपना

इमरान जब मलेशिया पहुंचा तो उसके सारे सपने टूट गए. इमरान को न तो होटल मिला और न ही कोई काम मिला. जब उसने फोन पर सलीम और इश्तियाक से बात करने की कोशिश की तो इन लोगों ने फोन उठाना भी बंद कर दिया. इमरान ने बताया कि वह बुरी तरह से मलेशिया में फंस गया था और उसके पास पैसे नहीं थे. सलीम और इश्तियाक ने उन्हें बताया था मलेशिया में इमरान को एक एजेंट मिलेगा जो उसका पूरा काम व्यवस्थित करवा देगा, लेकिन इमरान को वहां कोई नहीं मिला. इमरान ने बताया कि एक पाकिस्तानी एजेंट से उसकी बात भी हुई, लेकिन उसने भी पैसे लेने के बाद भी कोई मदद नहीं की.

इन घटनाओं के बाद इमरान समझ गया कि उसे ठगा गया है. अब वह चाह रहा था कि वह वापस भारत लौटे. लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. इमरान का वीजा और पासपोर्ट भी एक पाकिस्तानी एजेंट ने जब्त कर लिया था. इमरान को फंसा हुआ देख हरियाणा के एक शख्स ने इमरान की मदद की और इमरान को मलेशिया में भारतीय एंबेसी तक पहुंचाया. जिसके बाद एंबेसी ने 3 दिनों में इमरान का भारत लौटने का बंदोबस्त करवाया. इमरान के पिता अनु अंसारी का कहना है कि "उन्होंने दोबारा पैसे का इंतजाम किया और मुश्किल से इमरान वापस हिंदुस्तान आ पाया है." उनका कहना है कि उनका बेटा मलेशिया में बहुत अधिक डर गया था और बड़ी मुश्किल से वह अब अपनी मानसिक स्थिति को ठीक कर पाया है.

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