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सरकारी नौकरी का विज्ञापन जारी होने के बाद बने बीपीएल कार्ड का नहीं मिलेगा लाभ : हाईकोर्ट - Jabalpur Highcourt on BPL Cards

हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपने अहम आदेश में कहा है कि सरकारी नौकरी का विज्ञापन जारी होने के बाद बने दस्तावेज के आधार पर अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक नहीं मिलना चाहिए.

JABALPUR HIGHCOURT ON BPL CARD BENEFITS IN GOVT JOBS
बीपीएल कार्ड पर हाईकोर्ट का अहम आदेश (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 18, 2024, 1:01 PM IST

Updated : May 18, 2024, 3:11 PM IST

जबलपुर. एकलपीठ का आदेश अनावेदक को बीपीएल कार्ड के एवज में दस अंक अतिरिक्त प्रदान किए जाने को लेकर आया है. इस आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति विज्ञापन की तारीख के बाद अगर बीपीएल बना है, तो नौकरी में उसका फायदा नहीं लिया जा सकता. दरअसल, कोर्ट ने यह आदेश अनावेदिका को मिली सरकारी नौकरी के मामले में दिया है. बीपीएल कार्ड की वजह से अनावेदिका को 10 अंक अतिरिक्त मिल गए थे, जिससे उसका सरकारी नौकरी में चयन हो गया था.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, याचिकाकर्ता सविता की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसने निवाड़ी जिले के काका देही ग्राम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में आवेदन किया था. लेकिन अनावेदक शांति कुशवाहा को बीपीएल कार्ड का लाभ प्रदान करते हुए दस अंक प्रदान कर दिए गए. अतिरिक्त दस अंक मिलने के कारण उसका चयन हो गया और याचिकाकर्ता नौकरी से वंचित रह गई.

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दस अंक अतिरिक्त दिए जाना गलत

याचिका में कहा गया था नियुक्ति के लिए 16 मार्च 2021 को विज्ञापन जारी किया गया था और आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च थी. अनावेदिका को इस बीच 24 मार्च 2021 को बीपीएल कार्ड जारी हुआ था. याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि विज्ञापन जारी होने की तिथि पर उपलब्ध दस्तावेज का अभ्यर्थियों का लाभ मिलता है. अनावेदक महिला के पास विज्ञापन जारी होने की तिथि तक बीपीएल कार्ड नहीं था. इसलिए उसे अतिरिक्त दस अंक नहीं मिलने चाहिए थे. एकलपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए अतिरिक्त दस अंक प्रदान किए जाने के आदेश को निरस्त कर दिया.

जबलपुर. एकलपीठ का आदेश अनावेदक को बीपीएल कार्ड के एवज में दस अंक अतिरिक्त प्रदान किए जाने को लेकर आया है. इस आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति विज्ञापन की तारीख के बाद अगर बीपीएल बना है, तो नौकरी में उसका फायदा नहीं लिया जा सकता. दरअसल, कोर्ट ने यह आदेश अनावेदिका को मिली सरकारी नौकरी के मामले में दिया है. बीपीएल कार्ड की वजह से अनावेदिका को 10 अंक अतिरिक्त मिल गए थे, जिससे उसका सरकारी नौकरी में चयन हो गया था.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, याचिकाकर्ता सविता की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसने निवाड़ी जिले के काका देही ग्राम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में आवेदन किया था. लेकिन अनावेदक शांति कुशवाहा को बीपीएल कार्ड का लाभ प्रदान करते हुए दस अंक प्रदान कर दिए गए. अतिरिक्त दस अंक मिलने के कारण उसका चयन हो गया और याचिकाकर्ता नौकरी से वंचित रह गई.

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Last Updated : May 18, 2024, 3:11 PM IST
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