जबलपुर: सागर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने बिना नियम का उल्लेख करते हुए मांस-अंडा की बिक्री पर रोक लगाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. इसी नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका की सुनवाई 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विशाल जैन की युगलपीठ ने की. युगलपीठ ने मुख्य सचिव, सागर कलेक्टर व बीना सीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 22 नवंबर को निर्धारित की गई है.
गणेश उत्सव के दौरान लगाया गया था प्रतिबंध
सागर जिले की बीना निवासी टिम्बर व्यापारी वीरेन्द्र अजमानी की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में कहा गया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी बीना ने 7 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था. नोटिफिकेशन में गणेश उत्सव के दौरान मांस-अंडे की बिक्री पर प्रतिबंध लगा गया था. इसके अलावा यह भी चेतावनी दी गई थी कि आदेश के बावजूद कोई भी मांस व अंडे की बिक्री करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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22 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
याचिका में कहा गया कि नोटिफिकेशन में इस बात का उल्लेख ही नहीं किया गया कि किस नियम के तहत ये प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इसके अलावा इस तरह का आदेश पारित करना संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है. याचिका में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, सागर कलेक्टर व बीना सीएमओ को अनावेदक बनाया गया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को होगी. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता तनिष्का अजमानी ने पैरवी की.