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डॉक्टर्स अभी नहीं कर सकते हड़ताल, गलत जानकारी देना हाईकोर्ट की अवमानना - JABALPUR HIGH COURT DECISION

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने डॉक्टर्स को हड़ताल करने की अनुमति नहीं दी. कोर्ट को फैसले को गलत ढंग से समझा जा रहा है.

JABALPUR HIGH COURT DECISION
गलत ढ़ग से समझा जा रहा है जबलपुर हाई कोर्ट का आदेश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 12:59 PM IST

जबलपुर: चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को गलत ढंग से समझा जा रहा है. इस याचिका में पैरवी करने वाले एडवोकेट अभिषेक पांडे का कहना है कि "हाई कोर्ट के आदेश में कहीं यह नहीं लिखा है कि चिकित्सकों को हड़ताल का अधिकार मिल गया है. हां, यह बात जरूर है कि वे अपनी बात सरकार की समिति के सामने रख सकते हैं, लेकिन इसका कतई मतलब यह नहीं है कि वे हड़ताल कर सकते हैं. ऐसा आदेश में कहीं नहीं लिखा."

हड़ताल पर नहीं जा सकते डॉक्टर

डॉक्टर की हड़ताल को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई थी. इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के तत्कालीन एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा था, "डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते, यदि डॉक्टर को कोई समस्या है, तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सामने अपनी बात रखें और हाई कोर्ट के माध्यम से उनकी समस्या को खत्म किया जाएगा. डॉक्टर संगठन ने सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल की थी, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों के संगठन को हड़ताल खत्म करनी पड़ी थी."

डॉक्टर्स अभी नहीं कर सकते हड़ताल (ETV Bharat)

चिकित्सकों को हड़ताल की अनुमति नहीं

जनहित याचिका में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट अभिषेक पांडे ने कहा, "4 दिसंबर को इस मामले में फिर से सुनवाई हुई थी, लेकिन इस सुनवाई के दौरान ऐसा कोई आदेश नहीं हुआ, जिसमें चिकित्सकों को हड़ताल की अनुमति दे दी गई हो या फिर इसे गैर कानूनी नहीं माना गया हो." एडवोकेट अभिषेक पांडे ने आगे कहा "आदेश में स्पष्ट लिखा है कि यदि चिकित्सकों को कोई समस्या है, तो वे सरकार की जिम्मेदार समिति के सामने अपनी बात रखें और अपनी समस्याओं को दो सप्ताह में सरकार की जिम्मेदार समिति को दें. इस आदेश में इस बात का जिक्र भी है कि डॉक्टर की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका लंबित है. कोर्ट के आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि डॉक्टर केवल सुप्रीम कोर्ट के मामले के निर्णय के अनुसार आंदोलन कर सकते हैं. इसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि चिकित्सकों के संगठन को हड़ताल करने की छूट मिल गई है."

JABALPUR HC ORDER ON DOCTORS STRIKE
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का लेटर (ETV Bharat)

हाई कोर्ट की अवमानना माना जाएगा

अभिषेक पांडे ने कहा, " मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से सार्वजनिक करना मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना माना जाएगा. वे इसे अगली सुनवाई में कोर्ट के सामने रखेंगे." दरअसल, चिकित्सकों की सेवाएं अत्यावश्यक सेवाओं में मानी जाती है. पिछली सुनवाई में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि गंभीर रूप से बीमार मरीज हड़ताल की वजह से इलाज से वंचित नहीं होना चाहिए. हाई कोर्ट ने चिकित्सा संगठनों को बिना शर्त हड़ताल वापस लेने के आदेश दिए थे. ऐसी स्थिति में हाई कोर्ट चिकित्सकों को हड़ताल करने का अधिकार नहीं दे सकती.

जबलपुर: चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को गलत ढंग से समझा जा रहा है. इस याचिका में पैरवी करने वाले एडवोकेट अभिषेक पांडे का कहना है कि "हाई कोर्ट के आदेश में कहीं यह नहीं लिखा है कि चिकित्सकों को हड़ताल का अधिकार मिल गया है. हां, यह बात जरूर है कि वे अपनी बात सरकार की समिति के सामने रख सकते हैं, लेकिन इसका कतई मतलब यह नहीं है कि वे हड़ताल कर सकते हैं. ऐसा आदेश में कहीं नहीं लिखा."

हड़ताल पर नहीं जा सकते डॉक्टर

डॉक्टर की हड़ताल को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई थी. इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के तत्कालीन एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा था, "डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते, यदि डॉक्टर को कोई समस्या है, तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सामने अपनी बात रखें और हाई कोर्ट के माध्यम से उनकी समस्या को खत्म किया जाएगा. डॉक्टर संगठन ने सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल की थी, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों के संगठन को हड़ताल खत्म करनी पड़ी थी."

डॉक्टर्स अभी नहीं कर सकते हड़ताल (ETV Bharat)

चिकित्सकों को हड़ताल की अनुमति नहीं

जनहित याचिका में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट अभिषेक पांडे ने कहा, "4 दिसंबर को इस मामले में फिर से सुनवाई हुई थी, लेकिन इस सुनवाई के दौरान ऐसा कोई आदेश नहीं हुआ, जिसमें चिकित्सकों को हड़ताल की अनुमति दे दी गई हो या फिर इसे गैर कानूनी नहीं माना गया हो." एडवोकेट अभिषेक पांडे ने आगे कहा "आदेश में स्पष्ट लिखा है कि यदि चिकित्सकों को कोई समस्या है, तो वे सरकार की जिम्मेदार समिति के सामने अपनी बात रखें और अपनी समस्याओं को दो सप्ताह में सरकार की जिम्मेदार समिति को दें. इस आदेश में इस बात का जिक्र भी है कि डॉक्टर की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका लंबित है. कोर्ट के आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि डॉक्टर केवल सुप्रीम कोर्ट के मामले के निर्णय के अनुसार आंदोलन कर सकते हैं. इसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि चिकित्सकों के संगठन को हड़ताल करने की छूट मिल गई है."

JABALPUR HC ORDER ON DOCTORS STRIKE
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का लेटर (ETV Bharat)

हाई कोर्ट की अवमानना माना जाएगा

अभिषेक पांडे ने कहा, " मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से सार्वजनिक करना मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना माना जाएगा. वे इसे अगली सुनवाई में कोर्ट के सामने रखेंगे." दरअसल, चिकित्सकों की सेवाएं अत्यावश्यक सेवाओं में मानी जाती है. पिछली सुनवाई में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि गंभीर रूप से बीमार मरीज हड़ताल की वजह से इलाज से वंचित नहीं होना चाहिए. हाई कोर्ट ने चिकित्सा संगठनों को बिना शर्त हड़ताल वापस लेने के आदेश दिए थे. ऐसी स्थिति में हाई कोर्ट चिकित्सकों को हड़ताल करने का अधिकार नहीं दे सकती.

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