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जबलपुर फैमिली कोर्ट का अहम फैसला - वैध विवाहिता को ही भरण-पोषण का अधिकार - legitimate married woman

jabalpur family Court decision: जबलपुर कुटुम्ब न्यायालय ने अपने अहम फैसले में कहा है कि सिर्फ वैध विवाहिता को पति से भरण-पोषण प्राप्त करने का अधिकार है. महिला के पास ऐसे कोई साक्ष्य नहीं थे, जिससे साबित हो सके कि वह वैध विवाहिता पत्नी है.

jabalpur family Court important decision
जबलपुर फैमिली कोर्ट का अहम फैसला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 3:22 PM IST

जबलपुर। कुटुंब न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश अशोक गुप्ता की अदालत ने मामले का अवलोकन करने के दौरान पाया कि आवेदिका यह प्रमाणित करने में असफल रही है कि वह अनावेदक की वैध विवाहित पत्नी है. न्यायालय ने महिला द्वारा भरण-पोषण के लिए धारा 125 के तहत दायर आवेदन खारिज कर दिया. गढ़ा शाही नाका निवासी 24 वर्षीय ममता पटेल की तरफ से दायर आवेदन में नरसिंहपुर निवासी रामभजन कुर्मी से भरण पोषण की राशि दिलाये जाने की मांग की गई थी.

महिला ने ये तर्क दिए

आवेदिका का दावा था कि उसने अनावेदक रामभजन से 7 जुलाई 2014 को त्रिपुरी सुंदरी मंदिर में विवाह किया था. अनावेदक रामभजन गोटेगांव रेलवे कैंटीन में कार्यरत था. वह उसे अपने साथ गोटेगांव ले गया, जहां किराये के मकान में उसे रखा. आवेदिका का कहना था कि चाय की दुकान से घर का खर्च नहीं चल रहा था, जिस पर उसने 40 हजार का लोन लेकर अपने कथित पति रामभजन को दिए. इसके बाद जब वह गर्भवती हुई तो उसका पति उसे मायके से रुपये लाने व उसके पिता के मकान पर हक दिलाने की मांग कर उसे प्रताड़ित करने लगा. इसके बाद से वह अलग रह रही है.

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विधायक प्रीतम लोधी बरी

ग्वालियर की एमपी एमएलए कोर्ट ने शिवपुरी के पिछोर विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रीतम लोधी को शासकीय कार्य में बाधा डालने और धमकाने के मामले में बरी कर दिया है. यह मामला जून 2018 में तत्कालीन पिछोर के तहसीलदार द्वारा दर्ज कराया गया था. मामले में विधायक सहित कुल चार आरोपी थे. तीन आरोपियों को एक-एक साल की सजा और एक-एक हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है. इस मामले में भाजपा विधायक लोधी का आरोप है कि उनके खिलाफ यह झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था.

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