जबलपुर। शिक्षा का नया सत्र चालू होने वाला है और निजी स्कूल इसी मौके पर बच्चों और उनके अभिभावकों को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं. ज्यादातर निजी स्कूल पुस्तक और ड्रेस को लेकर दबाव बनाते हैं. मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक प्राचीर जैन का कहना है कि कोई भी अभिभावक स्कूलों के दबाव में ना आए और यदि कोई स्कूल ड्रेस या पुस्तकों को लेकर दबाव बनाता है तो इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को करें. सरकार ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.
जानकारी सार्वजनिक करनी होगी
शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक प्राचीर जैन का कहना है कि "निजी स्कूलों को निर्देश जारी किया गया है कि वह अपने स्कूल के बाहर अपने पाठ्यक्रम की पुस्तकों की जानकारी सार्वजनिक करेंगे. इसमें वे किसी भी पालक पर यह दबाव नहीं बना सकते कि पुस्तक कहां से खरीदना है. केवल कौन सी पुस्तक चलाई जा रही हैं उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी. यदि किसी स्कूल में स्कूल प्रशासन ने किसी अभिभावक पर कोई दबाव डाला तो वह इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को कर सकता है. शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा".
ड्रेस के लिए भी दबाव नहीं चलेगा
ड्रेस के मामले में भी प्राचीर जैन का कहना है कि "कोई भी स्कूल किसी भी अभिभावक पर यह दबाव नहीं डाल सकता की उनके स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कहां से ड्रेस खरीदना चाहते हैं. छात्र-छात्राएं ड्रेस खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं केवल स्कूल में कौन सी ड्रेस चल रही है इसे डिस्प्ले पर लगाना होगा. बाकी छात्र-छात्राओं को जहां से ड्रेस खरीदनी हो वह खरीद सकते हैं. इसमें भी यदि स्कूल संचालक द्वारा कोई दबाव डाला जाता है तो अभिभावक उसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को कर सकते हैं. जिला शिक्षा अधिकारी ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा"
यहां कर सकते हैं शिकायत
अभिभावक ऐसे मामले में गुप्त शिकायत भी कर सकते हैं. इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की जा सकती है. जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर को भी इस मामले में शिकायत की जा सकती है. शिकायत करने वाले अभिभावक का नाम भी सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. प्राचीर जैन का कहना है कि यह नियम निजी स्कूलों, सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों के मध्य प्रदेश शिक्षा के बोर्ड के अलावा आईसीएसई बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के सभी स्कूलों पर लागू होता है.