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अयोध्या की तर्ज पर जबलपुर में मनी दिवाली, गौरी घाट पर 51 हजार दीपों के साथ भव्य लेजर शो

जबलपुर के गौरी घाट पर दिवाली की पूर्व संध्या 51 हजार दीए जलाए गए. लेजर शो बना आकर्षण का केंद्र.

JABALPUR 51 THOUSAND DIYA LIT
गौरी घाट पर दिवाली के पूर्व संध्या 51 हजार दीए जलाए गए (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 30, 2024, 10:38 PM IST

Updated : Oct 30, 2024, 10:47 PM IST

जबलपुर: अयोध्या की तर्ज पर जबलपुर में भी दिवाली मनाई गई. नर्मदा नदी के गौरी घाट पर लोगों ने 51 हजार दीए जलाए. वहीं, आतिशबाजी के साथ ही पहली बार इस आयोजन में लेजर शो का इंतजाम भी किया गया. जबलपुर में बीते 2 सालों से दिवाली के एक दिन पहले दीपोत्सव का यह आयोजन किया गया.

भव्य लेजर लाइट से सजा घाट

इस कार्यक्रम की तैयारी कई दिनों से चल रही थी. गौरी घाट की लंबाई लगभग 300 मीटर है और यहां पर काफी चौड़ा पक्का घाट बना हुआ है. यहां कुछ देर के लिए इस पूरे घाट की लाइट्स बंद कर दी गई और लोगों ने दीए की रोशनी और भव्य लेजर लाइट के नजारे को देखा. दीपोत्सव के बाद 15 मिनट तक आसमान में आतिशबाजी की गई. मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि "इस आतिशबाजी में कोई भी हानिकारक पटाखे नहीं जलाए गए हैं."

गौरी घाट पर दीपोत्सव के साथ भव्य लेजर शो का आयोजन (ETV Bharat)

लेजर शो रहा आकर्षण का केंद्र

इस बार दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण लेजर शो रहा. इस लेजर शो के जरिए आसमान में भगवान राम, महाकाल और नर्मदा नदी से जुड़े हुए कई धार्मिक दृश्य बनाए गए. इस आयोजन से ठीक पहले नर्मदा नदी की आरती की गई. इस आयोजन में जबलपुर के जनप्रतिनिधियों के साथ ही साधु संत भी शामिल हुए.

ये भी पढ़ें:

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'यह आयोजन जबलपुर की होगी परंपरा'

मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि "वे इस आयोजन को जबलपुर की परंपरा बनाना चाहते हैं. ठीक दिवाली के एक दिन पहले लोग घरों से निकले और नर्मदा नदी के तट पर एक साथ दीपक जलाकर दिवाली मनाई. यह कार्यक्रम कैसे भव्य हो सकता है, इसके लिए पूरी कोशिश की गई. इसमें हर साल कुछ नयापन लाने के लिए काम किया जाएगा."

जबलपुर: अयोध्या की तर्ज पर जबलपुर में भी दिवाली मनाई गई. नर्मदा नदी के गौरी घाट पर लोगों ने 51 हजार दीए जलाए. वहीं, आतिशबाजी के साथ ही पहली बार इस आयोजन में लेजर शो का इंतजाम भी किया गया. जबलपुर में बीते 2 सालों से दिवाली के एक दिन पहले दीपोत्सव का यह आयोजन किया गया.

भव्य लेजर लाइट से सजा घाट

इस कार्यक्रम की तैयारी कई दिनों से चल रही थी. गौरी घाट की लंबाई लगभग 300 मीटर है और यहां पर काफी चौड़ा पक्का घाट बना हुआ है. यहां कुछ देर के लिए इस पूरे घाट की लाइट्स बंद कर दी गई और लोगों ने दीए की रोशनी और भव्य लेजर लाइट के नजारे को देखा. दीपोत्सव के बाद 15 मिनट तक आसमान में आतिशबाजी की गई. मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि "इस आतिशबाजी में कोई भी हानिकारक पटाखे नहीं जलाए गए हैं."

गौरी घाट पर दीपोत्सव के साथ भव्य लेजर शो का आयोजन (ETV Bharat)

लेजर शो रहा आकर्षण का केंद्र

इस बार दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण लेजर शो रहा. इस लेजर शो के जरिए आसमान में भगवान राम, महाकाल और नर्मदा नदी से जुड़े हुए कई धार्मिक दृश्य बनाए गए. इस आयोजन से ठीक पहले नर्मदा नदी की आरती की गई. इस आयोजन में जबलपुर के जनप्रतिनिधियों के साथ ही साधु संत भी शामिल हुए.

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'यह आयोजन जबलपुर की होगी परंपरा'

मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि "वे इस आयोजन को जबलपुर की परंपरा बनाना चाहते हैं. ठीक दिवाली के एक दिन पहले लोग घरों से निकले और नर्मदा नदी के तट पर एक साथ दीपक जलाकर दिवाली मनाई. यह कार्यक्रम कैसे भव्य हो सकता है, इसके लिए पूरी कोशिश की गई. इसमें हर साल कुछ नयापन लाने के लिए काम किया जाएगा."

Last Updated : Oct 30, 2024, 10:47 PM IST
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