पटना: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल यानी समान नागरिक संहिता पारित होने के बाद हल्द्वानी शहर में हिंसा की घटना सामने आई है. इस हिंसा के बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली और बिहार तक सियासत गर्मा गई है. इस घटना को लेकर आरजेडी ने पूछा है कि ''क्या यही अमृतकाल है?.'' आरजेडी के सवाल पर बीजेपी ने भी पटलवार किया है. बीजेपी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सक्षम है, कोई कानून हाथ में लेगा तो उससे निपटा जाएगा. पढ़ें पूरी खबर
'क्या ये अमृतकाल है? या विष काल बना रहे' : हल्द्वानी हिंसा पर बिहार में भी सियासी सवाल पूछे जा रहे है. आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि ''इस देश का सामाजिक ताना बाना टूट रहा है बिखर रहा है. हल्द्वानी जैसी जगह जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. आज जैसी छवि आ रही है. आप किसी प्रकार के देश का निर्माण कर रहे हैं, क्या ये अमृतकाल है? या विष काल बना रहे है. मैं केंद्र और उत्तराखंड की सरकार से सवाल पूछता हूं."
आरजेडी के सवाल पर BJP का जवाब : वहीं आरजेडी के सवालों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि "किसी को भी अपने हाथ में कानून लेना का अधिकार नहीं है चाहे धार्मिक स्थिति हो या कोई और कारण हो. उत्तराखंड में उत्तराखंड की सरकार सक्षम है, अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो उससे निपटने की तैयारी भी सरकार ने कर ली है."
हल्द्वानी हिंसा, अब तक क्या-क्या हुआ? : उत्तराखंड की नैनिताल पुलिस का कहना है हल्द्वानी शहर में बनभूलपुरा में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा था, इसी बीच पथराव शुरू हो गया. कुछ लोगों द्वारा पथराव और आगजनी की गई, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ गई. तोड़फोड़ में सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ. घटना के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह अधिकारियों के साथ बैठक की. फिलहाल जिला प्रशासन ने जिले में 144 लगा दिया है. वहीं, बीजेपी ने हल्द्वानी हिंसा को उत्तराखंड में लागू हुए यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता से जोड़ा है.
"होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए. कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया. यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी." - वंदना सिंह, डीएम, नैनीताल
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