देहरादून: उत्तराखंड में ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के पूर्व चीफ रवि प्रताप सिंह को सिंचाई विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है. अभिकरण में प्रतिनियुक्ति के दौरान रवि प्रताप सिंह खूब चर्चाओं में भी रहे. विधानसभा तक में भी उनके नाम को लेकर खूब हंगामा हुआ, लेकिन अब प्रति नियुक्ति खत्म होने के बाद उनके मूल विभाग में वापसी को लेकर उनकी दिक्कतें शुरू हो गई हैं.
उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में प्रतिनियुक्ति पर रहे रवि प्रताप सिंह अब सिंचाई विभाग के लिए कार्य मुक्त कर दिए गए हैं. खास बात यह है कि अपने मूल विभाग में कार्य मुक्त होने के साथ ही उनकी दिक्कतें भी शुरू हो गई है. प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग ने रवि प्रताप सिंह को नोटिस जारी करते हुए फौरन मूल विभाग में ज्वाइन करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की भी चेतावनी दे दी गई है.
इससे पहले ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में चीफ इंजीनियर के तौर पर काम देख रहे रवि प्रताप सिंह बिना एनओसी के लंबे समय तक अपने मूल विभाग से प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं. कई बार उन्हें मूल विभाग में योगदान देने से जुड़े पत्र भी लिखे जाते रहे लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. उत्तराखंड विधानसभा में भी आरपी सिंह को लेकर विपक्ष हंगामा करता हुआ दिखाई दिया था. उन पर कई तरह के आरोप भी लगाए गए.
खास बात यह है कि आरपी सिंह के URRDA के चीफ इंजीनियर पद से हटने के बाद से ही इस पद पर पिछले 11 दिनों से किसी की भी तैनाती नहीं हुई है. ऐसे में आरपी सिंह ना तो अपने मूल विभाग में तैनाती पर गए हैं और ना ही शासन ने जिस पद से उन्हें हटाया था उस पद पर किसी की तैनाती की है. इतना ही नहीं आरपी सिंह PMGSY के गढ़वाल चीफ के तौर पर भी जिम्मेदारी देख रहे थे, लिहाजा यह दोनों ही पद अब खाली पड़े हैं. इन विभागों में तमाम विकास के कार्यों पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है.
बहरहाल सरकार ने आरपी सिंह को वापस मूल विभाग भेजने का फैसला तो लिया लेकिन 14 सितंबर को इससे जुड़े आदेश होने के बाद भी अब तक आरपी सिंह ने सिंचाई विभाग में तैनाती नहीं दी है. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगले तीन दिनों के भीतर तैनाती नहीं देने पर इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.