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धनबाद में पीएम आवास योजना में बरती गई अनियमितता, बिना खिड़की और दरवाजे के बने 72 मकान, लाभुकों का नहीं है पता - PM Awas Yojana in Dhanbad - PM AWAS YOJANA IN DHANBAD

Irregularities in PM Awas Yojana. धनबाद में पीएम आवास योजना में अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है. योजना के तहत 72 मकान बन गए हैं, लेकिन उसमें रहता कोई नहीं है. वजह इन मकानों में दरवाजे, खिड़की और पक्के फर्श का ना होना है. मामले की जांची की मांग की गई है.

Irregularities were committed in 72 houses built under PM Awas Yojana in Dhanbad
Irregularities were committed in 72 houses built under PM Awas Yojana in Dhanbad
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 27, 2024, 12:17 PM IST

Updated : Mar 27, 2024, 12:52 PM IST

धनबाद में पीएम आवास योजना में अनियमितता

धनबादः सरकार की तरफ से गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराने वाली पीएम आवास योजना अफसरों और बिचौलिया के लिए धन उगाही का साधन बन गई है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि तस्वीरें सच्चाई बयां करने के लिए काफी हैं. यही नहीं आरटीआई से मांगी गई जानकारी भी इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि पीएम आवास योजना में अनियमितता बरती गई है. एक, दो या पांच नहीं बल्कि पीएम आवास योजना के तहत कुल 72 मकान बनाए गए हैं.

यह मामला बाघमारा प्रखंड के सिनीडीह पंचायत का है. पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए 72 मकानों में से महज एक मकान में ही लाभुक रह रहे हैं. शेष मकानों में कोई भी रहने वाला नहीं है. एक मकान को छोड़कर अन्य मकानों में ना तो दरवाजे हैं और ना ही खिड़की. पीएम आवास योजना के तहत छत सहित पक्का मकान बनाया जाना है. लेकिन इन मकानों में एस्बेस्टस शीट लगी हुई है.

मकानों के फर्श भी मिट्टी के ही हैं, इससे भी चौकाने वाली बात यह है कि सभी लाभुकों को राशि भुगतान कर दी गई है. सरकारी खाते में यह काम पूर्ण हो चुका है. यह योजना 2019-20 की है. लेकिन चार साल पूरे होने के बाद एक लाभुक को छोड़कर अन्य 71 लाभुकों का कहीं भी दूर दूर तक अता पता नहीं है.

लाभुक बॉबी देवी, जो मकान में रह रही हैं.उसने बताया कि मुखिया प्रतिनिधि पिंटू चौहान ने यह मकान बनवाकर उन्हें दिया है. मां के नाम से यह मकान है. पैसे निकलवाने के लिए मां को पिंटू चौहान बैंक ले जाया करता था. उन्होंने कहा कि फिलहाल यहां किसी तरह की सुविधा नहीं है।

वहीं मुखिया प्रतिनिधि पिंटू चौहान का कहना है कि तत्कालीन बीडीओ एसके प्रजापति के निर्देश पर इस जमीन की नीति फंड से लेबलिंग कराई गई. इसके बाद यहां पीएम आवास योजना के तहत मकान का निर्माण कराया गया. पिंटू चौहान ने कहा कि पानी, बिजली और शौचालय की यहां व्यवस्था नहीं है. जिस कारण लोग यहां नही रह रहे हैं.

वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट जगत महतो ने कहा कि सूचना अधिकार के तहत विभाग से मांगी गई जानकारी में बताया गया है कि कुल 72 मकान यहां पीएम आवास योजना से बनाए गए हैं. इन मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. साथ ही लाभुकों के द्वारा राशि की निकासी कर ली गई है, लेकिन यहां बनाए गए कुल 72 मकानों में ना तो खिड़की और ना दरवाजा है. साथ ही फर्श भी मिट्टी के ही हैं.

सिर्फ एक मकान को छोड़कर शेष मकान वीरान पड़े हैं. इसके लिए जगत महतो ने तत्कालीन बीडीओ एसके प्रजापति को जिम्मेवार ठहराया है. जमीन के समतलीकरण और सड़क निर्माण समेत मकान बनाने में करोड़ों रुपए के घोटाले की बात आरटीआई एक्टिविस्ट ने कही है. साथ ही पूरे मामले की जांच की मांग सरकार से की है.

आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा मामले की जांच के लिए विभाग को लिखा गया है. जिसके बाद पंचायत सचिव ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की. पंचायत सचिव ने कहा कि पीएम आवास योजना का कार्य पूरा हो चुका है और लाभुकों के द्वारा पैसे दे दिए गए हैं, उन्होंने कहा कि जो काम नहीं हुए हैं, उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं है.

वहीं मामले को लेकर बाघमारा प्रखंड की बीडीओ सुषमा आनंद ने कहा कि कभी कभी लोग निजी काम में पैसे लगा देते हैं, जिस कारण ऐसे मामले देखने को मिलते हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे इस पर कुछ कहना ठीक रहेगा.

बहरहाल यह एक जांच का विषय है. एक उच्चस्तरीय जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा कि क्या वाकई में घोटाला हुआ है. अगर घोटाला हुआ है तो जांच के बाद दोषियों के खिलाफ आखिर क्या कार्रवाई होती है. क्योंकि जिस बीडीओ के कार्यकाल में यह कार्य हुआ है, वह वर्तमान में सरायकेला जिले में एसडीएम के पद पर तैनात हैं.

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यह मामला बाघमारा प्रखंड के सिनीडीह पंचायत का है. पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए 72 मकानों में से महज एक मकान में ही लाभुक रह रहे हैं. शेष मकानों में कोई भी रहने वाला नहीं है. एक मकान को छोड़कर अन्य मकानों में ना तो दरवाजे हैं और ना ही खिड़की. पीएम आवास योजना के तहत छत सहित पक्का मकान बनाया जाना है. लेकिन इन मकानों में एस्बेस्टस शीट लगी हुई है.

मकानों के फर्श भी मिट्टी के ही हैं, इससे भी चौकाने वाली बात यह है कि सभी लाभुकों को राशि भुगतान कर दी गई है. सरकारी खाते में यह काम पूर्ण हो चुका है. यह योजना 2019-20 की है. लेकिन चार साल पूरे होने के बाद एक लाभुक को छोड़कर अन्य 71 लाभुकों का कहीं भी दूर दूर तक अता पता नहीं है.

लाभुक बॉबी देवी, जो मकान में रह रही हैं.उसने बताया कि मुखिया प्रतिनिधि पिंटू चौहान ने यह मकान बनवाकर उन्हें दिया है. मां के नाम से यह मकान है. पैसे निकलवाने के लिए मां को पिंटू चौहान बैंक ले जाया करता था. उन्होंने कहा कि फिलहाल यहां किसी तरह की सुविधा नहीं है।

वहीं मुखिया प्रतिनिधि पिंटू चौहान का कहना है कि तत्कालीन बीडीओ एसके प्रजापति के निर्देश पर इस जमीन की नीति फंड से लेबलिंग कराई गई. इसके बाद यहां पीएम आवास योजना के तहत मकान का निर्माण कराया गया. पिंटू चौहान ने कहा कि पानी, बिजली और शौचालय की यहां व्यवस्था नहीं है. जिस कारण लोग यहां नही रह रहे हैं.

वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट जगत महतो ने कहा कि सूचना अधिकार के तहत विभाग से मांगी गई जानकारी में बताया गया है कि कुल 72 मकान यहां पीएम आवास योजना से बनाए गए हैं. इन मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. साथ ही लाभुकों के द्वारा राशि की निकासी कर ली गई है, लेकिन यहां बनाए गए कुल 72 मकानों में ना तो खिड़की और ना दरवाजा है. साथ ही फर्श भी मिट्टी के ही हैं.

सिर्फ एक मकान को छोड़कर शेष मकान वीरान पड़े हैं. इसके लिए जगत महतो ने तत्कालीन बीडीओ एसके प्रजापति को जिम्मेवार ठहराया है. जमीन के समतलीकरण और सड़क निर्माण समेत मकान बनाने में करोड़ों रुपए के घोटाले की बात आरटीआई एक्टिविस्ट ने कही है. साथ ही पूरे मामले की जांच की मांग सरकार से की है.

आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा मामले की जांच के लिए विभाग को लिखा गया है. जिसके बाद पंचायत सचिव ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की. पंचायत सचिव ने कहा कि पीएम आवास योजना का कार्य पूरा हो चुका है और लाभुकों के द्वारा पैसे दे दिए गए हैं, उन्होंने कहा कि जो काम नहीं हुए हैं, उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं है.

वहीं मामले को लेकर बाघमारा प्रखंड की बीडीओ सुषमा आनंद ने कहा कि कभी कभी लोग निजी काम में पैसे लगा देते हैं, जिस कारण ऐसे मामले देखने को मिलते हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे इस पर कुछ कहना ठीक रहेगा.

बहरहाल यह एक जांच का विषय है. एक उच्चस्तरीय जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा कि क्या वाकई में घोटाला हुआ है. अगर घोटाला हुआ है तो जांच के बाद दोषियों के खिलाफ आखिर क्या कार्रवाई होती है. क्योंकि जिस बीडीओ के कार्यकाल में यह कार्य हुआ है, वह वर्तमान में सरायकेला जिले में एसडीएम के पद पर तैनात हैं.

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Last Updated : Mar 27, 2024, 12:52 PM IST
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