पटना : बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल क्षेत्र में स्थित एशियन सिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने अनोखी सर्जरी कर 20 वर्षीय युवक की जान बचाई है. दरअसल 15 फरवरी की शाम अटल पथ पर भयानक सड़क हादसा हुआ था. इस हादसे में एक कार अटल पथ के किनारे बने डिवाइडर की रेलिंग से जा टकराई थी. घटना में आगे सीट पर बैठे 20 वर्षीय युवक हर्ष के पास कंधे के पास सीन से लोहे की चौकोर पाइप आर पार हो गई थी.
सीने के आरपार हो गया था लोहे का रॉड : घटना के दिन का वीडियो भी सबके सामने है कि किस प्रकार युवक छटपटा रहा था. गैस कटर की मदद से डिवाइड की रेलिंग को काटकर युवक को नजदीकी एशियन सिटी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया. यहां चिकित्सकों की टीम ने 9 घंटे से अधिक समय की जटिल सर्जरी कर युवक की जान बचाई. अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉक्टर पंकज ने यह सर्जरी की. सर्जरी की सफलता के बाद सोमवार को अस्पताल में उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई और अब मरीज खतरे से बाहर है.
स्पाइन सर्जन डॉक्टर पंकज ने बताया कि ''घटना के बाद घटनास्थल पर युवक 45 मिनट छटपटाता रहा. उसके बाद अस्पताल पहुंचा और फिर यहां 15 मिनट के प्रोसीजर के बाद ऑपरेशन थिएटर में एडमिट कर दिया गया. लोहे का पाइप सीने से जो आर पार हुआ था तो जैकेट और कपड़ा भी शरीर से आर पार हो गया था. इससे एक फायदा यह हुआ कि अंदर की टिशु इंजरी बाद में अधिक नहीं हुई, हालांकि इन्फेक्शन का खतरा उतना ही अधिक था.''
जटिल ऑपरेशन से बची जान : डॉ पंकज कुमार ने बताया कि सीने से लोहे के पाइप को निकालने में लगभग दो से ढाई घंटे का समय लग गया. इसके लिए एनेस्थीसिया टीम को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. मरीज को लिटा करके ही एनेस्थीसिया दी जाती है, लेकिन मरीज के शरीर में सीने से आर पार लोहा का पाइप चला गया था जिसके कारण बेड पर लिटा पाना संभव नहीं था. इसके बाद मेडिकल स्टाफ के सहयोग से उसे हाथ पर लिटाकर बड़ी मशक्कत से लोहे का पाइप निकल गया.
7 घंटे चली सर्जरी : डॉ पंकज कुमार ने बताया कि इस घटना में बोन लॉस, मसल्स लॉस और स्किन लॉस भी काफी हुआ था. आगे का कॉलर बोन टूट कर पीछे चला गया था और काफी इंजरी हुई थी. 15 फरवरी की देर रात लगभग ढाई घंटे में मरीज के सीने से पाइप निकल गया. सुबह में फिर सर्जरी शुरू हुई जो लगभग 7 घंटे चली. इस दौरान मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया. मरीज का ब्लड प्रेशर बहुत नीचे चला गया था, ऑपरेशन के दौरान सॉफ्ट टिशु से बचते हुए क्षतिग्रस्त कंधे में प्लेट लगाया.
''इस दौरान मरीज को ब्लड चढ़ाने की भी आवश्यकता पड़ी. लेकिन अब मरीज पूरी तरह होश में है और तेजी से रिकवर हो रहा है. मरीज के दोनों हाथों में मूवमेंट है और अभी के समय इंफेक्शन से बचा कर रखना बेहद जरूरी है. कुछ दिन में मरीज सब कुछ अच्छे से खाने पीने लगेगा, लेकिन उसे पहले की तरह होने में 6 महीना का समय लग जाएगा.'' - डॉ पंकज कुमार, स्पाइन सर्जन