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पति का मिला साथ तो मधुबनी पेंटिंग में बनाया करियर, अब हो रही सालाना 60 लाख की कमाई

International Women Day : 8 मार्च यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस. इस दिन को मनाने का मकसद महिलाओं की उन्नति और विकास है. इसी कड़ी में बिहार की एक बेटी आज देश की हर एक महिला के लिए मिसाल बन रही है. इस बेटी ने साबित किया है कि हाथ में हुनर हो तो आप अपने शौक को सफल व्यवसाय में बदल सकते हैं. राजधानी पटना की रितिका मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से खुद सशक्त बनकर कई महिलाओं के जीवन को संवारने का काम कर लाखों कमा रहीं हैं.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 8, 2024, 6:14 AM IST

मधुबनी पेंटिंग

पटना: फूल और पत्तियों से रंग तैयार कर मधुबनी पेंटिंग और टिकुली कला में रंग भरने वाली बिहार की एक बेटी देशभर में अपनी पहचान बना रही है. यह कहानी है पटना की रहने वाली रितिका की. रितिका को बचपन से ही सेक्चिंग रंगों और पेंटिग का शौक था, लेकिन तब उन्हें यह नहीं पता था कि वह एक दिन इसी शौक को अपनी पेशा बनाएंगी. लेकिन कहते हैं कि कई बार पैशन इंसान को पहचान देता है. रितिका के साथ भी कुछ ऐसा ही है.

मधुबनी पेंटिंग सिखा कर लिखी इबारत : ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रितिका ने बताया कि, ''पेंटिंग के लिए 6 महीना का कोर्स की तब तक मेरी शादी हो गई. बचपन में करियर नहीं बना पाई पर शादी होने के बाद अब सपना साकार हुआ है. मधुबनी पेंटिंग की जब शुरुआत की तो पति और घरवालों का साथ मिला. कम पैसे से हमने मधुबनी पेंटिंग की शुरुआत की और आज सालाना 60 लाख टर्न ओवर है.''

रितिका की मधुबनी पेंटिंग
रितिका की मधुबनी पेंटिंग

जेल में सिखातीं हैं फनी पेंटिंग: दरअसल, रितिका मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से खुद सशक्त बनकर कई महिलाओं के जीवन को संवारने का काम कर चुकी है. दर्जनों महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराई है. यही नहीं रितिका पटना के जेलों में जाकर कैदियों को मधुबनी पेंटिंग का गुर सीखाने का काम करती है. बेऊर जेल में दर्जनों महिलाओं को पेंटिंग का हुनर सीखा चुकी है.

महिलाओं को किया सशक्त: मधुबनी पेंटिंग से आज दर्जनों महिलाओं को रोजगार मिला है. महिलाओं के लिए कान के कुंडल, हाथ की चूड़ी साड़ी, दुपट्टा, आईना कवर, मोबाइल कवर, चूड़ी बॉक्स पर चित्र उकेरने का काम करती हैं. रितिक ने बताया कि मधुबनी पेंटिंग में उन्होंने कई इन्नोवेटिव काम किए हैं.

रितिका की मधुबनी पेंटिंग
रितिका की मधुबनी पेंटिंग

ऑर्डर पर तैयार करतीं है पेंटिग: ऑर्डर मिलने पर विभिन्न प्रकार के मधुबनी पेंटिंग तैयार करती हैं. जिसके लिए 25000 से 50000 रुपये तक कीमत मिलती है. प्लेन साड़ियों पर मधुबनी पेंटिंग करती हैं और इसमें एक साड़ी को कंप्लीट करने में 2 दिन का समय लग जाता है और यह बाजार में 5000 रुपये प्रति पीस बिकता है. दूसरे प्रदेश के लोगों में मधुबनी पेंटिंग के आर्ट में बने प्रोडक्ट्स के प्रति काफी दिलचस्प नजर आती है और जमकर खरीदारी करते हैं.

मधुबनी पेंटिंग की 100 प्रोडक्ट्स: उन्होंने बताया कि 50 रुपये का चाबी रिंग और इयररिंग से प्रोडक्ट शुरू होते हैं और 25000 से 30000 रुपये तक के प्रोडक्ट्स तैयार करती हैं. शादी के सीजन में दुल्हन के साज सज्जा के समान मधुबनी पेंटिंग से जो तैयार करती है. हाथ की लहठी से लेकर गले की माला मधुबनी पेंटिंग में वह बनाती हैं.

मधुबनी पेंटिंग
मधुबनी पेंटिंग

लाखों में है कमाई: रितिका घर पर ही मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, वैनायटी बॉक्स, ज्वेलरी रखने वाले डिजाइनर डब्बे, मधुबनी पेंटिंग में वह 100 से अधिक प्रोडक्ट्स बनाती हैं.ऑर्डर मिलने पर विभिन्न प्रकार के मधुबनी पेंटिंग तैयार करती हैं. जिसके लिए 25000 से 50000 रुपये तक कीमत मिलती है. आज रितिका सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रही हैं. साथ ही अपने मन का काम करके वह बहुत ही खुश हैं.

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मधुबनी पेंटिंग

पटना: फूल और पत्तियों से रंग तैयार कर मधुबनी पेंटिंग और टिकुली कला में रंग भरने वाली बिहार की एक बेटी देशभर में अपनी पहचान बना रही है. यह कहानी है पटना की रहने वाली रितिका की. रितिका को बचपन से ही सेक्चिंग रंगों और पेंटिग का शौक था, लेकिन तब उन्हें यह नहीं पता था कि वह एक दिन इसी शौक को अपनी पेशा बनाएंगी. लेकिन कहते हैं कि कई बार पैशन इंसान को पहचान देता है. रितिका के साथ भी कुछ ऐसा ही है.

मधुबनी पेंटिंग सिखा कर लिखी इबारत : ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रितिका ने बताया कि, ''पेंटिंग के लिए 6 महीना का कोर्स की तब तक मेरी शादी हो गई. बचपन में करियर नहीं बना पाई पर शादी होने के बाद अब सपना साकार हुआ है. मधुबनी पेंटिंग की जब शुरुआत की तो पति और घरवालों का साथ मिला. कम पैसे से हमने मधुबनी पेंटिंग की शुरुआत की और आज सालाना 60 लाख टर्न ओवर है.''

रितिका की मधुबनी पेंटिंग
रितिका की मधुबनी पेंटिंग

जेल में सिखातीं हैं फनी पेंटिंग: दरअसल, रितिका मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से खुद सशक्त बनकर कई महिलाओं के जीवन को संवारने का काम कर चुकी है. दर्जनों महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराई है. यही नहीं रितिका पटना के जेलों में जाकर कैदियों को मधुबनी पेंटिंग का गुर सीखाने का काम करती है. बेऊर जेल में दर्जनों महिलाओं को पेंटिंग का हुनर सीखा चुकी है.

महिलाओं को किया सशक्त: मधुबनी पेंटिंग से आज दर्जनों महिलाओं को रोजगार मिला है. महिलाओं के लिए कान के कुंडल, हाथ की चूड़ी साड़ी, दुपट्टा, आईना कवर, मोबाइल कवर, चूड़ी बॉक्स पर चित्र उकेरने का काम करती हैं. रितिक ने बताया कि मधुबनी पेंटिंग में उन्होंने कई इन्नोवेटिव काम किए हैं.

रितिका की मधुबनी पेंटिंग
रितिका की मधुबनी पेंटिंग

ऑर्डर पर तैयार करतीं है पेंटिग: ऑर्डर मिलने पर विभिन्न प्रकार के मधुबनी पेंटिंग तैयार करती हैं. जिसके लिए 25000 से 50000 रुपये तक कीमत मिलती है. प्लेन साड़ियों पर मधुबनी पेंटिंग करती हैं और इसमें एक साड़ी को कंप्लीट करने में 2 दिन का समय लग जाता है और यह बाजार में 5000 रुपये प्रति पीस बिकता है. दूसरे प्रदेश के लोगों में मधुबनी पेंटिंग के आर्ट में बने प्रोडक्ट्स के प्रति काफी दिलचस्प नजर आती है और जमकर खरीदारी करते हैं.

मधुबनी पेंटिंग की 100 प्रोडक्ट्स: उन्होंने बताया कि 50 रुपये का चाबी रिंग और इयररिंग से प्रोडक्ट शुरू होते हैं और 25000 से 30000 रुपये तक के प्रोडक्ट्स तैयार करती हैं. शादी के सीजन में दुल्हन के साज सज्जा के समान मधुबनी पेंटिंग से जो तैयार करती है. हाथ की लहठी से लेकर गले की माला मधुबनी पेंटिंग में वह बनाती हैं.

मधुबनी पेंटिंग
मधुबनी पेंटिंग

लाखों में है कमाई: रितिका घर पर ही मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, वैनायटी बॉक्स, ज्वेलरी रखने वाले डिजाइनर डब्बे, मधुबनी पेंटिंग में वह 100 से अधिक प्रोडक्ट्स बनाती हैं.ऑर्डर मिलने पर विभिन्न प्रकार के मधुबनी पेंटिंग तैयार करती हैं. जिसके लिए 25000 से 50000 रुपये तक कीमत मिलती है. आज रितिका सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रही हैं. साथ ही अपने मन का काम करके वह बहुत ही खुश हैं.

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