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दून नगर निगम फाइल मिसिंग केस, जांच के लिए गठित होगी इंटरनल कमेटी, 'जिम्मेदारों' पर होगा एक्शन

Missing files from Doon Nagar Nigam देहरादून नगर निगम में महत्वपूर्ण दस्तावेजों से 13743 फाइलें गायब होने के मामले में रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद इंटरनल कमेटी रिपोर्ट की जांच करेगी. वहीं, अगर जांच में किसी कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 15, 2024, 7:13 PM IST

Updated : Feb 15, 2024, 8:00 PM IST

दून नगर निगम फाइल मिसिंग केस

देहरादून: एक बार फिर नगर निगम देहरादून विवादों के घेरे में आ गया है. पिछले साल से नगर निगम की लापरवाही देखने को मिली है. दरअसल नगर निगम में संपत्ति कर,नामांतरण और कर निर्धारण से संबंधित 13743 फाइलें गायब हो गई हैं. जिसके बाद अब नगर आयुक्त ने इस पूरे मामले में उप नगर आयुक्त को रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट तैयार होने के बाद इंटरनल कमेटी गठित की जाएगी, जो एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट की जांच करेगी. वहीं, अगर जांच में किसी कर्मचारी द्वारा लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

महत्वपूर्ण दस्तावेजों से 13743 फाइलें गायब: बता दें कि राज्य सूचना आयोग की ओर से रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद दस्तावेज गायब होने की जानकारी मिली है. दस्तावेज गायब होने से बड़ी गड़बड़ के होने के आसार हैं. राज्य सूचना आयुक्त ने इस मामले में कार्रवाई के लिए शहरी विकास निदेशक के सचिव को आदेश दिए हैं. नगर निगम से दस्तावेज गायब होने की शिकायत राज्य सूचना आयोग को मिल रही थी. जिस पर राज्य सूचना आयोग ने तरुण गुप्ता की अपील पर सुनवाई की थी और नगर निगम से 6 महीने पहले गायब फाइलों की डिटेल तैयार करने को कहा था. राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के निर्देश पर नगर निगम ने 6 महीने में रिपोर्ट तैयार की. जिसमें साल 1989 से 2021 के बीच महत्वपूर्ण दस्तावेजों से 13743 फाइलें गायब मिली हैं.

साल 1989 से 2021 तक फाइलें हुई गायब

  • साल 1989 में 894 फाइलें हुई गायब
  • साल 1990 में 835 फाइलें हुई गायब
  • साल 1991 में 591 फाइलें हुई गायब
  • साल 1992 में 919 फाइलें हुई गायब
  • साल 1993 में 796 फाइलें हुई गायब
  • साल 1994 में 1071 फाइलें हुई गायब
  • साल 1995 में 721 फाइलें हुई गायब
  • साल 1996 में 665 फाइलें हुई गायब
  • साल 1997 में 405 फाइलें हुई गायब
  • साल 1998 में 505 फाइलें हुई गायब
  • साल 1999 में 643 फाइलें हुई गायब
  • साल 2000 में 114 फाइलें हुई गायब
  • साल 2001 में 318 फाइलें हुई गायब
  • साल 2002 में 914 फाइलें हुई गायब
  • साल 2003 में 230 फाइलें हुई गायब
  • साल 2004 में 243 फाइलें हुई गायब
  • साल 2005 में 188 फाइलें हुई गायब
  • साल 2006 में 224 फाइलें हुई गायब
  • साल 2007 में 579 फाइलें हुई गायब
  • साल 2008 में 363 फाइलें हुई गायब
  • साल 2009 में 304 फाइलें हुई गायब
  • साल 2010 में 374 फाइलें हुई गायब
  • साल 2011 में 309 फाइलें हुई गायब
  • साल 2012 में 379 फाइलें हुई गायब
  • साल 2013 में 176 फाइलें हुई गायब
  • साल 2014 में 250 फाइलें हुई गायब
  • साल 2015 में 233 फाइलें हुई गायब
  • साल 2016 में 111 फाइलें हुई गायब
  • साल 2017 में 97 फाइलें हुई गायब
  • साल 2018 में 78 फाइलें हुई गायब
  • साल 2019 में 39 फाइलें हुई गायब
  • साल 2020 में 64 फाइलें हुई गायब
  • साल 2021 में 111 फाइलें हुई गायब

संबंधित कर्मचारियों पर केस होगा दर्ज: नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि मामले में आयोग द्वारा निर्देशित करने के बाद उप नगर आयुक्त से सूचना मांगी गई है और रिपोर्ट तैयारी की जा रही है. उसके बाद एक इंटरनल कमेटी का गठन किया जाएगा और इंटरनल कमेटी सात दिन के अंर्तगत किन-किन सेक्शन की फाइलें नहीं और क्यों नहीं है. साथ ही भविष्य में इस तरह की गलती न हो उसके लिए क्या कदम उठाए जाएं. इसस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर जो भी संबधित कर्मचारी हैं, जिनकी जिम्मेदारी फाइलों को संभाल कर रखना था, उन पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

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दून नगर निगम फाइल मिसिंग केस

देहरादून: एक बार फिर नगर निगम देहरादून विवादों के घेरे में आ गया है. पिछले साल से नगर निगम की लापरवाही देखने को मिली है. दरअसल नगर निगम में संपत्ति कर,नामांतरण और कर निर्धारण से संबंधित 13743 फाइलें गायब हो गई हैं. जिसके बाद अब नगर आयुक्त ने इस पूरे मामले में उप नगर आयुक्त को रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट तैयार होने के बाद इंटरनल कमेटी गठित की जाएगी, जो एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट की जांच करेगी. वहीं, अगर जांच में किसी कर्मचारी द्वारा लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

महत्वपूर्ण दस्तावेजों से 13743 फाइलें गायब: बता दें कि राज्य सूचना आयोग की ओर से रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद दस्तावेज गायब होने की जानकारी मिली है. दस्तावेज गायब होने से बड़ी गड़बड़ के होने के आसार हैं. राज्य सूचना आयुक्त ने इस मामले में कार्रवाई के लिए शहरी विकास निदेशक के सचिव को आदेश दिए हैं. नगर निगम से दस्तावेज गायब होने की शिकायत राज्य सूचना आयोग को मिल रही थी. जिस पर राज्य सूचना आयोग ने तरुण गुप्ता की अपील पर सुनवाई की थी और नगर निगम से 6 महीने पहले गायब फाइलों की डिटेल तैयार करने को कहा था. राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के निर्देश पर नगर निगम ने 6 महीने में रिपोर्ट तैयार की. जिसमें साल 1989 से 2021 के बीच महत्वपूर्ण दस्तावेजों से 13743 फाइलें गायब मिली हैं.

साल 1989 से 2021 तक फाइलें हुई गायब

  • साल 1989 में 894 फाइलें हुई गायब
  • साल 1990 में 835 फाइलें हुई गायब
  • साल 1991 में 591 फाइलें हुई गायब
  • साल 1992 में 919 फाइलें हुई गायब
  • साल 1993 में 796 फाइलें हुई गायब
  • साल 1994 में 1071 फाइलें हुई गायब
  • साल 1995 में 721 फाइलें हुई गायब
  • साल 1996 में 665 फाइलें हुई गायब
  • साल 1997 में 405 फाइलें हुई गायब
  • साल 1998 में 505 फाइलें हुई गायब
  • साल 1999 में 643 फाइलें हुई गायब
  • साल 2000 में 114 फाइलें हुई गायब
  • साल 2001 में 318 फाइलें हुई गायब
  • साल 2002 में 914 फाइलें हुई गायब
  • साल 2003 में 230 फाइलें हुई गायब
  • साल 2004 में 243 फाइलें हुई गायब
  • साल 2005 में 188 फाइलें हुई गायब
  • साल 2006 में 224 फाइलें हुई गायब
  • साल 2007 में 579 फाइलें हुई गायब
  • साल 2008 में 363 फाइलें हुई गायब
  • साल 2009 में 304 फाइलें हुई गायब
  • साल 2010 में 374 फाइलें हुई गायब
  • साल 2011 में 309 फाइलें हुई गायब
  • साल 2012 में 379 फाइलें हुई गायब
  • साल 2013 में 176 फाइलें हुई गायब
  • साल 2014 में 250 फाइलें हुई गायब
  • साल 2015 में 233 फाइलें हुई गायब
  • साल 2016 में 111 फाइलें हुई गायब
  • साल 2017 में 97 फाइलें हुई गायब
  • साल 2018 में 78 फाइलें हुई गायब
  • साल 2019 में 39 फाइलें हुई गायब
  • साल 2020 में 64 फाइलें हुई गायब
  • साल 2021 में 111 फाइलें हुई गायब

संबंधित कर्मचारियों पर केस होगा दर्ज: नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि मामले में आयोग द्वारा निर्देशित करने के बाद उप नगर आयुक्त से सूचना मांगी गई है और रिपोर्ट तैयारी की जा रही है. उसके बाद एक इंटरनल कमेटी का गठन किया जाएगा और इंटरनल कमेटी सात दिन के अंर्तगत किन-किन सेक्शन की फाइलें नहीं और क्यों नहीं है. साथ ही भविष्य में इस तरह की गलती न हो उसके लिए क्या कदम उठाए जाएं. इसस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर जो भी संबधित कर्मचारी हैं, जिनकी जिम्मेदारी फाइलों को संभाल कर रखना था, उन पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

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Last Updated : Feb 15, 2024, 8:00 PM IST
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