दंतेवाड़ा: नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान का फायदा सरकार को मिल रहा है. इसके साथ ही नक्सलियों को वापस मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जो लोन वर्राटू अभियान चलाया जा है उसका भी फायदा मिल रहा है. दंतेवाड़ा में दो हार्डकोर माओवादियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने वाले दोनों नक्सली हिंसा छोड़ मुख्याधारा से जुड़कर आगे की जिंदगी बिताना चाहते हैं. प्रशासन की टीम लगातार गांव गांव में लोन वर्राटू अभियान को लेकर काम कर रही है. नक्सलियों के परिवार वालों को भी समझाने का काम किया जा रहा है.
दंतेवाड़ा में माओवादियों को लगा धक्का, जोगा और मुन्नी लौटे घर - Naxalites surrendered in Dantewada
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 18, 2024, 5:45 PM IST
दंतेवाड़ा में नक्सलियों को एक बार फिर तगड़ा झटका सरकार ने दिया है. शासन की लोन वर्राटू यानि घर वापस आईये अभियान से प्रभावित होकर दो हार्डकोर नक्सलियों ने हथियार डाल दिया है. आतंक की राह छोड़ने वाले दोनों नक्सली लंबे वक्त से कटेकल्याण और भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय थे. सरेंडर करने वाले दोनों नक्सली हिंसा के रास्ते पर चलते चलते तंग आ चुके थे.
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मुन्नी और उर्फ डेंगी और जोगा करटाम ने किया सरेंडर: सरेंडर करने वाले नक्सली जोगा करटाम और मुन्नी उर्फ डेंगी लंबे वक्त से हिंसा के रास्ते पर चलते रहे हैं. दोनों माओवादी दंतेवाड़ा के कटेकल्याण और भैरमगढ़ एरिया में एक्टिव रहे. सरकार की बनाई गई पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दोनों ने तय किया कि हिंसा का रास्ता छोड़ दिया जाए. समाज की मुख्यधारा से जुड़कर आगे का जीवन बिताया जाए. शासन की ओर से सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों को आर्थिक मदद दी गई है. नक्सली जोगा करटाम जियाकोड़ता पंचायत एरिया में डीएकेएमएस का सदस्य था. महिला नक्सली मुन्नी उर्फ डेंगी बेचापाल पंचायत से सीएनएम सदस्य थी.
दंतेवाड़ा एसपी के सामने किया आत्मसमर्पण: दंतेवाड़ा एसपी और एएसपी के सामने दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जारी पुनर्वास नीति के तहत दोनों को 25 - 25 हजार रुपए दिए गए. एसपी ने कहा कि सरेंडर के तहत बाकी की जो सुविधाएं मिलती है उसे भी जल्द दोनों को मुहैया कराई जाएगी. एसपी ने कहा कि अबतक 181 नक्सलियों सहित कुल 824 माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं.
दंतेवाड़ा: नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान का फायदा सरकार को मिल रहा है. इसके साथ ही नक्सलियों को वापस मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जो लोन वर्राटू अभियान चलाया जा है उसका भी फायदा मिल रहा है. दंतेवाड़ा में दो हार्डकोर माओवादियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने वाले दोनों नक्सली हिंसा छोड़ मुख्याधारा से जुड़कर आगे की जिंदगी बिताना चाहते हैं. प्रशासन की टीम लगातार गांव गांव में लोन वर्राटू अभियान को लेकर काम कर रही है. नक्सलियों के परिवार वालों को भी समझाने का काम किया जा रहा है.
मुन्नी और उर्फ डेंगी और जोगा करटाम ने किया सरेंडर: सरेंडर करने वाले नक्सली जोगा करटाम और मुन्नी उर्फ डेंगी लंबे वक्त से हिंसा के रास्ते पर चलते रहे हैं. दोनों माओवादी दंतेवाड़ा के कटेकल्याण और भैरमगढ़ एरिया में एक्टिव रहे. सरकार की बनाई गई पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दोनों ने तय किया कि हिंसा का रास्ता छोड़ दिया जाए. समाज की मुख्यधारा से जुड़कर आगे का जीवन बिताया जाए. शासन की ओर से सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों को आर्थिक मदद दी गई है. नक्सली जोगा करटाम जियाकोड़ता पंचायत एरिया में डीएकेएमएस का सदस्य था. महिला नक्सली मुन्नी उर्फ डेंगी बेचापाल पंचायत से सीएनएम सदस्य थी.
दंतेवाड़ा एसपी के सामने किया आत्मसमर्पण: दंतेवाड़ा एसपी और एएसपी के सामने दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जारी पुनर्वास नीति के तहत दोनों को 25 - 25 हजार रुपए दिए गए. एसपी ने कहा कि सरेंडर के तहत बाकी की जो सुविधाएं मिलती है उसे भी जल्द दोनों को मुहैया कराई जाएगी. एसपी ने कहा कि अबतक 181 नक्सलियों सहित कुल 824 माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं.