इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में आईआईएसटी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट में जल संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर जलपुरुष के नाम से विख्यात डॉ. राजेंद्र सिंह मौजूद थे. उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि दुनियाभर में हर युद्ध के पीछे मूलतः पानी की कमी ही कारण है. आपको बता दें कि डॉ राजेंद्र सिंह को प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, स्टॉकहोम जल पुरस्कार और जमनालाल बजाज पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों के नवाजा जा चुका है.
डॉ. राजेंद्र सिंह ने लोगों के साथ साझा किए अपने अनुभव
इंदौर के कॉलेज में शिरकत करने पहूंचे डॉ. राजेंद्र सिंह ने सत्र के दौरान अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा किया. भारत भर में नदियों और जल निकायों को पुर्नजीवित करने में उनके अग्रणी प्रयासों ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं की एक पीढ़ी को प्रेरित किया है. इस विशेष सत्र की मेजबानी आईआईएसटी समूह के सलाहकार अरुण एस भटनागर ने की. उन्होंने अपने भाषण में जल अभाव पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पिछले छह वर्षों से लगातार संस्थान में ग्रीन वेव क्लब अभियान शुरु किया है. जिसमें वृक्षारोपण, वाटर हार्वेस्टिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग, एग्रो फार्मिंग और नो प्लॉस्टिक जैसी योजनाओं का समावेश है. इसके परिणामस्वरूप आईआईएसटी परिसर जल संसाधन में आत्मनिर्भर हुआ है. हमारे यहां 6 साल पहले 5 से 6 लाख रुपए का पानी आता था लेकिन अब ये जीरो हो चुका है.
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कार्यक्रम में छात्र, फेकल्टी, शोधकर्ता और पेशेवर लोग शामिल मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में इतने लोगों की सहभागिता धरती के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है. फिलहाल जल पुरुष के नाम से विखायत राजेंद्र सिंह को सुने कई लोग पहुंचे. अरुण एस भटनागर ने कहा, ' हमने इस कार्यक्रम में डॉ. राजेंद्र सिंह को बुलाया है जो कि वॉटर मैन ऑफ इंडिया हैं.' इस दौरान उन्होने डॉ राजेंद्र सिंह के द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी. साथ ही उन्होंने बताया कि आज इंदौर में पानी का स्तर 60 मीटर तक चला गया है. अगर हम सजग नहीं हुए तो ये 200 मीटर तक चला जाएगा. नदियों में प्रदूषण है. आज जरूरत है कि समाज का हर वर्ग व हर व्यक्ति इस समस्या को पहचाने.