इंदौर: शादियों का सीजन आ चुका है और डिजिटल के दौर में लोग शादी का निमंत्रण भी डिजिटली भेज रहे हैं. लेकिन अगर आपको वॉट्सएप या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शादी का कार्ड भेजा गया है तो उसे खोलने से पहले दस बार सोच लें. दरअसल, साइबर ठगों ने ठगी करने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है. साइबर ठग शादी का कार्ड भेजकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसे में वेडिंग इन्विटेशन की फाइल खोलते ही आपके बैंक अकाउंट तक खाली हो सकते हैं. इस संबंध में इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक एडवाइजरी जारी की है.
डिजिटल इनविटेशन कार्ड से ठगी
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा, " साइबर ठग नए-नए तरीके निकालकर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. बीते दिनों साइबर ठगों ने राखी की डिजिटल इनविटेशन कार्ड भेजकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया. वहीं, दशहरा और दीपावली पर्व पर शुभकामना संदेश के नाम पर लिंक भेजकर ठगी को अंजाम दिया गया था.''
शादी के निमंत्रण से ठगी
अब शादी का सीजन शुरू हो गया है, इसी को देखते हुए साइबर ठग वेडिंग इनविटेशन कार्ड भेज रहे हैं. साइबर ठग एक लिंक या एपीके एप भेजते हैं, जिसे खोलते ही मोबाइल का पूरा कंट्रोल ठगों के हाथ में चला जाता है. इसके बाद सभी ओटीपी (OTP) साइबर ठगों के पास पहुंच जाती है. इसकी मदद से बैंक अकाउंट में मौजूद सभी राशि निकाल लेते हैं."
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लगभग 9 करोड़ रुपए पीड़ितों को दिलाए वापस
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने आगे कहा, '' आपके पास आने वाले डिजिटल इनविटेशन कार्ड और लिंक पर क्लिक करने से पहले नंबर की जांच कर लें. अगर जानने वालों के मोबाइल नंबर से लिंक आया हो तभी उस पर क्लिक करें. ऐसा नहीं करने पर आपके साथ ठगी की वारदात हो सकती है.'' उन्होंने कहा अक्टूबर महीने तक 9 करोड़ 30 लाख रुपए से ज्यादा साइबर ठगों से रिकवर करके पीड़ितों को वापस किए जा चुके हैं.