इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जिला प्रशासन ने हर समस्या का समाधान इनाम से निकाला है. पहले भिखारी के साथ सेल्फी भेजने पर एक हजार रुपए का इनाम घोषित कर चुके जिला कलेक्टर ने अब खुले बोरिंग के साथ तस्वीर भेजने पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है.
सेल्फी विथ बोरिंग
रीवा में खुले बोरिंग में गिरने से एक बच्चे की मौत की घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश भर में खुले हुए बोरिंग को हर हाल में बंद करने या ढ़कने को लेकर निर्देश जारी किए थे. इन आदेशों के साथ अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि जिस बोरिंग को ढाका जाए उसे बोरिंग के साथ अधिकारी सेल्फी लेकर संबंधित व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो शेयर करेंगे. इसके बाद जिले भर में खुले पड़े 31 बोरवेल को अधिकारियों ने बंद करवाए और सेल्फी लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया.
खुले बोरवेल की सूचना देने पर 10000 का इनाम
जिला पंचायत इंदौर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन के द्वारा जनपद पंचायतों को क्षेत्र में सूखे बोरवेल के स्थल सत्यापन करने हेतु निर्देशित किया गया था. इसके बाद इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत सहायक अभियंता एवं उपयंत्रियों ने अपने कार्यक्षेत्र में सूखे पड़े बोरवेलों का निरीक्षण किया. खुले पाए गए बोरवेलों को बंद करवाने की कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई के बाद इंदौर जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले में खुले हुए बोरिंग की सूचना देने वाले को ₹10000 की नगद राशि देने का इनाम घोषित किया है. जिला प्रशासन ने इस आदेश को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया है. इस आदेश में कहा गया है कि इंदौर जिले की सीमा अंतर्गत ऐसे नलकूप/बोरवेल जो खुले हुए हैं, उसकी सूचना कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक जी-12 में व्यक्तिगत अथवा टेलीफोन नम्बर 0731-181 पर एवं अभिनव मिसाल, स्टेनो शाखा के मो.न. 9926734403 पर प्रातः 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक दें. सूचना सही पाए जाने पर सम्बंधित को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
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भिखारी की सूचना देने पर 1000 का इनाम
इससे पहले इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए इनाम की घोषणा की गई थी. इसके तहत किसी भी चौराहे पर भीख मांगने वाले भिखारी की सूचना देने पर 1000 रुपए की राशि का प्रावधान जिला प्रशासन द्वारा किया गया था. खास बात यह है कि जिला प्रशासन की इस मुहिम के बाद इंदौर शहर के चौराहों से भिखारी गायब हो गए हैं. वहीं जितने भिखारी पाए गए उन्हें शहर के भिक्षुक मुक्ति केंद्र में आवास उपलब्ध कराकर खान-पान और अन्य व्यवस्थाओं के साथ स्वरोजगार से लगाने के प्रयास किए गए हैं. नतीजतन 1000 के इनाम वाली घोषणा कहीं ना कहीं जिला प्रशासन के लिए मिल का पत्थर साबित हुई थी. यही वजह है कि अब जिला प्रशासन ने खुले बोरिंग पर राशि बढ़ाकर लोगों को बोरिंग को हर हालत में बंद रखने के अभियान से जोड़ने की पहल की है.