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रेबीज फ्री सिटी बनेगी इंदौर, 50 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी करने की तैयारी

Stray Dog Sterilization Campaign : इंदौर को गोवा की तरह रेबीज फ्री सिटी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. शहर भर के लगभग 50 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी की जाएगी.

Stray Dog Sterilization Campaign
आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी अभियान
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 19, 2024, 7:48 AM IST

इंदौर को रेबीज फ्री सिटी बनाने की तैयारी

इंदौर। स्वच्छ शहर इंदौर में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रतिदिन 120 से 130 डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. कुत्तों के काटने के तेजी से बढ़ते इन आंकड़ों से स्थानीय प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है. यहां अब शहर भर के आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी अभियान चलाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने तैयारी कर ली है. यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 6 महीने में 50 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी की जाएगी.

शहर में डॉग बाइट के मामले बढ़े

इंदौर शहर में प्रतिदिन 120 से 130 डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से कुछ मामले गंभीर श्रेणी के होते हैं जिनमें डॉग बाइट के शिकार लोग गंभीर रूप से घायल भी हो जाते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक इंदौर में हर घंटे में पांच डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. स्थिति यह है कि हर साल इंदौर में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस स्थिति के चलते यह बीते 8 सालों में लगभग डबल हो चुके हैं. बीते साल शहर के हुकुमचंद अस्पताल में डॉग बाइट के 44016 मामले सामने आए थे.

आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी अभियान

इंदौर शहर में कुत्तों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते यहां डॉग बाइट के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि अब आवारा कुत्तों के खिलाफ नसबंदी अभियान चलाने के लिए जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर यह अभियान शुरू करने का फैसला किया है.

कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक "आगामी 6 महीने में शहर के करीब 50000 कुत्तों की नसबंदी की जाएगी. इसके अलावा ऐसे तमाम कुत्तों को चिन्हित करने के लिए ट्रेकिंग भी की जाएगी. इंदौर शहर में नगर निगम के अधीन जो एजेंसी कुत्तों की नसबंदी कर रही हैं उसमें प्रतिदिन 25 से 50 नसबंदी हो रही हैं जिसे अब हर दिन 100 तक किया जाएगा".

शासकीय पशु चिकित्सक भी करेंगे नसबंदी

इंदौर जिला प्रशासन के मुताबिक ना केवल नगर निगम के अधीन संस्थाएं बल्कि शासकीय पशु चिकित्सकों को भी अब कुत्तों की नसबंदी के लिए टारगेट दिया जाएगा. इसके बदले में उन्हें इंसेंटिव दिया जाएगा. नगर निगम के अधीन टीम भी पशु चिकित्सकों के साथ मिलकर इस अभियान को चलाएगी.

ये भी पढ़ें:

भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक, 13 दिन के अंदर दूसरे मासूम की मौत

भोपाल में PETA का अभियान, बताया- जानवरों की नसबंदी कराना क्यों है जरूरी

रेबीज फ्री सिटी बनाने के दावे

स्वच्छ शहर इंदौर को अब गोवा की तरह रेबीज फ्री सिटी बनाने के दावे किए जा रहे हैं. दरअसल इसकी जरूरत इसलिए भी है क्योंकि शहर भर में कुत्तों की बढ़ती तादाद के चलते अब दोपहिया वाहनों से गुजरना मुश्किल हो रहा है. आए दिन कुत्तों के झुंड द्वारा लोगों पर हमला करने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिला प्रशासन ने इसे लेकर बैठक बुलाई थी जिसके बाद शहर भर के कुत्तों की नसबंदी की रणनीति तैयार की गई है.

इंदौर को रेबीज फ्री सिटी बनाने की तैयारी

इंदौर। स्वच्छ शहर इंदौर में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रतिदिन 120 से 130 डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. कुत्तों के काटने के तेजी से बढ़ते इन आंकड़ों से स्थानीय प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है. यहां अब शहर भर के आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी अभियान चलाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने तैयारी कर ली है. यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 6 महीने में 50 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी की जाएगी.

शहर में डॉग बाइट के मामले बढ़े

इंदौर शहर में प्रतिदिन 120 से 130 डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से कुछ मामले गंभीर श्रेणी के होते हैं जिनमें डॉग बाइट के शिकार लोग गंभीर रूप से घायल भी हो जाते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक इंदौर में हर घंटे में पांच डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. स्थिति यह है कि हर साल इंदौर में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस स्थिति के चलते यह बीते 8 सालों में लगभग डबल हो चुके हैं. बीते साल शहर के हुकुमचंद अस्पताल में डॉग बाइट के 44016 मामले सामने आए थे.

आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी अभियान

इंदौर शहर में कुत्तों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते यहां डॉग बाइट के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि अब आवारा कुत्तों के खिलाफ नसबंदी अभियान चलाने के लिए जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर यह अभियान शुरू करने का फैसला किया है.

कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक "आगामी 6 महीने में शहर के करीब 50000 कुत्तों की नसबंदी की जाएगी. इसके अलावा ऐसे तमाम कुत्तों को चिन्हित करने के लिए ट्रेकिंग भी की जाएगी. इंदौर शहर में नगर निगम के अधीन जो एजेंसी कुत्तों की नसबंदी कर रही हैं उसमें प्रतिदिन 25 से 50 नसबंदी हो रही हैं जिसे अब हर दिन 100 तक किया जाएगा".

शासकीय पशु चिकित्सक भी करेंगे नसबंदी

इंदौर जिला प्रशासन के मुताबिक ना केवल नगर निगम के अधीन संस्थाएं बल्कि शासकीय पशु चिकित्सकों को भी अब कुत्तों की नसबंदी के लिए टारगेट दिया जाएगा. इसके बदले में उन्हें इंसेंटिव दिया जाएगा. नगर निगम के अधीन टीम भी पशु चिकित्सकों के साथ मिलकर इस अभियान को चलाएगी.

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रेबीज फ्री सिटी बनाने के दावे

स्वच्छ शहर इंदौर को अब गोवा की तरह रेबीज फ्री सिटी बनाने के दावे किए जा रहे हैं. दरअसल इसकी जरूरत इसलिए भी है क्योंकि शहर भर में कुत्तों की बढ़ती तादाद के चलते अब दोपहिया वाहनों से गुजरना मुश्किल हो रहा है. आए दिन कुत्तों के झुंड द्वारा लोगों पर हमला करने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिला प्रशासन ने इसे लेकर बैठक बुलाई थी जिसके बाद शहर भर के कुत्तों की नसबंदी की रणनीति तैयार की गई है.

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