इंदौर: कई जटिल बीमारियों में एलोपैथिक इलाज कारगर नहीं होने के कारण अब बड़ी संख्या में लोग आयुर्वेदिक इलाज की ओर रुख कर रहे हैं. यही वजह है कि अब एलोपैथिक दवाइयां की तरह ही आयुर्वेदिक दवाइयां की उपलब्धता हर जगह हो सकें, इसलिए भारत सरकार मेडिकल स्टोर खोलने की योजना पर काम कर रही है. इतना ही नहीं अब जिला स्तर पर भी 50 बेड और ग्रामीण स्तर पर आयुर्वेद के 10 बेड वाले अस्पताल शुरू किये जा सकेंगे.
ब्लॉक स्तर खुलेंगे आयुष मेडिकल स्टोर
हाल ही में इंदौर दौरे पर आए केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने बताया कि "हाल में हुए एक सर्वे में पता चला कि 45 से 55% लोग अब एलोपैथिक इलाज छोड़कर आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करवा रहे हैं. लिहाजा आयुर्वेदिक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में जरूरत के मुताबिक बाजार में आना चाहिए और हर व्यक्ति को आयुर्वेदिक दवाई मिले, इसके लिए भी हमारे प्रयास जारी हैं.'' उन्होंने कहा कि, इसके लिए कम से कम ब्लॉक लेवल (तहसील स्तर) पर एक आयुष का स्पेशल मेडिकल स्टोर खोला जाएगा."
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जल्द ही आसानी से उपलब्ध होगी आयुर्वेदिक दवाएं
फिलहाल, दुकानों पर कुछ गिनी चुनी दवाइयां ही उपलब्ध हो पाती हैं. जिससे आयुर्वेदिक प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर को भी परेशानी होती है. डॉक्टर पर्ची पर दवाइयां को लिखते हैं, लेकिन बाजार में मिल नहीं पाती हैं. इसलिए स्पेशल मेडिकल स्टोर खोलने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि हर तरह की आयुर्वेदिक मेडिसिन मरीज को उपलब्ध कराई जा सके. प्रताप राव जाधव ने बताया, ''गोवा, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिलहाल जिला स्तर पर आयुर्वेद के हॉस्पिटल शुरू किए गए हैं. जल्द ही अन्य जिलों में भी 50 बिस्तर के अस्पताल शुरू किए जाएंगे. वहीं ग्रामीण स्तर पर 10 बेड के अस्पताल का भी प्रावधान है.''