इंदौर: लसूडिया पुलिस ने कार किराए पर लेकर उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने वाले एक गिरोह के कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं पकड़े गए आरोपियों के पास से 1 करोड़ से अधिक कीमत की कार भी जब्त की गई है. फिलहाल, पकड़े गए आरोपियों से अब पुलिस काफी बारीकी से पूछताछ करने में जुटी हुई है. वहीं इस गिरोह में और भी लोगों के शामिल होने की पुलिस को संभावना है.
पुलिस ने 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार
लसुडिया पुलिस ने दर्ज शिकायत पर करवाई करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे करोड़ों रुपए की कार भी जब्त की है. इस मामले में डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि "फरियादी रोहित यदुवंशी ने शिकायत की थी, कि वह किराए पर वाहन उपलब्ध करवाने की कंपनी संचालित करते हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले इटारसी के रहने वाले प्रतीक चौधरी को महिंद्रा थार और स्विफ्ट कार किराए पर दी थी. कुछ महीनों तक तो किराया आया, लेकिन उसके बाद किराया आना बंद हो गया और पता चला कि वह दोनों चार पहिया वाहन किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिए गए हैं.
1 करोड 90 लाख की कार बरामद
फरियादी को जब इस बात की जानकारी लगी, तो उसने लसूड़िया थाने में मामला दर्ज कराया. जिस पर कार्रवाई करते हुए लसूड़िया पुलिस ने प्रतीक और जितेंद्र को पकड़ा और उसके पास से 7 वाहन भी जब्त किए हैं. जिनकी कीमत 1 करोड़ 90 लाख रुपए बताई जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों पर केस दर्ज है कि आरोपी किराए पर वाहन लेने के बाद उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करके वाहनों को दूसरों को बेच दिया करते थे. छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र में भी वाहन बेचने की बात सामने आई है. फिलहाल, पुलिस गिरोह से अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है.
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जल्द सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे
इस मामले में इंदौर डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा का कहना है," आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की एक स्पेशल टीम गठित की गई है." उन्होंने कहा कि "ये गिरोह राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा था. आरोपी वाहन बेचने के लिए सोशल मीडिया का भी प्रयोग करते थे. वहीं इंस्टाग्राम और फेसबुक के माध्यम से भी यह संबंधित कार को बेचने को लेकर विज्ञापन जारी करते थे. इसके बाद जब कोई भी व्यक्ति इनसे संपर्क करता था, तो उसे ये सस्ते दामों पर भी कार बेच दिया करते थे."