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तेंदुए को महंगा पड़ा कुत्ते का शिकार, हो गई ऐसी बीमारी कि जान बचाना हुआ मुश्किल - leopard Parvo virus positive

बुरहानपुर के नेपानगर वन परिक्षेत्र में पारवो वायरस पॉजिटिव पाए गए. तेंदुए को इंदौर के रालामंडल अभ्यारण के आइसोलेशन रूम में शिफ्ट किया गया है. यहां इसका इलाज किया जा रहा है.

LEOPARD PARVO VIRUS POSITIVE
तेंदुए को महंगा पड़ा कुत्ते का शिकार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 10:46 PM IST

इंदौर: सिमटते जंगलों के कारण शिकार की उम्मीद में मानव बसाहट की ओर रुख करने वाले वन्य प्राणी भी अब पालतू जानवरों से संक्रमित हो रहे हैं. इंदौर में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें संभवत: किसी कुत्ते के शिकार के कारण तेंदुए को ऐसा घातक संक्रमण हुआ है, जिसका कोई इलाज नहीं है. लिहाजा इस तेंदुए को आइसोलेट करके उसे घातक संक्रमण से बचाने के प्रयास हो रहे हैं.

तेंदुए को महंगा पड़ा कुत्ते का शिकार (ETV Bharat)

पारवो वायरस से संक्रमित है तेंदुआ

दरअसल, कुछ दिनों पहले ही बुरहानपुर के वन्य क्षेत्र से रेस्क्यू किए जाने के बाद गंभीर रूप से बीमार तेंदुए को इलाज के लिए इंदौर के चिड़ियाघर लाया गया था. यहां जब डॉ. उत्तम यादव ने बीमारी के दौरान तेंदुए के लक्षण वन विभाग के कर्मचारियों से पूछे तो वे संदेहास्पद लगे. तेंदुए को लगातार उल्टी दस्त और डायरिया के साथ बॉडी लॉस के लक्षण नजर आए तो तत्काल तेंदुए के ब्लड सैंपल लेकर जबलपुर स्थित लैब भेजा गया. दो दिन में जब यहां से तेंदुए के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आई तो पता चला उसे घातक किस्म का पारवो वायरस है, ये वायरस आमतौर पर कुत्तों को होता है.

रालामंडल अभ्यारण में किया जा रहा है इलाज

इस तरह के संक्रमण वाला कोई वन्य प्राणी यदि अन्य किसी प्राणी के संपर्क में आता है, तो उसे भी यह संक्रमण हो जाता है. लिहाजा संक्रमण की आशंका के आधार पर इस तेंदुए को चिड़ियाघर स्थित अस्पताल में शिफ्ट करने की जगह सीधे रालामंडल अभ्यारण के आइसोलेशन रूम में शिफ्ट किया गया. जहां फिलहाल तेंदुए का इलाज किया जा रहा है. डॉ. यादव के मुताबिक इस तरह के प्रकरण इक्का-दुक्का ही आते हैं. संभावना है कि तेंदुए ने किसी कुत्ते या बिल्ली का शिकार किया हो, जिसके कारण इसे यह संक्रमण हुआ है.

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इस संक्रमण का नहीं है खास इलाज

डॉ. उत्तम यादव ने कहा कि ''फिलहाल इस संक्रमण की कोई सटीक दवाई नहीं है, लेकिन फिर भी यदि समय पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ लेपर्ड का लगातार इलाज किया जाता है तो उसकी मृत्यु के चांस कम हो जाते हैं. ऐसे संक्रमण से ग्रसित वन्य प्राणी को क्वॉरेंटाइन करने के साथ आइसोलेशन में रखा जाता है, जिससे कि अन्य किसी वन्य प्राणी को इस तरह के संक्रमण से बचाया जा सके. फिलहाल तेंदुए की स्थिति स्टेबल है, जिसका रालामंडल अभ्यारण्य में वन्य प्राणी विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज किया जा रहा है.''

इंदौर: सिमटते जंगलों के कारण शिकार की उम्मीद में मानव बसाहट की ओर रुख करने वाले वन्य प्राणी भी अब पालतू जानवरों से संक्रमित हो रहे हैं. इंदौर में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें संभवत: किसी कुत्ते के शिकार के कारण तेंदुए को ऐसा घातक संक्रमण हुआ है, जिसका कोई इलाज नहीं है. लिहाजा इस तेंदुए को आइसोलेट करके उसे घातक संक्रमण से बचाने के प्रयास हो रहे हैं.

तेंदुए को महंगा पड़ा कुत्ते का शिकार (ETV Bharat)

पारवो वायरस से संक्रमित है तेंदुआ

दरअसल, कुछ दिनों पहले ही बुरहानपुर के वन्य क्षेत्र से रेस्क्यू किए जाने के बाद गंभीर रूप से बीमार तेंदुए को इलाज के लिए इंदौर के चिड़ियाघर लाया गया था. यहां जब डॉ. उत्तम यादव ने बीमारी के दौरान तेंदुए के लक्षण वन विभाग के कर्मचारियों से पूछे तो वे संदेहास्पद लगे. तेंदुए को लगातार उल्टी दस्त और डायरिया के साथ बॉडी लॉस के लक्षण नजर आए तो तत्काल तेंदुए के ब्लड सैंपल लेकर जबलपुर स्थित लैब भेजा गया. दो दिन में जब यहां से तेंदुए के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आई तो पता चला उसे घातक किस्म का पारवो वायरस है, ये वायरस आमतौर पर कुत्तों को होता है.

रालामंडल अभ्यारण में किया जा रहा है इलाज

इस तरह के संक्रमण वाला कोई वन्य प्राणी यदि अन्य किसी प्राणी के संपर्क में आता है, तो उसे भी यह संक्रमण हो जाता है. लिहाजा संक्रमण की आशंका के आधार पर इस तेंदुए को चिड़ियाघर स्थित अस्पताल में शिफ्ट करने की जगह सीधे रालामंडल अभ्यारण के आइसोलेशन रूम में शिफ्ट किया गया. जहां फिलहाल तेंदुए का इलाज किया जा रहा है. डॉ. यादव के मुताबिक इस तरह के प्रकरण इक्का-दुक्का ही आते हैं. संभावना है कि तेंदुए ने किसी कुत्ते या बिल्ली का शिकार किया हो, जिसके कारण इसे यह संक्रमण हुआ है.

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इस संक्रमण का नहीं है खास इलाज

डॉ. उत्तम यादव ने कहा कि ''फिलहाल इस संक्रमण की कोई सटीक दवाई नहीं है, लेकिन फिर भी यदि समय पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ लेपर्ड का लगातार इलाज किया जाता है तो उसकी मृत्यु के चांस कम हो जाते हैं. ऐसे संक्रमण से ग्रसित वन्य प्राणी को क्वॉरेंटाइन करने के साथ आइसोलेशन में रखा जाता है, जिससे कि अन्य किसी वन्य प्राणी को इस तरह के संक्रमण से बचाया जा सके. फिलहाल तेंदुए की स्थिति स्टेबल है, जिसका रालामंडल अभ्यारण्य में वन्य प्राणी विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज किया जा रहा है.''

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