इंदौर: इंदौर में आयोजित एचआर कॉन्क्लेव में देश की बड़ी कंपनियों के एचआर हेड ने शिरकत की. सेज विश्वविद्यालय में आयोजित एचआर समिट में मल्टीनेशनल कंपनियों के एचआर हेड एक मंच पर आए. सभी ने “वर्कफोर्स 2030” विषय पर विचार प्रकट किए. समिट में 100 से अधिक विशेषज्ञ और स्टूडेंट्स ने भाग लिया. इसमें भविष्य में एचआर कैरियर में संभावनाएं, नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवाचारों पर गहन चर्चा हुई.
नई तकनीक का इस्तेमाल कर बेहतर एचआर प्रोफेशनल्स बनें
इंदौर में इस तरह का कार्यक्रम पहली बार हुआ. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नई तकनीक के साथ बेहतर एचआर प्रोफेशनल्स बनाना है. समिट में छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और अन्य नई तकनीक के बढ़ते महत्व के बारे में जागरूक किया गया. विशेषज्ञों ने “फ्यूचर ऑफ वर्क” पर चर्चा की और बताया कि कैसे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन आने वाले वर्षों में जॉब को प्रभावित करेंगे. छात्रों को सलाह दी गई कि उन्हें “स्किल अपग्रेडेशन” और “लाइफ-लॉन्ग लर्निंग” को अपने करियर का हिस्सा बनाना चाहिए.
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स्टूडेंट्स की जिज्ञासाओं को शांत किया
स्टूडेंट्स ने भी एचआर विशेषज्ञों से संवाद करते हुए कई सवाल किए. विशेषज्ञों ने सवालों जवाब में बताया कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर कैरियर को नई ऊंचाई दी जा सकती है. कार्यक्रम में मल्टीनेशनल कंपनियों के एचआर हेड ने कई ऐसे उदाहरण पेश किए, जिन्होंने नई तककनीक का इस्तेमाल कर मैन पॉवर के बेहतरीन इस्तेमाल किया. सेज ग्रुप की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर साक्षी अग्रवाल ने बताया "इस समिट से स्टूडेंट्स को बहुत लाभ होगा. उम्मीद करते हैं कि आज के स्टूडेंट्स कल के बेहतर एचआर प्रोफेशनल्स बनेंगे."