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ससुर को फंसाने की चालाकी महिला पर भारी, कोर्ट ने कहा- कानून का दुरुपयोग किया गया - High Court Reject Dowry Case

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 4:28 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 12:31 PM IST

इंदौर हाई कोर्ट ने दहेज से जुड़े एक मुकदमे को खारिज कर दिया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया की अपने सास-ससुर व ननद के खिलाफ दहेज लेने का आरोप लगाने वाली महिला कानून का दुरुपयोग कर रही है. कोर्ट ने महिला को फटकार लगाते हुए मुकदमे को रद्द कर दिया.

HIGH COURT REJECT DOWRY CASE
इंदौर हाई कोर्ट ने रद्द किया मुकदमा (ETV Bharat)

इंदौर: हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एक दहेज के मामले को लेकर दायर याचिका को रद्द कर दिया. महिला ने अपने पति की मौत के बाद अपने सास-ससुर व ननद पर दहेज लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया. न्यायालय ने महिला पर कानून का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया.

पति की मौत के बाद महिला ने मुकदमा दर्ज कराया

इंदौर में एक महिला ने अपने सास-ससुर व ननद के खिलाफ दहेज लेने की शिकायत दर्ज कराई थी. महिला के ससुर रामदयाल पाटीदार ने शिकायत को चुनौती देते हुए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने याचिका में उल्लेख किया था कि, 2020 में उनके बेटे दीपेश की शादी हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही हार्ट अटैक से दीपेश की मौत हो गई. बेटी इंदौर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. उनकी बहू, बेटे की मौत के बाद संपत्ति में बंटवारे के लिए रोज विवाद करने लगी. प्रॉपर्टी बटवारा नहीं करने पर उसने दहेज के आरोप में फंसा देने की धमकी भी दी. महिला ने इसके कुछ दिनों बाद ही अपनी सास, ससुर व ननद के खिलाफ दहेज लेने के आरोप में शिकायत दर्ज करा दी.

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'महिला द्वार कानून का दुरुपयोग किया गया'

याचिकाकर्ता रामदयाल ने पुलिस पर बिना किसी जांच पड़ताल के उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लेने का आरोप भी लगाया. जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि जब तक शिकायतकर्ता महिला का पति जीवित था तब तक उसने किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई, लेकिन पति की मौत होने के बाद उसने दहेज का मामला दर्ज करा दिया. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि, महिला द्वारा कानून का दुरुपयोग किया गया है. जिस वजह से मुकदमे को निरस्त किया जाता है.

इंदौर: हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एक दहेज के मामले को लेकर दायर याचिका को रद्द कर दिया. महिला ने अपने पति की मौत के बाद अपने सास-ससुर व ननद पर दहेज लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया. न्यायालय ने महिला पर कानून का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया.

पति की मौत के बाद महिला ने मुकदमा दर्ज कराया

इंदौर में एक महिला ने अपने सास-ससुर व ननद के खिलाफ दहेज लेने की शिकायत दर्ज कराई थी. महिला के ससुर रामदयाल पाटीदार ने शिकायत को चुनौती देते हुए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने याचिका में उल्लेख किया था कि, 2020 में उनके बेटे दीपेश की शादी हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही हार्ट अटैक से दीपेश की मौत हो गई. बेटी इंदौर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. उनकी बहू, बेटे की मौत के बाद संपत्ति में बंटवारे के लिए रोज विवाद करने लगी. प्रॉपर्टी बटवारा नहीं करने पर उसने दहेज के आरोप में फंसा देने की धमकी भी दी. महिला ने इसके कुछ दिनों बाद ही अपनी सास, ससुर व ननद के खिलाफ दहेज लेने के आरोप में शिकायत दर्ज करा दी.

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'महिला द्वार कानून का दुरुपयोग किया गया'

याचिकाकर्ता रामदयाल ने पुलिस पर बिना किसी जांच पड़ताल के उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लेने का आरोप भी लगाया. जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि जब तक शिकायतकर्ता महिला का पति जीवित था तब तक उसने किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई, लेकिन पति की मौत होने के बाद उसने दहेज का मामला दर्ज करा दिया. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि, महिला द्वारा कानून का दुरुपयोग किया गया है. जिस वजह से मुकदमे को निरस्त किया जाता है.

Last Updated : Aug 20, 2024, 12:31 PM IST
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