इंदौर। विकास कार्यों की योजनाओं के नाम पर किसानो की जमीन कौड़ियों के दाम पर अधिग्रहण करने का आरोप लगाकर राजस्व विभाग के खिलाफ किसानों ने जंगी प्रदर्शन किया. किसानों ने 600 ट्रैक्टर लेकर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि इंदौर जिला प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. किसानों की समस्याओं पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. इसलिए किसानों के पास आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं है.
किसानों का आरोप - जिला प्रशासन ज्ञापन लेने को तैयार नहीं
किसानों ने बताया कि अपनी समस्या बताने के इससे पहले किसानों ने छह बार ज्ञापन देने का प्रयास किया लेकिन जब किसानों का ज्ञापन कलेक्टर द्वारा नहीं लिया गया तो छावनी अनाज मंडी में एकजुट होकर ट्रैक्टर से विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने इंदौर के पश्चिमी रिंग रोड और पूर्वी रिंग रोड के दायरे में आ रही अपनी जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करने की मांग की है. इस दौरान भारतीय किसान संघ ने आरोप लगाया कि दोनों ही विकास योजना में किसानों की जमीन नाममात्र के मुआवजे के बदले में ली जा रही हैं.
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बेशकीमती जमीन कौड़ियों के दाम पर लेने का प्रयास
किसानों का कहना है कि मौके पर जमीनों के रेट बाजार मूल्य के हिसाब से प्रति एकड़ में करोड़ों रुपए है. दरअसल, इंदौर में शहर के चारों ओर 140 किलोमीटर के रिंग रोड की परिधि में 88 गांवों के किसानों की जमीन आ रही है, लेकिन किसान अपनी जमीन को देने को तैयार नहीं हैं. किसान इसलिए भी विरोध में हैं क्योंकि ऐसे मामलों में राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया हुआ है कि किसानों की सहमति के बिना कोई भी जमीन अधिग्रहण नहीं की जाएगी. लेकिन अब राजस्व विभाग अधिग्रहण प्रक्रिया को जारी रखे है. इसका किसान अब सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं.