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पति से अलग रहने वाली महिला खुद कमाती है तो गुजारा भत्ता नहीं, कोर्ट में याचिका खारिज - Indore Family Court

इंदौर फैमिली कोर्ट ने एक महिला द्वारा पति के खिलाफ दायर की गई भरण-पोषण की याचिका को खारिज कर दिया. क्योंकि महिला ने कोर्ट में दायर याचिका के साथ हलफनामे में अपने बैंक खाता और आय विवरण जमा नहीं किया.

Indore Family Court
पति से अलग रह रही महिला खुद कमाती है तो गुजारा भत्ता नहीं (Indore Family Court)
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By PTI

Published : Aug 22, 2024, 6:15 PM IST

इंदौर (PTI)। इंदौर की पारिवारिक अदालत ने 28 वर्षीय महिला की याचिका पर सुनवाई कर इसे खारिज कर दिया. महिला अपने पति से अलग रह रही है. उसने पति से गुजारा भत्ता के लिए याचिका लगाई. फैमिली कोर्ट ने महिला के हलफनामे में उसके बैंक खाते का विवरण जमा करने को कहा, लेकिन महिला ने ऐसा नहीं किया. महिला ने अपनी आय का स्पष्ट विवरण भी नहीं दिया.

महिला ने पति से मांगा 50 हजार गुजारा भत्ता

याचिका में महिला ने अपने पति, जो एक ट्रैवल एजेंट है, से शादी के दो साल बाद 2021 में अलग होने के बाद अपने और अपनी 3 साल की बेटी के लिए 50 हजार रुपये प्रति माह के गुजारा भत्ते की मांग की. फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एनपी सिंह ने 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता और उसके पति की दलीलें सुनने के बाद गुजारा भत्ता की याचिका खारिज कर दी. अदालत का आदेश 22 अगस्त को उपलब्ध कराया गया. अदालत ने कहा कि महिला ने अपने हलफनामे में अपने बैंकिंग लेनदेन का विवरण नहीं दिया.

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न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर की टिप्पणी

न्यायाधीश ने कहा, "आवेदक महिला कमा रही है, लेकिन उसने अपनी आय का खुलासा नहीं किया है. इस प्रकार, यह निर्धारित करना संभव नहीं है कि वह और उसका पति दंपती के नाबालिग बच्चे के पालन-पोषण के लिए कितनी राशि वहन करेंगे." अदालत ने तर्क दिया कि महिला अपनी नाबालिग बेटी के भरण-पोषण के लिए भी अपने पति से कोई राशि प्राप्त करने की हकदार नहीं है, क्योंकि उसने हलफनामे में अपने बैंक खाते के विवरण और आय स्रोत का स्पष्ट रूप से खुलासा नहीं किया है.

इंदौर (PTI)। इंदौर की पारिवारिक अदालत ने 28 वर्षीय महिला की याचिका पर सुनवाई कर इसे खारिज कर दिया. महिला अपने पति से अलग रह रही है. उसने पति से गुजारा भत्ता के लिए याचिका लगाई. फैमिली कोर्ट ने महिला के हलफनामे में उसके बैंक खाते का विवरण जमा करने को कहा, लेकिन महिला ने ऐसा नहीं किया. महिला ने अपनी आय का स्पष्ट विवरण भी नहीं दिया.

महिला ने पति से मांगा 50 हजार गुजारा भत्ता

याचिका में महिला ने अपने पति, जो एक ट्रैवल एजेंट है, से शादी के दो साल बाद 2021 में अलग होने के बाद अपने और अपनी 3 साल की बेटी के लिए 50 हजार रुपये प्रति माह के गुजारा भत्ते की मांग की. फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एनपी सिंह ने 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता और उसके पति की दलीलें सुनने के बाद गुजारा भत्ता की याचिका खारिज कर दी. अदालत का आदेश 22 अगस्त को उपलब्ध कराया गया. अदालत ने कहा कि महिला ने अपने हलफनामे में अपने बैंकिंग लेनदेन का विवरण नहीं दिया.

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न्यायाधीश ने कहा, "आवेदक महिला कमा रही है, लेकिन उसने अपनी आय का खुलासा नहीं किया है. इस प्रकार, यह निर्धारित करना संभव नहीं है कि वह और उसका पति दंपती के नाबालिग बच्चे के पालन-पोषण के लिए कितनी राशि वहन करेंगे." अदालत ने तर्क दिया कि महिला अपनी नाबालिग बेटी के भरण-पोषण के लिए भी अपने पति से कोई राशि प्राप्त करने की हकदार नहीं है, क्योंकि उसने हलफनामे में अपने बैंक खाते के विवरण और आय स्रोत का स्पष्ट रूप से खुलासा नहीं किया है.

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