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'डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं', इंदौर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी

इंदौर में पिछले कुछ दिनों में डिजिटल अरेस्ट के 65 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. पुलिस कमिश्नर ने सतर्क रहने की अपील की है.

INDORE 65 HOUSE ARREST CASES
इंदौर के डिजिटल अरेस्ट के 65 से ज्यादा मामले (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 16 hours ago

Updated : 14 hours ago

इंदौर: देश भर में हाउस अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इंदौर भी इसमें शामिल है. यहां पिछले कुछ दिनों में ही 65 से अधिक हाउस अरेस्ट से संबंधित मामले सामने आ चुके हैं. इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारी को भी हाउस अरेस्ट करने की कोशिश की जा चुकी है. बढ़ते मामलों को लेकर इंदौर पुलिस कमिश्नर ने एडवाइजरी जारी करते हुए सतर्क रहने की हिदायत दी है.

इंदौर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी

इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने एक बार फिर साइबर अपराध को लेकर एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आप जितना सजग और निजी जानकारी को सुरक्षित रखेंगे उतना ही आप साइबर अपराध से बच सकेंगे. ऐसा करने से अच्छे और बेहतर परिणाम भी देखे जा रहे हैं. पुलिस समय-समय पर एडवाइजरी के माध्यम से लोगों को जागृत करने का प्रयास कर रही है.

इंदौर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी (ETV Bharat)

'डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं'

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह का कहना है कि "डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं होता और हाउस अरेस्ट जैसा कुछ भी मामला नहीं होता. इसमें केवल सामने वाला व्यक्ति आपको डराता धमकता है और जो डर जाता है वह वारदात का शिकार हो जाता है. उन्होंने साफतौर पर कहा कि किसी भी जांच एजेंसी द्वारा आपको कोई कॉल आता है और वह डराता या धमकाता है तो मानिए कि आपके साथ पूरी तरह से धोखाधड़ी हो रही है और इसके लिए आपको जागरूक होने की जरूरत है."

'वीडियो कॉल से पुलिस नहीं करती कोई जांच'

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह का कहना है कि "कोई भी पुलिस या जांच ऐजेंसी वीडियो कॉल या व्हाट्सएप कॉल से जांच नहीं करती और ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई करती है. इसलिए ऐसी कोई भी कॉल आने पर डरने की जरुरत नहीं है. सतर्क रहिए और ऐसी कोई भी कॉल आने पर पुलिस के टोल फ्री नंबर पर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ओटीपी, बैंक अकाउंट से संबंधित कोई जानकारी किसी को देने की जरुरत नहीं है. पिछले दिनों भी इसकी रोकथाम के लिए पुलिस ने कई एडवाइजरी भी जारी की थी."

'कई राज्यों से जुड़ें हैं तार'

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि "पिछले दिनों इसकी रोकथाम के लिए पुलिस ने कई एडवाइजरी भी जारी की थी और उनके नए-नए तरीके जो सामने आ रहे हैं. उसके लिए भी जांच कर कार्रवाई की गई है. जिसमें पंजाब, बिहार, राजस्थान, झारखंड ,साउथ के कुछ शहर और यूपी से जुड़े हुए कनेक्शन सामने आए थे. जहां से कुछ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है और आने वाले दिनों में कुछ और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जायेगा."

पुलिस अधिकारियों के पास भी आए कॉल

बता दें कि इंदौर में पिछले दिनों साइबर अपराधियों ने पुलिस अधिकारियों को उनके परिवार से जुड़े लोगों के नाम बताकर साइबर अपराध की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया गया था लेकिन पुलिस अधिकारी सजग और जागरूक होने के कारण इन तमाम घटनाओं से बच गए थे.

इंदौर: देश भर में हाउस अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इंदौर भी इसमें शामिल है. यहां पिछले कुछ दिनों में ही 65 से अधिक हाउस अरेस्ट से संबंधित मामले सामने आ चुके हैं. इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारी को भी हाउस अरेस्ट करने की कोशिश की जा चुकी है. बढ़ते मामलों को लेकर इंदौर पुलिस कमिश्नर ने एडवाइजरी जारी करते हुए सतर्क रहने की हिदायत दी है.

इंदौर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी

इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने एक बार फिर साइबर अपराध को लेकर एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आप जितना सजग और निजी जानकारी को सुरक्षित रखेंगे उतना ही आप साइबर अपराध से बच सकेंगे. ऐसा करने से अच्छे और बेहतर परिणाम भी देखे जा रहे हैं. पुलिस समय-समय पर एडवाइजरी के माध्यम से लोगों को जागृत करने का प्रयास कर रही है.

इंदौर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी (ETV Bharat)

'डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं'

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह का कहना है कि "डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं होता और हाउस अरेस्ट जैसा कुछ भी मामला नहीं होता. इसमें केवल सामने वाला व्यक्ति आपको डराता धमकता है और जो डर जाता है वह वारदात का शिकार हो जाता है. उन्होंने साफतौर पर कहा कि किसी भी जांच एजेंसी द्वारा आपको कोई कॉल आता है और वह डराता या धमकाता है तो मानिए कि आपके साथ पूरी तरह से धोखाधड़ी हो रही है और इसके लिए आपको जागरूक होने की जरूरत है."

'वीडियो कॉल से पुलिस नहीं करती कोई जांच'

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह का कहना है कि "कोई भी पुलिस या जांच ऐजेंसी वीडियो कॉल या व्हाट्सएप कॉल से जांच नहीं करती और ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई करती है. इसलिए ऐसी कोई भी कॉल आने पर डरने की जरुरत नहीं है. सतर्क रहिए और ऐसी कोई भी कॉल आने पर पुलिस के टोल फ्री नंबर पर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ओटीपी, बैंक अकाउंट से संबंधित कोई जानकारी किसी को देने की जरुरत नहीं है. पिछले दिनों भी इसकी रोकथाम के लिए पुलिस ने कई एडवाइजरी भी जारी की थी."

'कई राज्यों से जुड़ें हैं तार'

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि "पिछले दिनों इसकी रोकथाम के लिए पुलिस ने कई एडवाइजरी भी जारी की थी और उनके नए-नए तरीके जो सामने आ रहे हैं. उसके लिए भी जांच कर कार्रवाई की गई है. जिसमें पंजाब, बिहार, राजस्थान, झारखंड ,साउथ के कुछ शहर और यूपी से जुड़े हुए कनेक्शन सामने आए थे. जहां से कुछ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है और आने वाले दिनों में कुछ और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जायेगा."

पुलिस अधिकारियों के पास भी आए कॉल

बता दें कि इंदौर में पिछले दिनों साइबर अपराधियों ने पुलिस अधिकारियों को उनके परिवार से जुड़े लोगों के नाम बताकर साइबर अपराध की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया गया था लेकिन पुलिस अधिकारी सजग और जागरूक होने के कारण इन तमाम घटनाओं से बच गए थे.

Last Updated : 14 hours ago
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