इंदौर: इंदौर में बढ़ते ट्रैफिक के साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में 10.66 प्रतिशत ज्यादा है. इसलिए पर्यावरण को लेकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी के तहत देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) प्रशासन अब पर्यावरण के साथ ऊर्जा संरक्षण को लेकर गंभीर है. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश सिंघई बताते हैं "विश्वविद्यालय के 33 शिक्षण विभाग समेत अन्य केंद्रों में उपयोग होने वाली बिजली का खर्च 10 लाख रुपए है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने अधिकांश विभागों के परिसर की छत पर सोलर प्लांट लगवाए हैं लेकिन फिर भी ऊर्जा संरक्षण जरूरी है."
डीएवीवी में चलेगा रोक टोको अभियान
अब विश्वविद्यालय में रोको टोको अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में कोशिश की जाएगी कि बिजली का उपयोग शिक्षण की जरूरत और उपयोगिता के आधार पर ही किया जाए, जिससे कि विश्वविद्यालय में ऊर्जा संरक्षण हो सके. इसके लिए क्लास शुरू होने पर ही लाइट एवं पंखे चलाए जाएंगे. क्लास खत्म होते ही इन्हें बंद करने की जिम्मेदारी प्राध्यापक की निगरानी में छात्रों की होगी. इसके लिए विश्वविद्यालय के सभी विभागों को निर्देश दिए जा रहे हैं. इसमें कहा जा रहा है कि क्लास से आखिरी में निकलने वाला जो भी शख्स होगा उसकी जिम्मेदारी लाइट बंद करने की होगी. इसकी निगरानी या तो प्राध्यापक करेंगे या संबंधित विभाग के विभाग अध्यक्ष.
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डीएवीवी में लगेंगे दुर्लभ प्रजाति के पेड़
डीएवीवी कुलपति राकेश सिंघई के मुताबिक "इंदौर शहर में अन्य स्कूल कॉलेज और शिक्षण संस्थान में जिस तरह ऊर्जा संरक्षण की पहल की जा रही है, उस दिशा में विश्वविद्यालय का प्रयास भी परिणाम मूलक रहे, इसकी लगातार कोशिश की जाएगी. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के करीब 200 एकड़ में फैले तक्षशिला परिसर में अब विलुप्तप्राय एवं दुर्लभ प्रजाति के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे." विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक मध्य प्रदेश में पेड़ पौधों की ऐसी कई किस्म हैं, जो देखरेख के अभाव में विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की स्थिति में हैं. इंदौर वन मंडल के पूर्व मुख्य वन संरक्षक पीसी दुबे के मार्गदर्शन में यह पौधारोपण होगा.