इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने ताइवान के 6 विश्वविद्यालय के साथ शिक्षा और शोध की दिशा में एमओयू किया है. बीते दिनों देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का एक दल ताइवान पहुंचा था जहां विश्वविद्यालय द्वारा ताइवान के अलग-अलग 6 विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू किए गए हैं. यह एमओयू दोनों ही देश के छात्रों के लिए काफी फायदेमंद होंगे.
छात्रों को जॉब प्लेसमेंट की मिलेगी सुविधा
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ रेणु जैन के अनुसार "सेमी कंडक्टर के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक ताइवान के 06 विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू किये गए हैं. इसके तहत सेमी कंडक्टर चिप डिजाइन के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान, शोध और ज्ञान का आदान-प्रदान होगा.वहीं इंजीनियरिंग डेटा, साइंस टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस के साथ ही सांस्कृतिक ऐतिहासिक विरासत का आदान प्रदान किया जाएगा. इस एमओयू का फायदा छात्रों के जॉब को लेकर भी होगा. छात्रों की प्रोफाइल के आधार पर उनके प्लेसमेंट के लिए नए रास्ते तैयार होंगे".
एजुकेशनल वर्कशॉप और संसाधनों का फायदा
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एमओयू के तहत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर और छात्र ताइवान के चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान केंद्रों और विश्वविद्यालयों के साथ-साथ शोध एजुकेशनल वर्कशॉप मीटिंग कर सकेंगे. इसके अलावा एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग कर शोध को नई दिशा दे सकेंगे. इसके माध्यम से शोध कार्य और छात्रों को अन्य प्रोजेक्ट में काफी मदद मिलेगी.
इनके साथ हुआ एमओयू
कुलपति डॉ रेणु जैन के नेतृत्व में 05 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ताइवान गया था. वहां डीएवीवी ने ताइचुंग के राष्ट्रीय ताइपे प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, काऊशुंग के राष्ट्रीय पिंग तुंग विश्वविद्यालय, ताइचुंग की राष्ट्रीय चिन-यी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, ताइपे की मिंग ची प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और काऊशुंग आईएसयू जीएमसी संस्थान के साथ एमओयू किया. डीएवीवी के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आईईटी स्कूल ऑफ डेटा साइंस और स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस सहित अन्य विभाग इस एमओयू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.