इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर पेपर लीक मामले में दोषी पाए गए आइडियलिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की मान्यता समाप्त करने जगह विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया. इस मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. कांग्रेस ने भाजपा नेता अक्षय कांति बम के आइडियलिक इंस्टीट्यूट पर विश्वविद्यालय की इस कार्रवाई को बहुत कम बताया. वहीं, डीएवीवी प्रशासन पर कॉलेज की अनियमितताओं को छिपाने के आरोप भी लगाए.
दोनों कॉलेजों ने गड़बड़ी की बात स्वीकारी थी
बता दें कि डीएवीवी ने भाजपा नेता अक्षय बम के कॉलेज आइडियलिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पर 5 लाख की पेनल्टी लगाई है. साथ ही 3 वर्ष के लिए इंस्टीट्यूट को परीक्षा केंद्रों की सूची से बाहर कर दिया गया. यूथ कांग्रेस का कहना है कि इसके अलावा एक और भाजपा नेता पंकज संघवी के परिवार के संघवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस में भी परीक्षा की गोपनीयता ताक पर रखी गई. इस कॉलेज को भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का निर्णय लिया गया. जबकि इन दोनों कॉलेज प्रबंधन ने पेपर की गोपनीयता में गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी.
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रेडियंट कॉलेज की मान्यता क्यों निरस्त की थी
बता दें कि आइडियलिक कॉलेज के एक कंप्यूटर ऑपरेटर और दो छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. कॉलेज की लापरवाही से दो विषयों के पेपर लीक हुआ डीएवीवी ने दोनों विषयों की परीक्षा निरस्त की. इससे हजारों छात्र-छात्राओं को प्रभावित होना पड़ रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि रेडिएंट कॉलेज कांग्रेस नेता रीना बोरासी का है. तब तुरंत मान्यता निरस्त की गई थी लेकिन यहां मामला भाजपा के दो नेताओं के कॉलेजों का हैं. इसलिए लीपापोती की जा रही है. यूथ कांग्रेस के मीडिया समन्वयक अभिजीत पांडे ने इतनी हल्की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है.