इंदौर. मध्यप्रदेश कांग्रेस के उद्योग व व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजय चौरड़िया ने सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर कई गंभीर आरोप लगाए. चौरड़िया का कहना था कि पटवारी की मनमानी के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है. लोकसभा चुनावों के दौरान वोट प्रतिशत में काफी कमी आई है. केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जगह पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, यह निर्णय पूरी तरह से कार्यकर्ताओं के हित में नहीं है. चौरड़िया ने ऐसे कई आरोप जीतू पटवारी पर लगाए, जिसपर बवाल मच गया.
इंदौर में कांग्रेस व्यापारी प्रकोष्ठ के अजय चौरड़िया ने जीतू पटवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नतीजतन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 48 घंटे में जवाब देने या कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहने का नोटिस दिया है. आगे जानें क्या क्या लगे हैं आरोप.
खुद विधानसभा हारे, बना दिया प्रदेशाध्यक्ष
चौरड़िया ने आगे कहा, '' जो व्यक्ति खुद अपनी विधानसभा से हार गया उसे प्रदेश अध्यक्ष की जवाबदारी दी गई है. यह पटवारी का ही कार्यकाल है जिसमें कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी और अन्य पार्टी ज्वाइन की.'' चौरड़िया ने कई नेताओं से चर्चा का जिक्र किया और बताया कि प्रदेश के कई विधायक भी पटवारी के व्यवहार से खफा हैं और खुलकर बोल नही पा रहे हैं. इस बारे में उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से भी पत्राचार किया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
राहुल गांधी का करीबी होने का फायदा?
आरोप ये भी हैं कि राहुल गांधी का करीबी होने के कारण कमलनाथ को अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से हटकर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद से ही कांग्रेस में एक बड़ा तबका ऐसा है जो कहीं ना कहीं जीतू पटवारी के कामकाज पर सवाल उठता रहा है. इसके अलावा जीतू पटवारी के कार्यकाल में ही बड़ी संख्या में प्रदेश भर के कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थामा. इसे लेकर भी जीतू पटवारी लगातार निशाने पर रहे हैं अब उनके शहर इंदौर से ही शपटवारी के खिलाफ विरोध के सुर फूट रहे हैं.
खतरे में जीतू पटवारी की कुर्सी?
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अंदर जीतू पटवारी को लेकर विरोध लगातार बढ़ रहा है. पार्टी आलाकमान के दबाव में कई विधायक खुलकर विरोध भले ही न कर रहे हों पर पार्टी में फूट साफ नजर आ रही हैं. कहा ये भी जा रहा है कि ऐसा ही चला तो जीतू पटवारी को अध्यक्ष पद से हटाया भी जा सकता है. इधर अजय चौरड़िया के द्वारा दिया गया बयान सोशल मीडिया पर चर्चा में आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व की ओर से उन्हें अब अनुशासनहीनता को लेकर नोटिस दिया गया है. प्रदेश कांग्रेस संगठन की ओर से जारी एक पत्र में उल्लेख किया गया है कि अजय चौरड़िया द्वारा दिया गया बयान अनुशासनहीनता है. लिहाजा वे 48 घंटे में अपने बयान पर जवाब दें अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी.