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भारतीय सेना का व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियान, मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और गंगा में दिखाया साहस - INDIAN ARMY

भारतीय सेना की रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी ने आर्मी एडवेंचर विंग के साथ देश की सभी राफ्टेबल नदियों को कवर करने की मुहिम शुरू की है. इस अभियान को व्हाइट वाटर राफ्टिंग नाम दिया गया है. ये अभियान आर्टिलरी रेजिमेंट की द्विशताब्दी के मौके पर आयोजित किए जा रहे हैं, 28 सितंबर 2026 को इस मुहिम का समापन होगा.

भारतीय सेना का वॉटर राफ्टिंग अभियान
भारतीय सेना का वॉटर राफ्टिंग अभियान (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 7, 2024, 1:07 PM IST

भारतीय सेना का वॉटर राफ्टिंग अभियान (ETV Bharat)

जयपुर. भारतीय सेना की व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियान की कड़ी के पहले अभियान को हाल में पूरा किया गया है. इस अभियान के तहत मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और गंगा नदियों के चुनौतीपूर्ण जलमार्गों को कवर किया. यह अभियान छह चरणों में ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-रुद्रप्रयाग धुरी पर फैला हुआ था, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की दूरी तय की गई. अभियान का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल बी. एन. झा ने किया. जिसमें 02 अधिकारी, 01 जेसीओ और 21 अन्य रैंक के सदस्य शामिल थे. यात्रा रुद्रप्रयाग से शुरू होकर ऋषिकेश के वीर भद्र बैराज पर समाप्त हुई.

सेना अलकनंदा, भागीरथी और गंगा में दिखाया साहस
सेना अलकनंदा, भागीरथी और गंगा में दिखाया साहस (Photo ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें-अग्निवीर बनकर घर लौटा युवक, परिजन हुए भावुक - Agniveer In Jhalawar

व्हाइट वाटर राफ्टिंग से ज़ज्बा और जोश का संचार : व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियान का मुख्य मकसद सेना के जवानों के बीच प्रेरणा और उत्साह का संचार करना है, ताकि वे अपनी सीमाओं से परे जाकर, साहसिक कार्यों को अपनाएं और भाईचारे को बढ़ावा दें. इस चुनौतीपूर्ण काम में रैपिड्स और मनमोहक दृश्यों को नेविगेट करके, प्रतिभागियों ने ना सिर्फ अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय सेना की उत्कृष्टता और टीम वर्क को भी जाहिर किया. गौरतलब है कि भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट दो शताब्दियों के गौरवपूर्ण इतिहास की गवाह है. सेना के समर्पण, साहस, अनुशासन और सहयोग की भावना को इस अभियान के जरिए प्रसारित और प्रदर्शित करने के मक़सद है.

भारतीय सेना का वॉटर राफ्टिंग अभियान (ETV Bharat)

जयपुर. भारतीय सेना की व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियान की कड़ी के पहले अभियान को हाल में पूरा किया गया है. इस अभियान के तहत मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और गंगा नदियों के चुनौतीपूर्ण जलमार्गों को कवर किया. यह अभियान छह चरणों में ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-रुद्रप्रयाग धुरी पर फैला हुआ था, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की दूरी तय की गई. अभियान का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल बी. एन. झा ने किया. जिसमें 02 अधिकारी, 01 जेसीओ और 21 अन्य रैंक के सदस्य शामिल थे. यात्रा रुद्रप्रयाग से शुरू होकर ऋषिकेश के वीर भद्र बैराज पर समाप्त हुई.

सेना अलकनंदा, भागीरथी और गंगा में दिखाया साहस
सेना अलकनंदा, भागीरथी और गंगा में दिखाया साहस (Photo ETV Bharat Jaipur)

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व्हाइट वाटर राफ्टिंग से ज़ज्बा और जोश का संचार : व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियान का मुख्य मकसद सेना के जवानों के बीच प्रेरणा और उत्साह का संचार करना है, ताकि वे अपनी सीमाओं से परे जाकर, साहसिक कार्यों को अपनाएं और भाईचारे को बढ़ावा दें. इस चुनौतीपूर्ण काम में रैपिड्स और मनमोहक दृश्यों को नेविगेट करके, प्रतिभागियों ने ना सिर्फ अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय सेना की उत्कृष्टता और टीम वर्क को भी जाहिर किया. गौरतलब है कि भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट दो शताब्दियों के गौरवपूर्ण इतिहास की गवाह है. सेना के समर्पण, साहस, अनुशासन और सहयोग की भावना को इस अभियान के जरिए प्रसारित और प्रदर्शित करने के मक़सद है.

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