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जवान श्रवण चौहान को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, लेह में देश की सेवा करते हुए गई थी जान - Shravan Chauhan cremated Uttarkashi

Uttarkashi Indian Army soldier cremated देवभूमि उत्तराखंड के लाल श्रवण चौहान का आज अंतिम संस्कार किया गया. श्रवण चौहान का लेह में देश की सेवा करते हुए निधन हो गया था. श्रवण चौहान उत्तरकाशी जिले के रहने वाले थे.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 20, 2024, 5:45 PM IST

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उत्तरकाशी के जवान श्रवण चौहान को दी गई श्रवण चौहान. (ETV Bharat)

उत्तरकाशी: भारतीय सेना में तैनात उत्तराखंड के लाल श्रवण चौहान का पार्थिव शरीर आज 20 जुलाई शनिवार को उनके पैतृक गांव सरनौल उत्तरकाशी पहुंचा. अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देख परिजनों की आंखे नम हो गई. अंतिम दर्शन के बाद जवान श्रवण चौहान का पैतृक घाट गंगनानी पर अंतिम संस्कार किया गया. श्रवण चौहान के बड़े भाई विमल चौहान ने शहीद मुखाग्नि दी.

जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार 18 जुलाई को भारतीय सेना की 14 बटालियन में तैनात उत्तरकाशी के लाल श्रवण चौहान का लेह में निधन हो गया था. श्रवण चौहान 25 साल के थे और इस वक्त लेह में तैनात थे. ड्यूटी के दौरान ही श्रवण चौहान की अचानक से तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टर भी उनकी जान नहीं बचा पाए.

आर्मी के अफसरों ने श्रवण चौहान के निधन की खबर फोन पर परिजनों को दी थी. जैसे ही ये खबर परिजनों को मिली उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया. पूरे गांव में तीन दिनों से मातम पसरा हुआ है. शनिवार को जैसे ही श्रवण चौहान का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया. गांव में मौजूद हर व्यक्ति की आंखे नम थी.

शनिवार को क्षेत्र के सैकड़ों लोग सुबह से ही बलिदानी जवान के घर पहुंचने शुरू हो गए थे. यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी श्रवण चौहान के घर पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद भारतीय सेना के जवानों ने श्रवण चौहान को सैन्य सम्मान साथ अंतिम विदाई दी.

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उत्तरकाशी: भारतीय सेना में तैनात उत्तराखंड के लाल श्रवण चौहान का पार्थिव शरीर आज 20 जुलाई शनिवार को उनके पैतृक गांव सरनौल उत्तरकाशी पहुंचा. अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देख परिजनों की आंखे नम हो गई. अंतिम दर्शन के बाद जवान श्रवण चौहान का पैतृक घाट गंगनानी पर अंतिम संस्कार किया गया. श्रवण चौहान के बड़े भाई विमल चौहान ने शहीद मुखाग्नि दी.

जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार 18 जुलाई को भारतीय सेना की 14 बटालियन में तैनात उत्तरकाशी के लाल श्रवण चौहान का लेह में निधन हो गया था. श्रवण चौहान 25 साल के थे और इस वक्त लेह में तैनात थे. ड्यूटी के दौरान ही श्रवण चौहान की अचानक से तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टर भी उनकी जान नहीं बचा पाए.

आर्मी के अफसरों ने श्रवण चौहान के निधन की खबर फोन पर परिजनों को दी थी. जैसे ही ये खबर परिजनों को मिली उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया. पूरे गांव में तीन दिनों से मातम पसरा हुआ है. शनिवार को जैसे ही श्रवण चौहान का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया. गांव में मौजूद हर व्यक्ति की आंखे नम थी.

शनिवार को क्षेत्र के सैकड़ों लोग सुबह से ही बलिदानी जवान के घर पहुंचने शुरू हो गए थे. यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी श्रवण चौहान के घर पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद भारतीय सेना के जवानों ने श्रवण चौहान को सैन्य सम्मान साथ अंतिम विदाई दी.

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