जबलपुर। भारत में कई रेलवे स्टेशन ट्रैक और रेलवे स्टेशन ऐसे हैं. जिनकी सुंदरता स्विट्जरलैंड से भी ज्यादा है. भारत के यह पांच रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक यदि आपने नहीं देखे तो आप रोमांस से दूर रह गए. भारत के दक्षिण में केरल का चूरू कर रेलवे स्टेशन, पश्चिम में गोवा का दूधसागर रेलवे स्टेशन, उत्तर में शिमला का बरूक रेलवे स्टेशन, मध्य प्रदेश में मिटघाट रेलवे स्टेशन और पूर्व में दार्जिलिंग के बीच का रेलवे ट्रैक और दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन यह कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन हैं. जिनकी सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य किसी को भी मोहित कर सकता है.
मिड घाट मध्य प्रदेश
जैसा की इस स्टेशन के नाम से ही जाहिर हो रहा है, यह एक घाटी के ऊपर का रेलवे स्टेशन है. यह घाटी इटारसी और भोपाल के बीच में है. यही एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है. जिसे मिड घाट रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है. जिसने भी इटारसी से भोपाल का सफर दिन में रेल के जरिए किया है. उसको इस पूरे ट्रैक की खूबसूरती का अंदाजा होगा. बरसात और ठंड के समय में यह ट्रैक बेहद खूबसूरत हो जाता है. घने जंगलों पहाड़ों और सुरंग के बीच से जाती हुई रेलगाड़ी अद्भुत सौंदर्य दिखती है.
चेरुकारा रेलवे स्टेशन केरला
ऐसे ही एक छोटा सा स्टेशन मलप्पुरम डिस्टिक केरल में है. यह निलंबूर रेल लाइन पर चेरूकारा नाम का एक रेलवे स्टेशन है. इस रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों साल पुराने पीपल और बरगद के पेड़ हैं. जिन्हें हटाया नहीं गया है. इसके आसपास भी काफी अच्छा जंगल है और देखने में यह रेलवे स्टेशन प्रकृति के बहुत करीब नजर आता है. इस रेलवे स्टेशन के आसपास जंगली फूल भी उगते हैं. यह फूल जब ट्रैक और रेलवे स्टेशन पर बिखरे रहते हैं. तब यह स्टेशन बहुत ही खूबसूरत लगता है.
दूधसागर रेलवे स्टेशन गोवा
यह रेलवे स्टेशन गोवा में वास्कोडिगामा रेलवे स्टेशन के पास पड़ता है. इस रेलवे स्टेशन का दृश्य आपने चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म में देखा होगा. दूधसागर रेलवे स्टेशन के पास प्रकृति गजब के खूबसूरत नजारे दिखाती है. यहां नदिया जंगल और नारियल के पेड़ नजर आते हैं. दूधसागर के पास कुले नाम का रेलवे स्टेशन है. यहां पर भी रेलगाड़ी कई टनल से होकर गुजरती है. यह रेलवे ट्रैक समुद्र के किनारे है और एक बड़ा सा पहाड़ है. इस पहाड़ के ऊपर से एक झरना गिरता है. जो ठीक रेलवे ट्रैक के बाजू में है. इससे एक किलोमीटर दूर दूधसागर रेलवे स्टेशन है. यह रेलवे स्टेशन भी बेहद खूबसूरत है.
बड़ोग रेलवे स्टेशन शिमला
चंडीगढ़ से लगभग 58 किलोमीटर दूर बरोग स्टेशन है. यहां पर एक टनल है. जिसे बरोग टनल के नाम से जाना जाता है. यूनेस्को ने इस रेलवे स्टेशन को एक संरक्षित रेलवे स्टेशन का दर्जा दिया है. यहां देसी के साथ कई विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं. हालांकि यहां अभी भी नेरोगेज लाइन के जरिए रेल गाड़ियां चलती हैं, लेकिन प्रकृति के बीच में बना यह रेलवे स्टेशन बेहद खूबसूरत है. पहाड़ों के बीचो-बीच यह रेलवे स्टेशन किसी आश्चर्य से काम नहीं है.
यहां पढ़ें... |
दार्जिलिंग रेलवे ट्रैक
न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग के लिए जो रेलवे ट्रैक जाता है. इसमें कई रेलवे स्टेशंस हैं जो बेहद खूबसूरत हैं हालांकि इस रेलवे रूट पर अभी भी नेरोगेज के रेल गाड़ियां चलती हैं, लेकिन इस रेलगाड़ी का सफर आपको एक अलग ही अनुभव देगा. यह रेलगाड़ी लगभग पूरे समय सड़क के किनारे किनारे चलती है. इस रेल में मार्ग पर कई रेल गाड़ियां चलती हैं. इनमें कुछ टॉय ट्रेन है. कुछ सामान्य रेलगाड़ियां हैं. कुछ रेलगाड़िया ऐसी हैं, जो पर्यटकों के लिए ही चलाई जा रही हैं. इनमें पर्यटकों को बीच में पड़ने वाली सफारी भी दिखाई जाती है. प्रकृति के बीच से निकलती हुई यह ट्रेन प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ इंजीनियरिंग का बेस कीमती नमूना है.
भारत में ऐसे कई रेलवे स्टेशन हैं. जो प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर हैं. भारतीय रेल बहुत बड़ा नेटवर्क चलती है और भारत की भौगोलिक परिस्थितियों भी पूरे देश में अलग-अलग है. जहां कहीं भी पहाड़ी इलाकों में रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं. वे इंजीनियरिंग के और प्राकृतिक सौंदर्य की अद्भुत नमूने हैं. प्रकृति का दर्शन करने वाले लोगों के लिए इन रेलवे स्टेशन को देखने के लिए जरूर जाना चाहिए.