भोपाल। गेल (GAIL) के प्रस्तावित प्लांट से मध्यप्रदेश में औद्योगीकरण की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है. दुनिया की सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित ये देश का सबसे बड़ा एथेन क्रैकर पेट्रोकेमिकल प्लांट होगा. नई दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में आयोजित बैठक में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक चंद्रमौली शुक्ला और गेल (इंडिया) लिमिटेड के निदेशक आरके सिंघल उपस्थित रहे. इसी दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर सहमति जताई.
परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण करने का निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा सीहोर जिले की आष्टा तहसील में लगाई जाने वाली देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है. मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा. मोहन यादव ने परियोजना के लिए आवश्यक भूमि आवंटन की शीघ्र कार्रवाई के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं.
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परियोजना में निवेश होंगे 60 हजार करोड़
बता दें कि सीहोर जिले की आष्टा तहसील में 60 हजार करोड़ की ये परियोजना देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना होगी. इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है. इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईजी और प्रोपेलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा. उम्मीद है कि इस परियोजना से करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. परियोजना के तहत 70 हेक्टेयर की टाउनशिप भी प्रस्तावित है. परियोजना का भूमिपूजन अगले साल फरवरी में हो सकता है.