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पेंच टाइगर रिजर्व के जानवरों के लिए देश का पहला लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे, देखें- क्या हैं इसकी खासियत

India first light sound proof NH : मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व के जानवरों के लिए देश का पहला लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे बनाया गया है. इसका असर भी दिखने लगा है. अब हाईवे पर जानवर मौत का शिकार नहीं हो रहे.

India first light sound proof NH
देश का पहला लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 28, 2024, 7:00 PM IST

देश का पहला लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे

छिंदवाड़ा। जंगली जानवरों को ध्वनि प्रदूषण और दुर्घटना से बचाने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व में एक अभिनव प्रयोग किया गया है. देश के पहले सबसे बड़े लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे के नतीजे भी दिखने लगे हैं. इसके बनने के बाद सड़क दुर्घटना में जंगली जानवरों की मौत के आंकड़े कम हुए हैं. इसके पहले हाईवे पर जानवर मौत का शिकार हो जाते थे. बता दें कि सिवनी से नागपुर की तरफ जाने वाले नेशनल हाईवे क्रमांक 44 पर पेंच टाइगर रिजर्व का बफर जोन लगता है.

India first light sound proof NH
पेंच टाइगर रिजर्व के जानवरों के लिए साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे

लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे से हादसे घटे

रिजर्व के जानवर हाईवे पर अक्सर आ जाते थे. इस दौरान जानवर वाहनों की चपेट में आ जाते थे. जिसमें बाघ से लेकर तेंदुआ और कई जंगली जानवर सड़क पर मौत के आगोश में समा जाते थे. पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है. साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे के निर्माण के कारण जंगली जानवर सड़कों पर नहीं आ पाते और आसानी से हाईवे के नीचे जंगल में बिना किसी परेशानी के घूम सकते हैं.

India first light sound proof NH
लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे का असर दिखने लगा

960 करोड़ रुपए की लागत से बना 29 किमी हाईवे

वाहनों की आवाज और रात के समय तेज लाइट की वजह से अधिकतर जंगली जानवर परेशान होते थे और कई बार लाइट की चकाचौंध में वाहनों की चपेट में भी आ जाते थे. जंगली जानवरों को इससे बचाने के लिए देश का पहले सबसे बड़ा साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे सिवनी से खवासा बीच 29 किलोमीटर लंबा बनाया गया है. इस पर करीब 960 करोड रुपए की लागत आई है. जंगलों के ऊपर से इस नेशनल हाईवे का निर्माण किया गया है, जिस कारण नीचे आसानी से जंगली जानवर घूम सकते हैं.

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हाईवे पर जानवरों के लिए बनाए गए 14 अंडरपास

मोहगांव से खवासा के बीच 3145 मीटर लंबाई के 14 अंडरपास बनाए गए हैं ताकि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी आसानी से विचरण कर सकें. हाइवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब ना करें, इसके लिए भी फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी की गई. नेशनल हाईवे के ऊपर हवा से बातें करते सरपट वाहन दौड़ते हैं लेकिन उनकी आवाज और लाइट नीचे जंगल में जानवरों तक नहीं पहुंचती है.

देश का पहला लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे

छिंदवाड़ा। जंगली जानवरों को ध्वनि प्रदूषण और दुर्घटना से बचाने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व में एक अभिनव प्रयोग किया गया है. देश के पहले सबसे बड़े लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे के नतीजे भी दिखने लगे हैं. इसके बनने के बाद सड़क दुर्घटना में जंगली जानवरों की मौत के आंकड़े कम हुए हैं. इसके पहले हाईवे पर जानवर मौत का शिकार हो जाते थे. बता दें कि सिवनी से नागपुर की तरफ जाने वाले नेशनल हाईवे क्रमांक 44 पर पेंच टाइगर रिजर्व का बफर जोन लगता है.

India first light sound proof NH
पेंच टाइगर रिजर्व के जानवरों के लिए साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे

लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे से हादसे घटे

रिजर्व के जानवर हाईवे पर अक्सर आ जाते थे. इस दौरान जानवर वाहनों की चपेट में आ जाते थे. जिसमें बाघ से लेकर तेंदुआ और कई जंगली जानवर सड़क पर मौत के आगोश में समा जाते थे. पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल हाईवे के निर्माण के बाद सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है. साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे के निर्माण के कारण जंगली जानवर सड़कों पर नहीं आ पाते और आसानी से हाईवे के नीचे जंगल में बिना किसी परेशानी के घूम सकते हैं.

India first light sound proof NH
लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे का असर दिखने लगा

960 करोड़ रुपए की लागत से बना 29 किमी हाईवे

वाहनों की आवाज और रात के समय तेज लाइट की वजह से अधिकतर जंगली जानवर परेशान होते थे और कई बार लाइट की चकाचौंध में वाहनों की चपेट में भी आ जाते थे. जंगली जानवरों को इससे बचाने के लिए देश का पहले सबसे बड़ा साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे सिवनी से खवासा बीच 29 किलोमीटर लंबा बनाया गया है. इस पर करीब 960 करोड रुपए की लागत आई है. जंगलों के ऊपर से इस नेशनल हाईवे का निर्माण किया गया है, जिस कारण नीचे आसानी से जंगली जानवर घूम सकते हैं.

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मोहगांव से खवासा के बीच 3145 मीटर लंबाई के 14 अंडरपास बनाए गए हैं ताकि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी आसानी से विचरण कर सकें. हाइवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब ना करें, इसके लिए भी फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी की गई. नेशनल हाईवे के ऊपर हवा से बातें करते सरपट वाहन दौड़ते हैं लेकिन उनकी आवाज और लाइट नीचे जंगल में जानवरों तक नहीं पहुंचती है.

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