देहरादून: टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आज नामांकन दाखिल किया. नामांकन से पहले बॉबी पवार ने सैकड़ों की तादाद में युवाओं और जौनसारी परिधान में सजी महिलाओं के साथ परेड ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला. इस दौरान बॉबी पंवार का समर्थन कर रहे उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता भी काफी संख्या में शामिल हुए. वहीं, बॉबी पंवार के समर्थन में आए युवाओं में काफी उत्साह देखने को मिला.
पेपर लीक आंदोलन से सुर्खियों में आए बॉबी पंवार: उत्तराखंड में पेपर लीक आंदोलन की वजह से सुर्खियों में आए बॉबी पंवार ने टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनावी ताल ठोकी है. बॉबी पंवार बेरोजगार संघ के अध्यक्ष भी हैं. बॉबी पंवार ने ही यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में धांधली का खुलासा किया था. उन्होंने पेपर लीक मामले में सीएम धामी से मुलाकात कर जांच की मांग उठाई थी. जिसके बाद सीएम धामी के निर्देश पर एसटीएफ ने पूरे मामले की जांच की और आरोपियों की गिरफ्तारियां शुरू की.
अभी तक पेपर लीक मामले में 62 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा बॉबी पंवार ने अन्य विभागों में हुए धांधली का खुलासा भी किया. बॉबी पंवार पिछले कई सालों से बेरोजगार युवकों की आवाज उठाने का काम कर रहे हैं. पिछले साल भी बॉबी पंवार के नेतृत्व में गांधी पार्क पर हजारों की संख्या युवक-युवतियों ने धरना दिया था.
जिसके बाद पथराव और लाठीचार्ज की घटना होने के बाद बॉबी पंवार की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही बॉबी पंवार की जमानत हो गई थी. वहीं, अब बॉबी पंवार चुनावी दंगल में उतर गए हैं. माना जा रहा है कि बॉबी पंवार टिहरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह और कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला को टक्कर दे सकते हैं.
क्या बोले निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार? वहीं, टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय लड़ रहे प्रत्याशी बॉबी पंवार का कहना है कि टिहरी संसदीय क्षेत्र काफी बड़ा है. इस संसदीय क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, जो लंबे समय से देखने को मिल रही है. जिस तरह आज नामांकन के दौरान जनसैलाब आया, उससे साबित होता है कि टिहरी लोकसभा सीट के लोग बदलाव चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन बचाने की कोशिश की जाएगी. प्रदेश में बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है और रोजगार के युवा दर-दर भटक रहा है. पहाड़ों की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हालत में है. इस लड़ाई को लड़ने के लिए जनता ने समर्थन दिया है. जिस तरह से लंबे समय से वो संघर्ष करते आ रहे हैं, उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा.
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