गिरिडीहः गांडेय में एनडीए के घटक दल आजसू से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे अर्जुन बैठा अपनी जीत का दावा पेश कर रहे हैं. ईटीवी भारत से अर्जुन बैठा से खास बातचीत की. बातचीत में अर्जुन बैठा ने गांडेय विधानसभा उपचुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित बताया.
उन्होंने कहा कि लंबे समय से गांडेय की जनता लोकल उम्मीदवार की मांग कर रही थी. उन्होंने कहा कि आजसू सुप्रीमो उन्हें गांडेय से टिकट दिलवाने में सफल नहीं हो पाए. जिस कारण वह जनता और अपने समर्थकों की मांग पर चुनावी मैदान में उतरे हैं. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरने का फैसला गांडेय की जनता और उनके समर्थकों का है. जनता और समर्थकों के मान सम्मान के लिए और गांडेय विधानसभा के मान को बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है.
अर्जुन बैठा ने कहा कि गांडेय को बचाना है और यहां से बाहरी नेता को भगाना है. गांडेय की जनता अब लोकल उम्मीदवार का प्रतिनिधित्व चाहती है. कहा चुनाव से पहले सभी दल गांडेय में लोकल उम्मीदवार को मौका देने की बात करते थे, मगर चुनाव के समय बाहरी लोगों को थोपने का काम किया गया है. जिससे जनता में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि गांडेय की जनता की लोकल उम्मीदवार की मांग उनके जीत की राह को आसान बनाएगी.
अर्जुन बैठा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी और कल्पना सोरेन बड़े नेता हैं, उनसे जनता सीधे रूबरू नहीं हो पाती है. मगर अर्जुन बैठा गांडेय के लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ा हुआ है. गांडेय की जनता ने अपनी उम्मीदों को पूरा करने और गांडेय के विकास के लिए अर्जुन बैठा को चुना है. कहा जनता ने मूड बना लिया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि गांडेय की जनता की जीत होगी.
बहरहाल अर्जुन बैठा चुनाव में जीत का दावा तो कर रहे हैं मगर उनके चुनावी मैदान में उतरने से गांडेय का गणित बिगड़ गया है और राजनीति और भी गरमा गई है. अर्जुन बैठा के चुनावी समर में उतरने से एनडीए के वोट में बिखराव की संभावना बन गई है और इसका लाभ झामुमो की उम्मीदवार कल्पना सोरेन को मिलने की बात भी कही जा रही है.
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