गोड्डाः लोकसभा चुनाव 2024 में एक-एक बातें मुद्दों की शक्ल में सियासी बहस का केंद्र बन रहा है. गोड्डा संसदीय सीट पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. यहां एक करोड़ बीस लाख की रकम पहेली बनती जा रही है. वहीं इसको लेकर भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी में सियासी बयानबाजी खूब हो रही है.
एक तरफ भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे ने अपने नामांकन पत्र के हलाफनामे ने लिखा है कि उन्होंने एक करोड़ 20 लाख की रकम बतौर कर्ज अभिषेक झा से लिया है. लेकिन अभिषेक झा जिसने निर्दलीय नामांकन किया है उन्होंने अपने हलफनामे में इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया है. वहीं इसे लेकर गोड्डा से सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव ने आपत्ति दर्ज की है.
इस पूरे मामले पर अब अभिषेक झा का बयान भी सामने आ गया है. गुरुवार को मीडिया के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये बात निशिकांत दुबे को बताना चाहिए को उन्होंने किस अभिषेक झा से एक करोड़ बीस लाख ले रखा है. अगर मैंने उन्हें कर्ज दिया है तो वे प्रमाण दें कि ये राशि चेक से या फिर RTGS या फिर ऑनलाइन का प्रमाण दें. अभिषेक झा ने कहा कि क्या पता निशिकांत दुबे ने किस अभिषेक झा से इतनी बड़ी रकम ली है, कहीं ये ईडी की रेड वाला अभिषेक झा तो नहीं.
गोड्डा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार अभिषेक झा ने भाजपा प्रत्याशी पर तंज कसते हुए कहा कि लोग बाबा धाम अपनी मनोकामना के लिए आते हैं या फिर जमीन का कोई छोटा सा टुकड़ा घर बनाने के लिए लेते हैं. लेकिन आप सबको पता है कि सैकड़ों एकड़ जमीन देवघर के हर रास्ते में ट्रस्ट के नाम पर तो किसी और के साथ जुड़कर किसने लिया है, ये सबको पता है.
अभिषेक झा ने का कि एक व्यक्ति हलाफनामे में कर्ज कि बात लिखता है और दूसरा इस मामले को उठाता है. उन्होंने इस मामले की जांच की बात और न्यायलय की शरण में जाने की बात कही है. बता दें कि एक दिन पूर्व ही इस मुद्दे को लेकर भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के पोलिंग एजेंट राजीव मेहता ने कहा था कि निशिकांत दुबे ने अपनी बात हलफनामे में लिख दी है. अगर अभिषेक झा ने नहीं लिखा तो उनको जवाब देना चाहिए. इसी बात का जवाब भी अभिषेक झा की ओर से आ गया है.
कौन हैं निर्दलीय प्रत्याशी अभिषेक झा
अभिषेक आनंद झा पूर्व मुख्यमंत्री विनोदनंद के परपोत्र हैं. पूर्व में मधपुर से 2009 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी से हारे थे. भाजपा के राजपालीवार का टिकट काट कर अभिषेक झा को मिला था. जिसमें निशिकांत दुबे की भूमिका मानी जाती थी और लंबे समय तक वे निशिकांत दुबे के करीबी भी रहे.