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प्राथमिक विद्यालय के मिड-डे-मील बजट में बढ़ोत्तरी, 1 दिसंबर से लागू होंगी नई दरें - INCREASE MID DAY MEAL BUDGET 2024

1 दिसंबर से बेसिक स्कूलों में पढ़ रहे, बच्चों की थाली का आहार होगा और बेहतर.

1 दिसंबर से बेसिक स्कूलों में पढ़ रहे, बच्चों की थाली का आहार होगा और बेहतर
मिड-डे-मील बजट में बढ़ोत्तरी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 4:20 PM IST

लखनऊ: 1 दिसंबर से प्राथमिक और उच्च्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाला आहार और बेहतर होने जा रहा है. मध्याह्न भोजन योजना के तहत मिलने वाला, यह आहार अब और पोषणयुक्त होगा. इसके लिए सरकार ने बजट को और बढ़ा दिया है. पीएम पोषण योजना (मध्यान्ह भोजन) की यह धनराशि लंबे समय बाद बढ़ाई गई है, नई दरें 1 दिसंबर से लागू हो रही हैं.

प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों की थाली के लिए जहां 72 पैसे बढ़ाए गए हैं, वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले, छात्र-छात्राओं के लिए 1 रुपये 12 पैसे की वृद्धि की गई है. बेसिक शिक्षा परिषद के पूरे प्रदेश में 132000 से अधिक विद्यालय संचालित है. जहां पर करीब 1 करोड़ 90 लाख बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं. जिन्हें दिन में एक वक्त का खाना, मिड डे मील योजना के तहत दिया जाता है.

अब प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के आहार के लिए 6 रुपये 19 पैसे, और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 9 रुपये 29 पैसे प्रति छात्र, दर की गई है. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली शिक्षा, और साक्षरता विभाग के पीएम पोषण डिवीजन की ओर से, पत्र जारी कर दिया गया है. यह योजना केंद्र राज्य भागीदारी के आधार पर चलती है. इसकी शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई थी.

उत्तर प्रदेश में यह योजना 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत, राज्य सरकार की फंडिंग से संचालित की जा रही है. नई दरों में प्राथमिक विद्यालयों में 3 रुपये 71 पैसे प्रति छात्र केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा, जबकि राज्य सरकार का योगदान 2 रुपये 48 पैसे होगा. इसी प्रकार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में केंद्र का योगदान 5 रुपये 57 पैसे होगा, जबकि राज्य का योगदान 3 रुपये 72 पैसे होगा.

शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूली शिक्षा और साक्षरत्ता व केंद्रीय वित्त मंत्रालय और राज्य सरकार के अंशदान से, यह योजना देशभर में 1 दिसंबर से लागू होगी. हालांकि पूर्वोत्तर और केंद्र शासित राज्यों के लिए अलग दरें निर्धारित की गई हैं.

श्याम किशोर तिवारी, एडी, बेसिक शिक्षा - यह समय-समय पर महंगाई और अन्य कारणों की वजह से बढ़ाई जाती है. ताकि बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में कमी न आने पाए. प्राथमिक विद्यालयों में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों के होते हैं. ऐसे बच्चों को कैलोरी युक्त आहार और पोषण प्राप्त होगा.

यह भी पढ़ें : लोहिया की इमरजेंसी फार्मेसी में फिर जीवनरक्षक दवाओं का घपला

लखनऊ: 1 दिसंबर से प्राथमिक और उच्च्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाला आहार और बेहतर होने जा रहा है. मध्याह्न भोजन योजना के तहत मिलने वाला, यह आहार अब और पोषणयुक्त होगा. इसके लिए सरकार ने बजट को और बढ़ा दिया है. पीएम पोषण योजना (मध्यान्ह भोजन) की यह धनराशि लंबे समय बाद बढ़ाई गई है, नई दरें 1 दिसंबर से लागू हो रही हैं.

प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों की थाली के लिए जहां 72 पैसे बढ़ाए गए हैं, वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले, छात्र-छात्राओं के लिए 1 रुपये 12 पैसे की वृद्धि की गई है. बेसिक शिक्षा परिषद के पूरे प्रदेश में 132000 से अधिक विद्यालय संचालित है. जहां पर करीब 1 करोड़ 90 लाख बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं. जिन्हें दिन में एक वक्त का खाना, मिड डे मील योजना के तहत दिया जाता है.

अब प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के आहार के लिए 6 रुपये 19 पैसे, और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 9 रुपये 29 पैसे प्रति छात्र, दर की गई है. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली शिक्षा, और साक्षरता विभाग के पीएम पोषण डिवीजन की ओर से, पत्र जारी कर दिया गया है. यह योजना केंद्र राज्य भागीदारी के आधार पर चलती है. इसकी शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई थी.

उत्तर प्रदेश में यह योजना 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत, राज्य सरकार की फंडिंग से संचालित की जा रही है. नई दरों में प्राथमिक विद्यालयों में 3 रुपये 71 पैसे प्रति छात्र केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा, जबकि राज्य सरकार का योगदान 2 रुपये 48 पैसे होगा. इसी प्रकार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में केंद्र का योगदान 5 रुपये 57 पैसे होगा, जबकि राज्य का योगदान 3 रुपये 72 पैसे होगा.

शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूली शिक्षा और साक्षरत्ता व केंद्रीय वित्त मंत्रालय और राज्य सरकार के अंशदान से, यह योजना देशभर में 1 दिसंबर से लागू होगी. हालांकि पूर्वोत्तर और केंद्र शासित राज्यों के लिए अलग दरें निर्धारित की गई हैं.

श्याम किशोर तिवारी, एडी, बेसिक शिक्षा - यह समय-समय पर महंगाई और अन्य कारणों की वजह से बढ़ाई जाती है. ताकि बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में कमी न आने पाए. प्राथमिक विद्यालयों में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों के होते हैं. ऐसे बच्चों को कैलोरी युक्त आहार और पोषण प्राप्त होगा.

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