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भरतपुर के इस स्कूल में एक छात्रा की शिक्षा पर आता है सालाना 40 लाख का खर्च, जानें खासियत - Bharatpur latest news

40 lakhs spent on a girl student, राजस्थान के भरतपुर में एक इंग्लिश मीडियम स्कूल ऐसा भी हैं, जहां एक छात्रा को पढ़ाने के लिए छह वरिष्ठ शिक्षक लगाए गए हैं. यानी एक बालिका की शिक्षा के लिए स्टाफ पर करीब 40 लाख रुपए सालाना खर्चा किया जा रहा है.

40 lakhs spent on a girl student
40 lakhs spent on a girl student
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 8, 2024, 6:32 AM IST

Updated : Feb 8, 2024, 6:45 AM IST

विद्यालय के प्राचार्य राकेश कुमार

भरतपुर. अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश भर में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए. कई स्कूलों में अभी तक बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, जबकि भरतपुर में एक इंग्लिश मीडियम स्कूल ऐसा भी हैं, जहां एक छात्रा को पढ़ाने के लिए 6 वरिष्ठ शिक्षक लगाए गए हैं. यानी एक बालिका की शिक्षा के लिए स्टाफ पर करीब 40 लाख रुपए सालाना खर्चा किया जा रहा है. इसे शिक्षा विभाग की अदूरदर्शिता ही कहेंगे कि इन वरिष्ठ शिक्षकों का शिक्षा के लिए उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. सही मायने में आज भी कई स्कूलों के छात्रों को शिक्षकों के अभाव में शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

सिर्फ 9वी कक्षा में एक विद्यार्थी : असल में शहर के जामा मस्जिद क्षेत्र में वर्ष 2022 में एसबीके इंग्लिश मीडियम स्कूल की घोषणा हुई. स्कूल का संचालन सत्र 2022-23 में ही शुरू हो गया. हालांकि, यहां सत्र देर से शुरू हुआ. वहीं, स्कूल प्राचार्य राकेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में स्कूल में कुल 89 विद्यार्थी (इनमें 41 छात्रा) अध्ययनरत हैं. इनमें 9वी कक्षा में महज एक छात्रा अध्ययनरत है.

40 lakhs spent on a girl student
जिले का सबसे महंगा सरकारी स्कूल

इसे भी पढ़ें - 2 फरवरी से अनिवार्य रूप से पहननी होगी नई School Uniform, करीब 30 हजार छात्र अब भी महरूम

एक विद्यार्थी पर 6 वरिष्ठ अध्यापक : प्राचार्य राकेश कुमार ने बताया कि स्कूल में कुल 16 का स्टाफ है, जिसमें 6 वरिष्ठ शिक्षक हैं. नियमानुसार ये वरिष्ठ शिक्षक 9वी से 12वी कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए योग्य हैं, लेकिन स्कूल में 9वी कक्षा में एक छात्रा के अलावा 10वी, 11वी और 12वी कक्षा में एक भी विद्यार्थी नहीं है. ऐसे में इन वरिष्ठ शिक्षकों से 6वी से 8वी कक्षा में शिक्षण कार्य कराया जाता है.

एक विद्यार्थी पर सालाना 40 लाख खर्च : सही मायने में देखा जाए तो इन वरिष्ठ शिक्षकों की योग्यता के अनुरूप इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है. सरकार की तरफ से प्रत्येक वरिष्ठ शिक्षक को प्रति माह करीब 60-60 हजार का वेतन दिया जा रहा है. यानी एक छात्रा को पढ़ाने के लिए 6 शिक्षकों को साल का करीब 43 लाख रुपए का वेतन दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें - District Ranking : शिक्षा मंत्री का जिला टॉप 10 से बाहर, ये है बाकी जिलों का हाल

या तो नामांकन बढ़ाएंगे, नहीं तो स्थानांतरण : सहायक निदेशक श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह बात सही है कि स्कूल में 9वी कक्षा में एक विद्यार्थी के अलावा 10वी से 12वी तक कोई विद्यार्थी नहीं है, जबकि वरिष्ठ अध्यापक 9 से 12 कक्षा में ही अध्यापन कार्य कर सकते हैं. प्राचार्य को बोला जाएगा कि या तो नए सत्र में नामांकन बढ़ाएं, नहीं तो वरिष्ठ अध्यापकों के स्थानांतरण किए जाएंगे. नियमानुसार पहली कक्षा से 5 वी तक 150 विद्यार्थी का नामांकन होना चाहिए. उसके बाद प्रति कक्षा 35 छात्रों का नामांकन होना चाहिए. फिलहाल एसबीके इंग्लिश मीडियम स्कूल में वरिष्ठ अध्यापकों का मुश्किल से .1% ही उपयोग है.

विद्यालय के प्राचार्य राकेश कुमार

भरतपुर. अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश भर में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए. कई स्कूलों में अभी तक बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, जबकि भरतपुर में एक इंग्लिश मीडियम स्कूल ऐसा भी हैं, जहां एक छात्रा को पढ़ाने के लिए 6 वरिष्ठ शिक्षक लगाए गए हैं. यानी एक बालिका की शिक्षा के लिए स्टाफ पर करीब 40 लाख रुपए सालाना खर्चा किया जा रहा है. इसे शिक्षा विभाग की अदूरदर्शिता ही कहेंगे कि इन वरिष्ठ शिक्षकों का शिक्षा के लिए उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. सही मायने में आज भी कई स्कूलों के छात्रों को शिक्षकों के अभाव में शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

सिर्फ 9वी कक्षा में एक विद्यार्थी : असल में शहर के जामा मस्जिद क्षेत्र में वर्ष 2022 में एसबीके इंग्लिश मीडियम स्कूल की घोषणा हुई. स्कूल का संचालन सत्र 2022-23 में ही शुरू हो गया. हालांकि, यहां सत्र देर से शुरू हुआ. वहीं, स्कूल प्राचार्य राकेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में स्कूल में कुल 89 विद्यार्थी (इनमें 41 छात्रा) अध्ययनरत हैं. इनमें 9वी कक्षा में महज एक छात्रा अध्ययनरत है.

40 lakhs spent on a girl student
जिले का सबसे महंगा सरकारी स्कूल

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एक विद्यार्थी पर 6 वरिष्ठ अध्यापक : प्राचार्य राकेश कुमार ने बताया कि स्कूल में कुल 16 का स्टाफ है, जिसमें 6 वरिष्ठ शिक्षक हैं. नियमानुसार ये वरिष्ठ शिक्षक 9वी से 12वी कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए योग्य हैं, लेकिन स्कूल में 9वी कक्षा में एक छात्रा के अलावा 10वी, 11वी और 12वी कक्षा में एक भी विद्यार्थी नहीं है. ऐसे में इन वरिष्ठ शिक्षकों से 6वी से 8वी कक्षा में शिक्षण कार्य कराया जाता है.

एक विद्यार्थी पर सालाना 40 लाख खर्च : सही मायने में देखा जाए तो इन वरिष्ठ शिक्षकों की योग्यता के अनुरूप इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है. सरकार की तरफ से प्रत्येक वरिष्ठ शिक्षक को प्रति माह करीब 60-60 हजार का वेतन दिया जा रहा है. यानी एक छात्रा को पढ़ाने के लिए 6 शिक्षकों को साल का करीब 43 लाख रुपए का वेतन दिया जा रहा है.

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या तो नामांकन बढ़ाएंगे, नहीं तो स्थानांतरण : सहायक निदेशक श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह बात सही है कि स्कूल में 9वी कक्षा में एक विद्यार्थी के अलावा 10वी से 12वी तक कोई विद्यार्थी नहीं है, जबकि वरिष्ठ अध्यापक 9 से 12 कक्षा में ही अध्यापन कार्य कर सकते हैं. प्राचार्य को बोला जाएगा कि या तो नए सत्र में नामांकन बढ़ाएं, नहीं तो वरिष्ठ अध्यापकों के स्थानांतरण किए जाएंगे. नियमानुसार पहली कक्षा से 5 वी तक 150 विद्यार्थी का नामांकन होना चाहिए. उसके बाद प्रति कक्षा 35 छात्रों का नामांकन होना चाहिए. फिलहाल एसबीके इंग्लिश मीडियम स्कूल में वरिष्ठ अध्यापकों का मुश्किल से .1% ही उपयोग है.

Last Updated : Feb 8, 2024, 6:45 AM IST
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