जोधपुर : आरएएस प्रियंका बिश्नोई की मृत्यु के मामले में उनके परिवार, समाज और समाज के संतों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में परिवार ने अस्पताल और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. इस मामले में निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
रामनिवास बुद्धनगर ने बताया कि प्रियंका बिश्नोई को 5 सितंबर 2024 को जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मामूली सर्जरी के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद 7 सितंबर को उन्हें अहमदाबाद के CIMS अस्पताल रेफर किया गया. अस्पताल ने उन्हें श्वसन समस्या (हाइपोक्सिया) से ग्रस्त बताया था. बता दें कि प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के लिए एम्स में धरना भी दिया था, लेकिन नियमों के चलते मामला दर्ज नहीं हुआ था. इस दौरान जिला कलेक्टर और जयपुर से गठित टीमों ने मामले की जांच की, लेकिन अभी तक सटीक आंकलन सामने नहीं आया है. इस बीच दो दिन पहले एक अदालत ने चार डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया, जिस पर केस दर्ज हुआ है. ज्ञापन देने वालों परसराम विश्नोई, रामपाल भवाद, रामनिवास बुद्धनगर, भेराराम भादू सहित अन्य शामिल हुए.
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मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट नहीं मिली : 18 सितंबर 2024 को प्रियंका की मृत्यु हुए थी. अस्पताल ने श्वसन विफलता को मृत्यु का कारण बताया, परिजनों के अनुरोध पर एम्स में मेडिकल बोर्ड गठित हुआ, लेकिन रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हुई है. ज्ञापन के अनुसार पोस्टमॉर्टम के बाद भी मृत्यु का स्पष्ट कारण सामने नहीं आने से परिवार में असंतोष है. परिवार का आरोप है कि घटना के तुरंत बाद FIR दर्ज नहीं की गई और इसे कोर्ट के आदेश पर एक महीने बाद दर्ज किया गया, जो पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है. इसके चलते परिवार ने मुख्यमंत्री से मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है, ताकि प्रियांका को न्याय मिल सके और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो.